For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

दुःख, सिर्फ दुःख होता है

थोड़ी छाँव और
ज़्यादा धूप  में बैठी
बुढ़िया भी
अपने
चार करेले और
दो गड्डी साग न बिकने
पर उतना दुखी नहीं हैं
जितना नगर श्रेष्ठि
नए टेंडर न मिलने पर है

कलुवा
हलवाई  की भटटी
सुलगाते हुए अपने
हम उम्र बच्चों को  फुदकते हुए
नयी नयी ड्रेस और बस्ते के साथ
स्कूल जाते देख भी उतना दुखी नहीं है
जितना सेठ जी का बेटा
रिमोट वाली गाड़ी न पा के है

प्रधान मंत्री जी
हज़ारों किसान के सूखे से
मर जाने की खबर से
भी उतने दुखी नहीं हैं
जितना कि
मुकेश बाबू आज
कविता न लिख पाने की वज़ह दुखी  हैं

शायद ऐसा इसलिए है कि

दुःख,
सिर्फ दुःख होता है
जो सहन शक्ति के समानुपाती
बड़ा और छोटा होता है

 मुकेश इलाहाबादी -------

मौलिक और अप्रकाशित

Views: 542

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on April 23, 2015 at 1:02pm

वाह मुकेश बाबू

आपने तो कमालकर दिया . आपको बहुत  बहुत बधाई


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on April 22, 2015 at 4:01pm

दुःख,
सिर्फ दुःख होता है
जो सहन शक्ति के समानुपाती
बड़ा और छोटा होता है   -      -----  लाजवाब  अभिव्यक्ति , आदरणीय मुकेश भाई  दिली बधाइयाँ स्वीकार करें ॥

Comment by MUKESH SRIVASTAVA on April 22, 2015 at 10:23am

RACHNAA PASANDGEE KE LIYE AAP SABHEE KAA BAHUT BAHUT AABHAR - AADARNEEY JAAN GORAKHPUREE JEE, MOHAN SETHI JEE, Dr,VIJAI SHANKER JEE MITHILESH WAMANKAR JEE & MAHIMA SHREE JEE

Comment by Krish mishra 'jaan' gorakhpuri on April 22, 2015 at 9:07am

सार्थक कटाक्ष लिए सुन्दर रचना पर ढेरों बधाईयां,आदरणीय मुकेश जी!

Comment by Mohan Sethi 'इंतज़ार' on April 22, 2015 at 7:02am

सच है दुःख सुख सब सोच के हैं ....लोग दुःख में रह कर भी खुशी ढूंड लेते हैं ...आदरणीय मुकेश जी, बधाई ....सादर 

Comment by Dr. Vijai Shanker on April 22, 2015 at 6:34am
दुःख
सिर्फ दुःख होता है
जो सहन शक्ति के समानुपाती
बड़ा और छोटा होता है ॥
बहुत सुन्दर विचार , आदरणीय मुकेश जी, बधाई।

सदस्य कार्यकारिणी
Comment by मिथिलेश वामनकर on April 21, 2015 at 11:06pm

इस सशक्त रचना हेतु हार्दिक बधाई निवेदित है.

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on April 21, 2015 at 9:15pm

सच! बहुत ही सार्थक पंक्तियाँ प्रस्तुत की आपने. बधाई स्वीकारें आदरणीय मुकेश जी

Comment by MAHIMA SHREE on April 21, 2015 at 8:14pm

कमाल कर दिया आपने....बधाई

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Nilesh Shevgaonkar replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"आ. शिज्जू भाई,,, मुझे तो स्कॉच और भजिये याद आए... बाकी सब मिथ्याचार है. 😁😁😁😁😁"
34 minutes ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"तुम्हें अठखेलियों से याद आया मुझे कुछ तितलियों से याद आया  टपकने जा रही है छत वो…"
36 minutes ago

सदस्य कार्यकारिणी
शिज्जु "शकूर" replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"आदरणीय दयाराम जी मुशायरे में सहभागिता के लिए हार्दिक बधाई आपको"
38 minutes ago

सदस्य कार्यकारिणी
शिज्जु "शकूर" replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"आदरणीय निलेश नूर जीआपको बारिशों से जाने क्या-क्या याद आ गया। चाय, काग़ज़ की कश्ती, बदन की कसमसाहट…"
39 minutes ago

सदस्य कार्यकारिणी
शिज्जु "शकूर" replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"आदरणीय जयहिंद रायपुरी जी, मुशायरे के आग़ाज़ के लिए हार्दिक बधाई, शेष आदरणीय नीलेश 'नूर'…"
43 minutes ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"ग़ज़ल — 1222 1222 122 मुझे वो झुग्गियों से याद आयाउसे कुछ आँधियों से याद आया बहुत कमजोर…"
1 hour ago
Nilesh Shevgaonkar replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"अभी समर सर द्वारा व्हाट्स एप पर संज्ञान में लाया गया कि अहद की मात्रा 21 होती है अत: उस मिसरे को…"
1 hour ago
Nilesh Shevgaonkar replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"कहाँ कुछ मंज़िलों से याद आया सफ़र बस रास्तों से याद आया. . समुन्दर ने नदी को ख़त लिखा है मुझे इन…"
3 hours ago
Nilesh Shevgaonkar replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"आ. जयहिन्द रायपुरी जी,पहली बार आपको पढ़ रहा हूँ.तहज़ीब हाफ़ी की इस ग़ज़ल को बाँधने में दो मुख्य…"
3 hours ago
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"सादर अभिवादन तुम्हारी ख़्वाहिशों से याद आया हमें कुछ तितलियों से याद आया मैं वो सब भूल जाना चाहता…"
4 hours ago
Admin posted a discussion

"ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)

आदरणीय साथियो,सादर नमन।."ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" में आप सभी का हार्दिक स्वागत है।प्रस्तुत…See More
14 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ
"प्रस्तुति को आपने अनुमोदित किया, आपका हार्दिक आभार, आदरणीय रवि…"
Monday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service