For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

गणतंत्र - एक सूक्ष्म कविता - डॉo विजय शंकर

सूक्ष्म कविता - गणतंत्र - डॉo विजय शंकर

गण का तंत्र
या
तंत्र का गण ?

मौलिक एवं अप्रकाशित

Views: 606

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Dr. Vijai Shanker on February 4, 2019 at 4:51am

आदरणीय सुरेन्द्रनाथ कुशक्षत्रप जी , आपका ह्रदय से आभार एवं धन्यवाद , सादर।

Comment by नाथ सोनांचली on January 30, 2019 at 10:42pm

आद0डॉ विजय शंकर जी सादर अभिवादन। प्रश्न छोड़ती इस सूक्ष्म कविता पर आपको बधाई देता हूँ। सादर

Comment by Dr. Vijai Shanker on January 30, 2019 at 6:41am

आदरणीय समर कबीर साहब , नमस्कार , आपका बहुत बहुत आभार , बात कितनी भी छोटी हो आपकी नज़र में आ ही जाती है।आभार। न जाने क्यों कभी कभी मुझे लगता है कि क्या हमारी समस्याएं सच में इतनी बड़ी हैं या बस बात इतनी सी है कि सही छोर हाथ नहीं लग रहा है वरना उलझाव इतना भी नहीं है कि गुच्छा सुलझ न सके। आपकी विशद सराहना के लिए ह्रदय से बहुत बहुत आभार। बधाई के लिए दिल से धन्यवाद , सादर।

Comment by Dr. Vijai Shanker on January 30, 2019 at 6:27am

आदरणीय शैख़ शहजाद उस्मानी जी , आभार ! आपकी नज़र का जो पद ही गई वरना मुझे तो लगा था कि शायद ही किसी की नज़र में आये यह सूक्ष्म कविता।
कोशिश तो हाईकू की भी कर लेते हैं पर यह तो मात्र एक सूक्ष्म प्रश्न है , अक्सर हम अपने सामने की सर्वोच्च प्राथमिकताओं पर ध्यान ले ही नहीं जा पाते और एक ढपली बजाते रह जाते हैं। बस , लक्ष्य उसी को उजागर करना था , सफल भी हुआ , आपने सराहा , बहुत बहुत धन्यवाद। सादर।

Comment by Samar kabeer on January 28, 2019 at 3:06pm

जनाब डॉ. विजय शंकर जी आदाब,क्या बात है,वाह, दो पंक्तियों में आपने पूरी किताब लिख दी,इसे कहते हैं हुस्न-दस्तकारी, बहुत ख़ूब इस शानदार प्रस्तुति पर दिल से बधाई स्वीकार करें ।

Comment by Sheikh Shahzad Usmani on January 28, 2019 at 10:58am

वाह। बेहतरीन सारगर्भित कटाक्ष, विचारोत्तेजक सृजन। हार्दिक बधाई आदरणीय डॉ. विजय शंकर साहिब। हाइकु काव्य-विधा में भी 17 वर्ण व्यवस्था 5-7-5 परिपालन करते हुए बीच की पंक्ति में 'या' के स्थान पर 7 वर्णों की लघु पंक्ति जोड़ कर बेहतरीन संदेश वाहक हाइकु आप कह सकते हैं। यथा : गण का तंत्र (5) सत्ता,जत्था,व्यवस्था (7)[आधा वर्ण नहीं गिना जाता)
तंत्र का गण। (5)

वैसे क्या आप हाइकु भी लिखते रहे हैं?

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Dayaram Methani replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"आदरणीय शिज्जु "शकूर" जी, पोस्ट पर आने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद।"
1 hour ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"पगों  के  कंटकों  से  याद  आयासफर कब मंजिलों से याद आया।१।*हमें …"
4 hours ago
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"आदरणीय नीलेश जी सादर अभिवादन आपका बहुत शुक्रिया आपने वक़्त निकाला मतला   उड़ने की ख़्वाहिशों…"
4 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
शिज्जु "शकूर" replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"उन्हें जो आँधियों से याद आया मुझे वो शोरिशों से याद आया अभी ज़िंदा हैं मेरी हसरतें भी तुम्हारी…"
5 hours ago
Nilesh Shevgaonkar replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"आ. शिज्जू भाई,,, मुझे तो स्कॉच और भजिये याद आए... बाकी सब मिथ्याचार है. 😁😁😁😁😁"
7 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"तुम्हें अठखेलियों से याद आया मुझे कुछ तितलियों से याद आया  टपकने जा रही है छत वो…"
7 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
शिज्जु "शकूर" replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"आदरणीय दयाराम जी मुशायरे में सहभागिता के लिए हार्दिक बधाई आपको"
7 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
शिज्जु "शकूर" replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"आदरणीय निलेश नूर जीआपको बारिशों से जाने क्या-क्या याद आ गया। चाय, काग़ज़ की कश्ती, बदन की कसमसाहट…"
7 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
शिज्जु "शकूर" replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"आदरणीय जयहिंद रायपुरी जी, मुशायरे के आग़ाज़ के लिए हार्दिक बधाई, शेष आदरणीय नीलेश 'नूर'…"
7 hours ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"ग़ज़ल — 1222 1222 122 मुझे वो झुग्गियों से याद आयाउसे कुछ आँधियों से याद आया बहुत कमजोर…"
8 hours ago
Nilesh Shevgaonkar replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"अभी समर सर द्वारा व्हाट्स एप पर संज्ञान में लाया गया कि अहद की मात्रा 21 होती है अत: उस मिसरे को…"
8 hours ago
Nilesh Shevgaonkar replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"कहाँ कुछ मंज़िलों से याद आया सफ़र बस रास्तों से याद आया. . समुन्दर ने नदी को ख़त लिखा है मुझे इन…"
10 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service