For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

शिकायतें (लघुकथा)

"गुप्ता की बहुत शिकायतें आ रहीं हैं. लगता है इसका ट्रांसफर करना ही पड़ेगा। "
"लेकिन सर, वह तो नक्सल प्रभावित क्षेत्र में पोस्टेड है। "
"अच्छा-अच्छा ! तब तो ट्रांसफर करवाने के लिए खुद ही शिकायतें भेज रहा होगा। सारी शिकायतें कचरे के डिब्बे में डाल दो।"

.

"मौलिक व अप्रकाशित"

Views: 512

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on December 12, 2014 at 11:44am

परिस्थितियां किस प्रकार हमारी मानसिकता को बदल देती हैं इस लधुकथा के द्वारा उत्तम प्रकार से प्रस्तुत करने के लिए हार्दिक वधाई स्वीकारे आदरणीय श्रद्धा जी


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on December 11, 2014 at 8:55pm

बहुत बढ़िया कटाक्ष वाह्ह्ह .हार्दिक बधाई इस लघु कथा पर|श्रद्धा जी  

Comment by भुवन निस्तेज on December 11, 2014 at 1:47pm
अरे वाह!
Comment by gumnaam pithoragarhi on December 9, 2014 at 6:38pm

वाह खूब अच्छा कहा है

Comment by Shraddha Thawait on December 9, 2014 at 4:26pm

उत्साहवर्धन के लिए आप सभी सुधीजनों को बहुत- बहुत धन्यवाद! अर्चना तिवारी जी, श्री श्याम नारायण वर्मा जी, श्री जवाहर लाल सिंह जी, श्री मिथिलेश वामनकर जी, श्री सोमेश कुमार जी, श्री गोपाल नारायण श्रीवास्तव जी, श्री योगराज प्रभाकर सर.


प्रधान संपादक
Comment by योगराज प्रभाकर on December 9, 2014 at 2:32pm

सरकारी दफ्तरी मानसिकता पर करारा प्रहार किया है श्रद्धा जी, बधाई प्रेषित है।

Comment by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on December 9, 2014 at 1:41pm

श्रृद्धा जी

कार्यालय  की कार्य प्रणाली पर चोट करती है यह लघु कथा i  सुन्दर् कथा i

Comment by somesh kumar on December 9, 2014 at 10:01am

सच्चे-झूठे एक से लोग 

भरे-ठुठे एक से लोग 

जुड़े टूटे एक से लोग 

माने-रूठे एक से लोग 

सच है ,जहाँ सच वो भी कचरे में डाल दिय जाता है |बेहतरीन कलई खोलती लघुकथा


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by मिथिलेश वामनकर on December 9, 2014 at 12:26am

बेहतरीन लघुकथा... बधाई 

Comment by JAWAHAR LAL SINGH on December 8, 2014 at 9:35pm

कम शब्दों में बड़ी बात! सार्थक लघुकथा!

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-111 (घर-आँगन)
""ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-111 में आप सभी का हार्दिक स्वागत है।"
7 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-168
"निशा स्वस्ति "
7 hours ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-168
"उस्ताद-ए-मुहतरम आदरणीय समर कबीर साहिब की आज्ञानुसार :- "ओबीओ लाइव तरही मुशायरा" अंक 168…"
7 hours ago
Rachna Bhatia replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-168
"आदरणीय हौसला बढ़ाने के लिए बेहद शुक्रिय:।"
7 hours ago
Rachna Bhatia replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-168
"आदरणीय ग़ज़ल तक आने तथा हौसला बढ़ाने के लिए हार्दिक धन्यवाद।"
7 hours ago
Rachna Bhatia replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-168
"आदरणीय अमीरुद्दीन अमीर जी ग़ज़ल पर आने तथा इस्लाह देने के लिए हार्दिक धन्यवाद।"
7 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-168
"आदरणीय फिर अन्य भाषाओं ग़ज़ल कहने वाले छोड़ दें क्या? "
8 hours ago
Aazi Tamaam replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-168
"गुरु जी जी आप हमेशा स्वस्थ्य रहें और सीखने वालों के लिए एक आदर्श के रूप में यूँ ही मार्गदर्शक …"
8 hours ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-168
"//मेरा दिल जानता है मैंने कितनी मुश्किलों से इस आयोजन में सक्रियता बनाई है।// आदरणीय गुरुदेव आप…"
8 hours ago
Aazi Tamaam replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-168
"जी बहुत ख़ूब ग़ज़ल हुई आ बधाई स्वीकार करें आ अमीर जी की इस्लाह भी ख़ूब हुई"
8 hours ago
Aazi Tamaam replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-168
"सभी गुणीजनों की बेहतरीन इस्लाह के बाद अंतिम सुधार के साथ पेश ए ख़िदमत है ग़ज़ल- वाक़िफ़ हुए हैं जब…"
8 hours ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-168
"//उर्दू ज़बान सीख न पाए अगर जनाब वाक़िफ़ कभी न होंगे ग़ज़ल के हुनर से हम'// सत्यवचन गुरुदेव। सादर…"
8 hours ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service