For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

Amod shrivastav (bindouri)'s Blog – February 2018 Archive (5)

प्यार के दो बोल मीठे...



  बह्र:- 2122-2122-2122-212

होश खोकर मैं न पल्लू में सिमट जाऊं कहीं।।

'इस तरह बहकूँ न होटों से लिपट जाऊँ कहीं'।।

'डरते डरते आज अपनी उम्र के इस खेल में ।

इश्क़ के दो बोल सुनकर ही न पट जाऊँ कहीं'।।

'ये फ़ज़ाएँ शौख़ कमसिन छेड़ती हैं जिस्म को।

कांपते हैं ये क़दम मैं न रपट जाऊँ कहीं'।।

एक जर्रा चाहता हूँ प्यास से झुलसा हुआ।

कि समंदर बावला ले कर उलट…

Continue

Added by amod shrivastav (bindouri) on February 24, 2018 at 2:00pm — 4 Comments

अब समझ में नहीं आरही बेरुख़ी..

बह्र -212-212-212-212

मैने कह तो दिया जिंदगी आपकी।।

अब समझ में नहीं आ रही बेरुख़ी ।।

धड़कनें दिल की अपनी जवां गिन कहो।

क्या  बदलती न  मेरे लिए आज भी।।

आप समझें मुझे गर खिलौना न गम।

मुझको स्वीकार है ना समझ आशिक़ी।।

प्यार अहसास जुल्मों सितम रख लिए।

आगे चलकर मिले न मिले यह सभी।।

जिसकी रग में मुहब्बत की स्याही बहे।

वो कलम क्या बगावत लिखेगी कभी।।

कितना छांटो या काटो या मोड़ो…

Continue

Added by amod shrivastav (bindouri) on February 23, 2018 at 8:30am — 3 Comments

इस नशेमन की मोहलत है तबतक...

बह्र:-2122-1221-22

वक्त बे वक्त का आसरा है।।

घर का टुटा हुआ जो घड़ा है ।।1

  जो  मुहब्बत में अपनी बिका है।

उसको दौलत ओ शुहरत से क्या है ।।2

जब समझलो की क्या माजरा है।

बोल बोलो नही कुछ बुरा है।।3…

Continue

Added by amod shrivastav (bindouri) on February 11, 2018 at 8:30pm — 2 Comments

नजर से वार करूँ या जुबाँ से बात करूँ

मापनी :-

1212-1122-1212-112

शुरू कहाँ से करूँ ओऱ कहाँ से बात करूँ।।

नजर से वार करूँ या जुबाँ से बात करूँ।।

मुझे तो इतना तज्ज्रिबा नहीं मुहब्बत की।

फ़िसल वो जाएं शुरू मैं जहां से बात करूँ।।

कोई हसीन सा किरदार जिंदगी से जुड़े।

यही है चाह की उल्फत की हाँ से बात करूँ ।।

समझ समझ के समझ को समझ न पाए हमीं।

की किससे कौन अदा से जुबाँ से बात करुं।।

मेरे हबीब मेरे रब मेरी अना में अभी।

है इतनी चाह जमीं आसमाँ से बात…

Continue

Added by amod shrivastav (bindouri) on February 9, 2018 at 6:22pm — 3 Comments

तुम्हारे जैसा कोई खुश नुमां नहीं मिलता

बहर :-1212-1122-1212-22

गरीब वो हैं कि जिनका मकां नहीं मिलता।।

अमीर वो जो कभी खामखां नहीं मिलता।।

कोई भी शख़्स मुझे खुश नुमां नहीं मिलता।।

मुझे तो दर्द भी हँस कर मियां नहीं मिलता।।

मैं ढूंढता हूँ खुद का निशाँ नहीं मिलता।।

शह्र में तेरे मिरा हम जुबाँ नहीं मिलता।।

मिले बहुत से मगर और बात है तुम में।।

तुम्हारे जैसा कोई खुशनुमां नहीं मिलता।।

कसम भी प्यार में खाई कसम को तोड़ा भी।

हाँ यार…

Continue

Added by amod shrivastav (bindouri) on February 8, 2018 at 5:55pm — 8 Comments

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-109 (सियासत)
"यूॅं छू ले आसमाॅं (लघुकथा): "तुम हर रोज़ रिश्तेदार और रिश्ते-नातों का रोना रोते हो? कितनी बार…"
Tuesday
Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-109 (सियासत)
"स्वागतम"
Apr 29
Vikram Motegi is now a member of Open Books Online
Apr 28
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा पंचक. . . . .पुष्प - अलि

दोहा पंचक. . . . पुष्प -अलिगंध चुराने आ गए, कलियों के चितचोर । कली -कली से प्रेम की, अलिकुल बाँधे…See More
Apr 28
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम मेठानी जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और हौसला अफ़ज़ाई का तह-ए-दिल से शुक्रिया।"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दयाराम जी, सादर आभार।"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई संजय जी हार्दिक आभार।"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. रिचा जी, हार्दिक धन्यवाद"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दिनेश जी, सादर आभार।"
Apr 27
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय रिचा यादव जी, पोस्ट पर कमेंट के लिए हार्दिक आभार।"
Apr 27
Shyam Narain Verma commented on Aazi Tamaam's blog post ग़ज़ल: ग़मज़दा आँखों का पानी
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
Apr 27

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service