For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

ज़िन्दगी - एक मंच । (अतुकांत कविता)

ख़ूबसूरत मंच है, ज़िन्दगी,
हर राह, एक नया तज़ुर्बा,
ख़ुदा की नेमतों से,
मिला ये मौका हमें,
कि बन एक उम्दा कलाकार,
अदा कर सकें अपना किरदार,
कर लें वह सब,
जो भी हो जाए मुमकिन,
खुद भी मसर्रत हासिल रहे,
औरों के चेहरे की ख़ुशी भी कायम रहे,
और न रहे रुख़सती पर यह मलाल,
कि हम क्या कुछ कर सकते थे,
चूक गए, और वक़्त मिल जाता,
तो ये कर लेते, कि वो कर लेते,
इस मंच को जी लें हम भरपूर,
और हो जाएँ फना फिर सुकून से
एक ख़ूबसूरत मुस्कुराहट के साथ।


मौलिक और अप्रकाशित।

Views: 819

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Samar kabeer on December 8, 2019 at 2:43pm

मुहतरमा ऊषा जी आदाब,अच्छी कविता लिखी आपने,बधाई स्वीकार करें ।

'हर राह, एक नया तज़ुर्बा'

इस पंक्ति में 'तज़ुर्बा' शब्द ग़लत है,

सहीह शब्द है "तज्रिब:"

'खुद भी मसर्रत हासिल रहे'

इस पंक्ति में वाक्य ठीक नहीं,यूँ लिखें:-

"खुद भी मसर्रत हासिल करें"

Comment by Usha on December 7, 2019 at 1:05pm
आदरणीय श्री लक्ष्मण जी, कविता आपको पसंद आई, ह्रदय से आपका आभार। सादर।
Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on December 7, 2019 at 11:08am

आ. ऊषा जी, अच्छी कविता हुई है । हार्दिक बधाई।

Comment by Usha on December 3, 2019 at 6:26pm
आदरणीय विजय शंकर सर, कविता आपको पसंद आयी, ह्रदय से आभार। सादर।
Comment by Dr. Vijai Shanker on December 3, 2019 at 2:21am

आदरणीय सुश्री डॉo उषा जी , इस दार्शनिक अतुकांत प्रस्तुति पर बधाई , सादर।

Comment by Usha on December 2, 2019 at 10:40pm
आदरणीय प्रदीप सर, आपको कविता पसंद आई। आभार ।सादर ।
Comment by प्रदीप देवीशरण भट्ट on December 2, 2019 at 6:34pm

बेहतरीन, ज़िंदगी का फलसफा बयाँ करती कविता बधाई

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Mamta gupta posted a blog post

ग़ज़ल

मुझ को मेरी मंज़िल से मिला क्यूँ नहीं देते आख़िर मुझे तुम अपना पता क्यूँ नहीं देतेजज़्बात के शोलों को…See More
yesterday
Amod Kumar Srivastava posted a blog post

संबंध

"इस रात की खामोशी में, मुझे चीखने दो,फिर एक बार, मैं ठहर जाऊंगा ....चरागों का धुआं कुछ कह गया,जैसे…See More
yesterday
Aazi Tamaam posted a blog post

ग़ज़ल ; पतझड़ के जैसा आलम है विरह की सी पुरवाई है

२२ २२ २२ २२ २२ २२ २२ २पतझड़ के जैसा आलम है विरह की सी पुरवाई हैये कैसा मौसम आया है जिसका रंग ज़ुदाई…See More
yesterday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-172

परम आत्मीय स्वजन,ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 172 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का…See More
Monday
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 160

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  …See More
Monday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-167
"जितनी भी कोशिश करो, रहता नहीं अखण्ड। रावण  हो  या  राम का, टिकता नहीं…"
Sunday
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-167
"हार्दिक आभार आदरणीय "
Sunday
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-167
"हार्दिक आभार आदरणीय दिनेश कुमार जी"
Sunday
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-167
"हार्दिक आभार आदरणीय "
Sunday
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-167
"सारगर्भित मुक्तकों के लिए बधाई प्रेषित है आदरणीय..सादर"
Sunday
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-167
"आदरणीय दिनेशकुमार विश्वकर्मा जी, प्रोत्साहन के लिए हार्दिक आभार।"
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-167
"आदरणीया, प्रतिभा पाण्हे जी,बहुत सरल, सार-गर्भित कुण्डलिया छंद हुआ, बधाई, आपको"
Sunday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service