For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

इन चमकती आँखों का फ़साना क्या है

इन चमकती आँखों का फ़साना क्या है
दबे होठो से ये मुस्कुराना क्या है
बता भी दो अब कि क्यों
कटती है रात ख्वाबो में किसी के
बिना नींद के सो जाने का ये बहाना क्या है ...
पहले तो नही रहते थे आप
यूँ खामोश महफ़िल में
तन्हाई में बैठकर ये बडबडाना क्या है ...
अच्छा तो नही लगता था
तुमको किताबो में उलझना
फिर ये अंदाज-ए-शायराना क्या है
कहते हैं कि इश्क जिसे हो जाये
वो पागल हो जाता है
जानकार सब ये भूल जाना क्या है ...
बड़ी रुसवाईयां मिलती हैं इस राह में
समझाकर खुद को ये न समझना क्या है



मौलिक व  अप्रकाशित

Views: 453

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Savitri Rathore on June 22, 2013 at 7:34pm

सोनम जी, सुन्दर रचना ......बधाई हो।

Comment by aman kumar on June 21, 2013 at 1:33pm

कहते हैं कि इश्क जिसे हो जाये
वो पागल हो जाता है 
जानकार सब ये भूल जाना क्या है ...

सोनम जी , लगता है आपने कुछ रचनाये बड़ी सिद्दत से रची है उनमे से एक जो मैंने पड़ी .

आपको बधाई !

Comment by vijay nikore on June 20, 2013 at 11:54am

रचना अच्छी लगी। बधाई।

विजय निकोर

Comment by बृजेश नीरज on June 20, 2013 at 8:49am

इस सुंदर प्रयास पर आपको हार्दिक बधाई! शिल्प को कुछ समय और दिया जाता तो रचना और निखर आती।
सादर!

Comment by MAHIMA SHREE on June 19, 2013 at 11:06pm

अच्छा तो नही लगता था
तुमको किताबो में उलझना
फिर ये अंदाज-ए-शायराना क्या है....क्या बात है सोनम जी .. बधाई आपको

 

Comment by ram shiromani pathak on June 19, 2013 at 9:49pm

आ0 सोनम जी,सुन्दर रचना  //हार्दिक  बधाई 

Comment by केवल प्रसाद 'सत्यम' on June 19, 2013 at 8:43pm

आ0 सोनम जी,   बहुत सुन्दर ।  बधाई स्वीकारें।  सादर,

Comment by coontee mukerji on June 19, 2013 at 4:46pm

चमकती आँखों का फ़साना ऐसा ही होता है........................कटती है रात ख्वाबो में किसी के
बिना नींद के सो जाने का ये बहाना क्या है .

सादर

कुंती

Comment by बसंत नेमा on June 19, 2013 at 4:00pm

बहुत सुन्दर...बधाई…………

Comment by Shyam Narain Verma on June 19, 2013 at 2:35pm
बहुत सुन्दर...बधाई स्वीकार करें ………………

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी commented on शिज्जु "शकूर"'s blog post ग़ज़ल: मुराद ये नहीं हमको किसी से डरना है
"आदरणीय सौरभ सर, मैं इस क़ाबिल तो नहीं... ये आपकी ज़र्रा नवाज़ी है। सादर। "
3 hours ago
Sushil Sarna commented on शिज्जु "शकूर"'s blog post ग़ज़ल: मुराद ये नहीं हमको किसी से डरना है
"आदरणीय जी  इस दिलकश ग़ज़ल के लिए दिल से मुबारकबाद सर"
3 hours ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . . उमर
"आदरणीय गिरिराज जी सृजन आपकी मनोहारी प्रतिक्रिया और सुझाव  का दिल से आभार । प्रयास रहेगा पालना…"
3 hours ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . . उमर
"आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी सृजन के भावों को मान और सुझाव देने का दिल से आभार । भविष्य के लिए  अवगत…"
3 hours ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . लक्ष्य
"आदरणीय  अशोक रक्ताले जी सृजन को आत्मीय मान से सम्मानित करने का दिल से आभार । बहुत सुन्दर सुझाव…"
3 hours ago
Nilesh Shevgaonkar commented on शिज्जु "शकूर"'s blog post ग़ज़ल: मुराद ये नहीं हमको किसी से डरना है
"आ. शिज्जू भाई,एक लम्बे अंतराल के बाद आपकी ग़ज़ल पढ़ रहा हूँ..बहुत अच्छी ग़ज़ल हुई है.मैं देखता हूँ तुझे…"
6 hours ago
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा सप्तक. . . लक्ष्य

दोहा सप्तक. . . . . लक्ष्यकैसे क्यों को  छोड़  कर, करते रहो  प्रयास । लक्ष्य  भेद  का मंत्र है, मन …See More
8 hours ago
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"आदरणीय योगराज जी, ओबीओ के प्रधान संपादक हैं और हम सब के सम्माननीय और आदरणीय हैं। उन्होंने जो भी…"
8 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on शिज्जु "शकूर"'s blog post ग़ज़ल: मुराद ये नहीं हमको किसी से डरना है
"आदरणीय अमीरुद्दीन साहब, आपने जो सुझाव बताए हैं वे वस्तुतः गजल को लेकर आपकी समृद्ध समझ और आपके…"
9 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . . उमर
"आदरणीय सुशील भाई , दोहों के लिए आपको हार्दिक बधाई , आदरणीय सौरभ भाई जी की सलाहों कर ध्यान…"
9 hours ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post कुंडलिया. . .
"आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी सृजन आपकी मनोहारी प्रशंसा से समृद्ध हुआ । "
10 hours ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post कुंडलिया. . .
"आदरणीय शिज्जू शकूर जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय जी "
10 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service