For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

रिश्ते में नुकसान जोड़ते पाई पाई------इस्लाह के लिए ग़ज़ल

22 22 22 22 22 22
रिश्ते में नुकसान जोड़ते पाई पाई।
आँगन में दीवार खींचते भाई भाई।।

वाह रुपये खूब तुम्हारी भी है माया।
पुत्र बसा परदेश गाँव में बाबू- माई।।

कलयुग कैसी है ये तेरी काली छाया
साथ नहीं देती है खुद की ही परछाई।।

नातेदारी मृग मरीचिका में उलझी है
जानें कितनी लाश गिरेगी रे'त में भाई।।

पंकज बैठा लिये तराजू आओ लोगों
नाप-जोख कर भाव लगाकर करो मिताई।।

मौलिक अप्रकाशित

Views: 934

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Pankaj Kumar Mishra "Vatsyayan" on August 6, 2017 at 12:04am
आदरणीय हरि प्रकाश दुबे जी सादर आभार और अभिवादन
Comment by Hari Prakash Dubey on July 16, 2017 at 6:37pm

 इस सुन्दर ग़ज़ल के लिए हार्दिक बधाई आ.Pankaj Kumar Mishra जी ! सादर

 

Comment by Pankaj Kumar Mishra "Vatsyayan" on July 16, 2017 at 4:30pm
आदरणीय कल्पना मैम सादर आभार
Comment by KALPANA BHATT ('रौनक़') on July 16, 2017 at 4:03pm

बहुत अच्छी ग़ज़ल हुई है आदरणीय पंकज जी | हार्दिक बधाई |

Comment by Pankaj Kumar Mishra "Vatsyayan" on July 13, 2017 at 7:54am
आदरणीय खुर्शीद जी सादर आभार
Comment by Pankaj Kumar Mishra "Vatsyayan" on July 13, 2017 at 7:54am
आदरणीय गुरप्रीत जी सादर आभार। मिताई अपभ्रंश शब्द है, शुद्ध शब्द है मित्रता।
Comment by Pankaj Kumar Mishra "Vatsyayan" on July 13, 2017 at 7:53am
आदरणीय महेंद्र सर बहुत बहुत आभार
Comment by Pankaj Kumar Mishra "Vatsyayan" on July 13, 2017 at 7:53am
आदरणीय लक्ष्मण धामी सर बहुत बहुत आभार
Comment by Pankaj Kumar Mishra "Vatsyayan" on July 13, 2017 at 7:52am
आदरणीय ब्रजेश जी सादर आभार
Comment by khursheed khairadi on July 13, 2017 at 7:33am
आदरणीय पंकज सर,बहुत ही भावुक और सुन्दर ग़ज़ल हुई है। बहुत बहुत बधाई स्वीकार करें सर। सादर।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"दीपोत्सव क्या निश्चित है हार सदा निर्बोध तमस की? दीप जलाकर जीत ज्ञान की हो जाएगी? क्या इतने भर से…"
2 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"धन्यवाद आदरणीय "
5 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"ओबीओ लाइव महा उत्सव अंक 179 में स्वागत है।"
5 hours ago
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"स्वागतम"
5 hours ago
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
7 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' left a comment for मिथिलेश वामनकर
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। जन्मदिन की शुभकामनाओं के लिए हार्दिक आभार।"
22 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post साथ करवाचौथ का त्यौहार करके-लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन।गजल पर उपस्थिति और उत्साहवर्धन के लिए हार्दिक आभार।"
22 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post साथ करवाचौथ का त्यौहार करके-लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी, करवा चौथ के अवसर पर क्या ही खूब ग़ज़ल कही है। इस बेहतरीन प्रस्तुति पर…"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

साथ करवाचौथ का त्यौहार करके-लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

२१२२/२१२२/२१२२ **** खुश हुआ अंबर धरा से प्यार करके साथ करवाचौथ का त्यौहार करके।१। * चूड़ियाँ…See More
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post गहरी दरारें (लघु कविता)
"आदरणीय सुरेश कुमार कल्याण जी, प्रस्तुत कविता बहुत ही मार्मिक और भावपूर्ण हुई है। एक वृद्ध की…"
yesterday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
Wednesday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर left a comment for लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी, ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार की ओर से आपको जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं।"
Tuesday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service