For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

कौन कितना है मदारी जानते हो

2122 2122 2122


खेल क्या तुम भी सियासी जानते हो ।
कौन कितना है मदारी जानते हो ।।

फैसला ही जब पलट कर चल दिये तुम।।
फिर मिली कैसी निशानी जानते हो।।

हो रहा  है देश का सौदा कहीं  पर ।
खा  रहे  कितने  दलाली  जानते  हो।।

मसअले पर था ज़रूरी मशविरा भी ।
तुम  हमारी  शादमानी  जानते हो।।

दांव पर  बस  दांव  लगते  जा रहे हैं ।
हो गयी ख़्वाहिश जुआरी जानते हो।।

लोग हैराँ  हो  रहे  हैं  देखकर यह ।
तुम सितम की  तर्जुमानी  जानते हो।।

झपकियों पर क्यूँ उठी हैं उंगलियां ये ।
किस तरह  रातें गुज़ारी जानते  हो।।

हाले दिल बस पूछते हो बारहा तुम ।
क्यों गिरा आंखों से पानी जानते हो ।।

चन्द उम्मीदों की ख़ातिर सांस जिंदा ।
यार तुम  ये  बेक़रारी  जानते   हो ।।

मैं अदा कैसे  करूँगा  कर्ज   कोई।
बेटियां  घर  में  सयानी जानते हो।।

वक्त पर परखा  गया वह आदमी जब ।
सारा जुमला  है  चुनावी जानते हो ।।

        -- डॉ नवीन मणि त्रिपाठी
           मौलिक अप्रकाशित



Views: 604

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by बृजेश कुमार 'ब्रज' on December 22, 2018 at 12:06pm

वाह बढ़िया आदरणीय त्रिपाठी जी..

Comment by डॉ छोटेलाल सिंह on December 19, 2018 at 8:57am

आदरणीय डॉ नवीन मणि जी यथार्थ को आईना दिखातीबहुत ही सुंदर रचना के लिए हार्दिक बधाई

Comment by राज़ नवादवी on December 18, 2018 at 7:35pm

आदरणीय समर कबीर साहब/ नवीन मणि त्रिपाठी जी, मुझे स्पष्टता प्रदान करने के लिए हार्दिक आभार. सादर 

Comment by Naveen Mani Tripathi on December 18, 2018 at 7:24pm

आ0 समर कबीर सर सादर नमन के साथ आभार । आ0 राज नावादवी साहब तहे दिल से शुक्रिया । आप से सहमत हूँ । मिसरा बदल दिया ।

रात कैसे है गुज़ारी जानते हो ।।

Comment by Samar kabeer on December 18, 2018 at 3:56pm

// 
इस शेर में चूँकि 'मैंने' या 'हमने' छुपा है, और गुज़ारना' 'रातों' के लिए आया है जो बहुवचन है, मेरे ख़याल से 'गुज़ारी' के बदले 'गुजारीं ' लफ्ज़ आएगा, और उस सूरत क़ाफिया दोषपूर्ण हो जाएगा. क्या मैं सही सोच रहा हूँ?//

सहमत हूँ आपसे ।

Comment by राज़ नवादवी on December 18, 2018 at 3:47pm

आदरणीय नवीन मणि त्रिपाठी जी एवं जनाब समर कबीर साहब, मेरी एक शंका है, 

झपकियों पर क्यूँ उठी हैं उंगलियां ये ।
किस तरह  रातें गुज़ारी जानते  हो।।

इस शेर में चूँकि 'मैंने' या 'हमने' छुपा है, और गुज़ारना' 'रातों' के लिए आया है जो बहुवचन है, मेरे ख़याल से 'गुज़ारी' के बदले 'गुजारीं ' लफ्ज़ आएगा, और उस सूरत क़ाफिया दोषपूर्ण हो जाएगा. क्या मैं सही सोच रहा हूँ? वैसे सुन्दर ग़ज़ल के लिए हार्दिक बधाई. सादर.

Comment by Samar kabeer on December 18, 2018 at 3:08pm

जनाब नवीन मणि त्रिपाठी जी आदाब,अच्छी ग़ज़ल हुई है,बधाई स्वीकार करें ।

Comment by PHOOL SINGH on December 18, 2018 at 12:24pm

बहुत खूब, त्रिपाठी जी बधाई स्वीकारे

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय भाई लक्ष्मण धामी जी छन्द पर उपस्तिथि और सराहना के लिए हार्दिक आभार आपका। दीपोत्सव की हार्दिक…"
5 minutes ago
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय लक्ष्मण भाईजी हार्दिक बधाई इस प्रस्तुति के लिए ।"
5 minutes ago
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अशोक जी छन्द पर उपस्तिथि और उत्साहवर्धन के लिए हार्दिक आभार। दीपोत्सव की हार्दिक शुभकामनाएँ…"
8 minutes ago
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
" आदरणीय अखिलेश जी छन्द पर उपस्तिथि उत्साहर्धन और मार्गदर्शन के लिए आपका हार्दिक आभार। दीपोत्सव…"
10 minutes ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीया प्रतिभा जी, आपकी प्रस्तुति में जिन चिह्नों से युग्मकों को अलग किया गया है उन्हें हटा दिया…"
33 minutes ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अशोक भाईजी, क्या ही सुंदर रचना हुई है ! वाह वाह !! .. एक-एक बंद जैसे प्रदत्त चित्र के मर्म…"
47 minutes ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"आ. भाई अशोक जी, दीपपर्व की शुभकामनाएँ।  छंदो पर उपस्थिति और उत्साहवर्धन के लिए आभार। इंगित…"
2 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"आ. प्रतिभा बहन, सादर अभिवादन। चित्रानुरूप सुंदर छंद हुए हैं हार्दिक बधाई।"
2 hours ago
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय  अशोक  भाईजी हार्दिक धन्यवाद आभार आपका।  लगता है गेयता की समस्या  मेरी…"
2 hours ago
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय लक्ष्मण भाईजी हार्दिक धन्यवाद आभार आपका। "
2 hours ago
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीया प्रतिभाजी  हार्दिक धन्यवाद आभार आपका। "
2 hours ago
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"धन्यवाद  भाव स्पष्ट करने  के लिए |"
2 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service