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Sonam Saini's Blog (25)

कवितायेँ कैसे बनती है...............!!

कविताये कैसे बनती है 

कुछ खबर नहीं होती 

बस ..........................

दिल की कुछ भावनाएं होती है 

जो शब्दों का रूप लेकर 

कागज पर उतर आती है

और कवितायेँ बन जाती है

कवितायेँ कैसे बनती है........................

कवितायेँ .................

कभी दर्द से जन्म लेती है

कभी गम का रूप होती है

कभी दिल की ख़ुशी की पहचान बनती है

तो कभी विरोध के लिए लिखी जाती है

कवितायेँ कैसे.....................

कवितायेँ…
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Added by Sonam Saini on August 6, 2012 at 12:00pm — 16 Comments

देख कहीं तेरी देहरी सूनी ही न रह जाये माँ

देख कहीं तेरी देहरी 

सुनी ही न रह जाये माँ 
तेरी बेटी को परखने 
आज फिर कुछ लोग आ रहे है..................
 …
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Added by Sonam Saini on June 29, 2012 at 4:30pm — 16 Comments

मेरे शब्द ..................मेरे अपने ...............!!

हो जाते है जब एकदम अकेले

हम अपनों की भीड़ में

तब जब दिल चाहता है कहना

किसी से बहुत कुछ

तब कोई नहीं मिलता ऐसा

जो साथ बैठकर सुने इस दिल की बाते

और कहे कि मैं हूँ न .........................



तब जब महसूस होता है

कि कोई नहीं है इस दुनिया में हमारा

तब एकदम से अचानक ...................

आ जाते है शब्द

और करने लगते हैं मुझसे बाते

तब जब दिल चाहता है जी भरकर रोना

लेकिन आंसू भी साथ देने से मना कर देते हैं

तब ये शब्द रोते है मेरे साथ…

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Added by Sonam Saini on June 15, 2012 at 4:00pm — 14 Comments

बोलो न माँ ..........क्यों बेटियाँ बोझ होती हैं !

क़त्ल करना है तो सबका करो

मुझ अकेली को मारने से क्या होगा

अगर मिटाना है मेरी हस्ती को

तो सबको मिटाओ ..............

मुझ अकेली को मिटाने से क्या होगा ..............…

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Added by Sonam Saini on June 6, 2012 at 3:30pm — 12 Comments

ये दुनिया की रस्मे

ये दुनिया की रस्मे

ये रीति- रिवाज

नहीं काम की चीज कुछ भी

आज....................



ख़त्म हो रहा है

मोहब्बत का रिश्ता…

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Added by Sonam Saini on April 16, 2012 at 1:00pm — 9 Comments

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