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लोग कहते हैं कि मैंने शराब पी है ........

आँखे चढ़ी -चढ़ी सी हैं
आज मेरी ......
लोग कहते हैं कि
मैंने शराब पी है .....
हाँ तेरी यादे
किसी नशे से कम भी तो नही
जब भी चढ़ता है नशा
तेरी यादो का मुझ पर
मेरी आँखों में उतर आता है
पानी बनकर .....
बरसती हैं आँखे मेरी
रात-दिन .....
जैसे बरसता है बादल
बरसात के मौसम में
बिना रुके , बिना थमे
और लोग समझते हैं
की मैंने शराब पी है……...!!!!!

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Comment

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Comment by Sonam Saini on March 13, 2013 at 10:12am

आदरणीय,

आपने गलती पर ध्यान दिलवाया इसके लिए मैं आभारी हूँ आपकी , आगे से ध्यान रखूंगी की सब प्रतिक्रिया हिंदी में ही दूँ

Comment by Admin on March 11, 2013 at 3:05pm

हिंदी रचनाओं पर टिप्पणी और प्रति टिप्पणी हिंदी में ही हो ! हिन्दी के लिए देवनागरी लिपि का प्रयोग श्रेयस्कर होगा ।

Comment by Sonam Saini on March 11, 2013 at 2:42pm

Thanks ram shiromani pathak ji............

Comment by Sonam Saini on March 11, 2013 at 2:41pm

Respected Prachi mam

Thanks a lot for ur valuable comment.

Comment by ram shiromani pathak on March 9, 2013 at 7:47pm

bahot khoob sonam ji....hardik badhai


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on March 9, 2013 at 12:06am

यादों के नशे में डूबी डूबी सी रचना... :)))))

कृपया ध्यान दे...

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