For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

गजल(अक्ल के मारे हुए हैं..)

2122 2122
अक्ल के मारे हुए हैं
हम सभी हारे हुए हैं।1

आज मसले बेवजह के
देखिये नारे हुए हैं।2

जो नहीं थोड़ा सुहाये,
आँख के तारे हुए हैं।3

लूटते हैं जिस्म-ईमां
जान हम वारे हुए हैं।4

दान कर दीं कश्तियाँ भी
आज बेचारे हुए हैं।5

कान देते, बात बनती
वे उबल पारे हुए हैं।6

बाग भर मैं देख आया,
तिक्त फल सारे हुए हैं।7

सब लिये हैं गीत अपने
भाव को टारे हुए हैं।8

हंस ढूँढ़े, मिल गये क्या?
मौन मन मारे हुए हैं।9
@'मौलिक व अप्रकाशित'

Views: 839

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Manan Kumar singh on June 5, 2017 at 7:41pm
आदरणीय महेंद्र जी,मेरा लघु प्रयास आपको भा गया,यह मेरे लिए प्रेरणाकारक है।आपका हार्दिक आभार,सादर।
Comment by Mahendra Kumar on June 5, 2017 at 7:38pm

अक्ल के मारे हुए हैं
हम सभी हारे हुए हैं। ...वाह!

छोटी बह्र में बढ़िया अशआर कहे हैं आपने आ. मनन जी. मेरी तरफ़ से हार्दिक बधाई स्वीकार कीजिए. सादर.

Comment by Manan Kumar singh on June 3, 2017 at 4:31pm
आभार आपका आदरणीय।
Comment by vijay nikore on June 3, 2017 at 3:24pm

अच्छी गज़ल के लिए हार्दिक बधाई

Comment by Manan Kumar singh on June 3, 2017 at 1:31pm
बहुत बहुत आभार आदरणीय बसंत कुमार शर्मा जी,हौसला आफजाई के लिए।
Comment by बसंत कुमार शर्मा on June 3, 2017 at 1:15pm
Comment by Manan Kumar singh on June 3, 2017 at 11:32am
आभार आदरणीय बृज जी।
Comment by बृजेश कुमार 'ब्रज' on June 3, 2017 at 10:04am
बहुत खूब बहुतखूब आदरणीय..सुन्दर सारगर्भित ग़ज़ल..
Comment by Manan Kumar singh on June 3, 2017 at 8:29am
आदरणीय आरिफ जी,आभार आपका।
Comment by Manan Kumar singh on June 3, 2017 at 8:28am
आभार आदरणीय कल्पना जी।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-183
"याद रख रेत के दरिया को रवानी लिखनाभूलता खूब है अधरों को तू पानी लिखना।१।*छीन लेता है …"
8 minutes ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-183
"आदरणीय आज़ी तमाम जी, आप अपने विचार सुझाव व शिकायत के अंतर्गत रख सकते हैं। सुझाव व शिकायत हेतु पृथक…"
18 minutes ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-183
"आदरणीय आज़ी तमाम जी, तरही मिसरे पर अच्छी ग़ज़ल के लिए बधाई आपको।"
39 minutes ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-183
"आदरणीय रिचा यादव जी, तरही मिसरे पर अच्छा प्रयास है। बधाई स्वीकार करें।"
43 minutes ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-183
"आदरणीय मिथलेश वामनकर जी, तरही मिसरे पर अति सुंदर ग़ज़ल के लिए बधाई स्वीकार करें।"
47 minutes ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-183
"ग़ज़ल - 2122 1122 1122 22 काम मुश्किल है जवानी की कहानी लिखनाइस बुढ़ापे में मुलाकात सुहानी लिखना-पी…"
54 minutes ago
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-183
"इतना काफ़ी भी नहीं सिर्फ़ कहानी लिखना तुम तो किरदार सभी के भी म'आनी लिखना लिख रहे जो हो तो हर…"
1 hour ago
Aazi Tamaam replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-183
"२१२२ ११२२ ११२२ २२ बे-म'आनी को कुशलता से म'आनी लिखना तुमको आता है कहानी से कहानी…"
3 hours ago
Aazi Tamaam replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-183
"मैं इस मंच पर मौजूद सभी गुनीजनों से गुज़ारिश करता हूँ कि ग़ज़ल के उस्ताद आदरणीय समर गुरु जी को सह…"
3 hours ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-183
"2122 1122 1122 22 इतनी मुश्किल भी नहीं सच्ची कहानी लिखनाएक राजा की मुहब्बत में है रानी लिखना…"
7 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-183
"भूलता ही नहीं वो मेरी कहानी लिखना।  मेरे हिस्से में कोई पीर पुरानी लिखना। वो तो गाथा भी लिखें…"
12 hours ago
Aazi Tamaam posted a blog post

तरही ग़ज़ल: इस 'अदालत में ये क़ातिल सच ही फ़रमावेंगे क्या

२१२२ २१२२ २१२२ २१२इस 'अदालत में ये क़ातिल सच ही फ़रमावेंगे क्यावैसे भी इस गुफ़्तगू से ज़ख़्म भर…See More
yesterday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service