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वाह वाह बहुत सुन्दर भावना जी, 'यथा नाम तथा काम' सुन्दर भावनाएं....
बधाई आदरणीया भावना जी,सुन्दर रचना!
आदरणीया भावना जी , बहुत ही सुंदर नवगीत .. बधाई आपको
सुन्दर है आपकी भावनाएं! बधाई!
सुन्दर पंक्तियों के लिए हार्दिक बधाई//////////////
बहुत सुन्दर...बधाई स्वीकार करें ……………… |
बहुत सुन्दर!
सारा जीवन शिल्प प्रेम का गढ़ ना पाए ,
पग बहुत रखे संभलकर हाथ आई वेदनाएंँ !
सही है लेकिन जैसे जैसे हमारी आकांक्षाएंँ बढ़ती है
तब ही वेदनाएंँ हाथ आती हैं।
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