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भावना तिवारी's Blog – January 2013 Archive (5)

क्या जाने ..!!

कब होंगीं बातें 

क्या जाने ..!!
 
खटरागों से 
भरी जिंदगी ,
बिसरा प्रेम 
और बंदगी !
जिनमें…
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Added by भावना तिवारी on January 30, 2013 at 12:16pm — 10 Comments

गीत ..बेटियाँ

धीर धरे चुप गहन कूप
होतीं हैं बेटियाँ ../
गंगा की जलधार सीं ,
अर्घ्य की पावनधार सीं ,
जीवन के आधार सीं .
भोर सजीली भक्ति रूप
होतीं हैं बेटियाँ ..!!
सुभग अल्पना द्वार कीं,
सजतीं वंदनवार सीं/
महकें हरसिंगार सीं ,
जीवन भर की छाँह -धूप
होतीं हैं बेटियाँ ..!!
बाबा के सत्कार सीं ,
मर्यादा परिवार कीं ,
बेमन हैं स्वीकार सीं ,
धीर धरे चुप गहन कूप
होतीं हैं बेटियाँ ...!!!

Added by भावना तिवारी on January 14, 2013 at 1:00pm — 11 Comments

मौन का,इम्तिहान न लो ..!!

नोंच डालो ,

अस्मिता को ,बेच डालो ,

हम यही कहते रहेंगे

मौन का ...

इम्तिहान न लो ..!!

सूरज से युद्ध 

करने का  दुस्साहस

करता जुगनू प्रतिदिन

आकाश बँधाता ढाढस

ज़ुल्म हम सहते रहेंगे ,

हम यही कहते रहेंगे

शौर्य का

अनुमान न लो ..!!

चीखती रह जाएँगीं

विधवा घाटियाँ

जर्जर सी छत की

छूट गईं लाठियाँ

प्रतीक्षारत ,आक्रमण का

अनुचित परिणाम न हो

हम यही कहते रहेंगे ,

हौसले का ,

अनुमान न लो ..!!

मौन का,इम्तिहान न…

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Added by भावना तिवारी on January 10, 2013 at 2:30pm — 5 Comments

गीत

हँस-हँस कर करते हैं आँसू ,सुख दुःख का व्यापार ,

बाहर वाली चौखट दुखती , चुभते वन्दनवार !!



मुरझाकर भी हर पल सुरभित ,पात-पात साँसों का,

मन को मजबूती देता है ,संबल कुछ यादों का !

क्षण भर हँसता,बहुत रुलाता,कुछ अपनों का प्यार ,

सारी उमर बिता कर पाया,यह अद्भुत उपहार ..!!



सिहरन नस-नस में दौड़े जब,हाँथ हवा गह जाती,

गुजरी एक जवानी छोटी, बड़ी कहानी गाती !

यूँ तो गँवा चुके हैं अपनी,सज धज सब श्रृंगार ,

है अभिमान अभी तक करता,नभ झुककर सत्कार…

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Added by भावना तिवारी on January 9, 2013 at 2:00pm — 8 Comments

//-उलझन-//

      //-उलझन-//  
आक्रोश,क्रंदन,कड़वाहट
सीने में भरी झुंझलाहट..
मुझे मार डालेगी ....!!
मेरे भीतर का लावा 
फूट पड़ने को आमादा !
मेरे पपड़ाते होंठ 
मौन की मुखर बौखलाहट !
मेरे मसले हुए ख़्वाब ,
मेरे असहाय दिन ,
मेरी ज़ख़्मी रातें ..
मेरा समूचा वज़ूद भयाक्रांत है !!
विधाता तुमसे शिक़ायत है 
क्यूँ रचा  मुझे 
कच्ची माटी…
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Added by भावना तिवारी on January 3, 2013 at 1:00pm — 10 Comments

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