For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

आज फिर बरसे हैं
बादल जोर से.
मन बहकने सा लगा है ...!!
 
धुल गए पत्ते सभी
लग रहे सब ही नए ,
छू गई हौले से फिर ,
खुशबू कोई,
मन महकने सा लगा है...!!
आज फिर बरसे हैं बादल जोर से.
 
इक घटा है घोर काली 
लड़ रही है पास वाली ,
प्रीत की,लगतीं पुजारन
बिजलियाँ,
मन दहकने सा लगा है ...!!
आज फोर बरसे हैं बादल जोर से.
 
सांवली सी हो गई हूँ
और चंचल हो गई हूँ,
गा रही हूँ,
गीत तेरी याद में ,
मन तड़पने सा लगा है...!!
आज फिर बरसे हैं बादल जोर से

     ~.भावना.~
मौलिक/अप्रकाशित 

Views: 642

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by coontee mukerji on June 8, 2013 at 10:17am

बहुत सुंदर भावना जी.

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on June 8, 2013 at 10:15am

सुन्दर प्रस्तुति के लिए बधाई भावना तिवारी जी 

Comment by Pankaj Trivedi on June 7, 2013 at 6:36pm

सुन्दर मनोंभाव से सजे इस गीत के लिए बधाई

Comment by राजेश 'मृदु' on June 7, 2013 at 6:01pm

इस मुकम्‍मल गीत के लिए आपको मेरी तरफ से बधाई

Comment by PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA on June 7, 2013 at 4:50pm

भाव सुन्दर भावना जी 

Comment by बृजेश नीरज on June 7, 2013 at 3:19pm

आदरणीया बहुत सुंदर कथ्य है। आपने कहा कि यह गीत है तो जरा मुझे इस गीत के शिल्प पर मार्गदर्शन प्रदान करने की कृपा करें। मुझे तो हर बंद में मात्रायें समान नहीं दिखतीं।
सादर!

Comment by ram shiromani pathak on June 7, 2013 at 2:34pm

 भावना जी इस सुन्दर गीत के लिए बधाई////"आज फोर बरसे हैं बादल जोर से"अंडरलाइन टंकण अशुद्धि को इंगित कराने के लिए है !!प्रयासरत रहिये शुभ शुभ///

Comment by वेदिका on June 7, 2013 at 2:22pm
सुंदर गीत ...बारिश की फुहारों में भीगे भीगे बोल ...अनुपम 
गा रही हूँ,
गीत तेरी याद में ,
मन तड़पने सा लगा है...!!
आज फिर बरसे हैं बादल जोर से

 

Comment by D P Mathur on June 7, 2013 at 12:57pm

आज फिर बरसे हैं ,बादल जोर से ,
मन बहकने सा लगा है,
मात्र इंसानों के ही नही ,
सभी सजीवों के मन को हर्षित करने लगा है !
बरखा के प्रथम आगमन के साथ आपकी इस रचना का स्वागत !

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on June 7, 2013 at 12:02pm
आदरणीया.."गीत तेरी याद में, मन तड़पने सा लगा है...!! आज फिर बरसे बादल जोर से" सुंदर रचना..सरल शब्दों में..,शुभकामनाऐं

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Mahendra Kumar replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"इस प्रयास की सराहना हेतु दिल से आभारी हूँ आदरणीय लक्ष्मण जी। बहुत शुक्रिया।"
56 minutes ago
Mahendra Kumar replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"बहुत-बहुत शुक्रिया आदरणीय दिनेश जी। आभारी हूँ।"
56 minutes ago
Zaif replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"212 1222 212 1222 रूह को मचलने में देर कितनी लगती है जिस्म से निकलने में देर कितनी लगती है पल में…"
56 minutes ago
Mahendra Kumar replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"सादर नमस्कार आ. ऋचा जी। उत्साहवर्धन हेतु दिल से आभारी हूँ। बहुत-बहुत शुक्रिया।"
57 minutes ago
Mahendra Kumar replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय अमीरुद्दीन जी, सादर अभिवादन। इस प्रयास की सराहना हेतु आपका हृदय से आभारी हूँ।  1.…"
58 minutes ago
Mahendra Kumar replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय अमित जी, सादर अभिवादन! आपकी विस्तृत टिप्पणी और सुझावों के लिए हृदय से आभारी हूँ। इस सन्दर्भ…"
1 hour ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय लक्ष्मण जी नमस्कार ख़ूब ग़ज़ल कही आपने बधाई स्वीकार कीजिये गुणीजनों की इस्लाह क़ाबिले ग़ौर…"
2 hours ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय अमीर जी बहुत शुक्रिया आपका संज्ञान हेतु और हौसला अफ़ज़ाई के लिए  सादर"
2 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
शिज्जु "शकूर" replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"मोहतरम बागपतवी साहिब, गौर फरमाएँ ले के घर से जो निकलते थे जुनूँ की मशअल इस ज़माने में वो…"
3 hours ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय दिनेश कुमार विश्वकर्मा जी आदाब, तरही मिसरे पर अच्छी ग़ज़ल कही है आपने मुबारकबाद पेश करता…"
3 hours ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"मुहतरमा ऋचा यादव जी आदाब, तरही मिसरे पर ग़ज़ल का अच्छा प्रयास हुआ है बधाई स्वीकार करें, आ० अमित जी…"
3 hours ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय लक्ष्मण धामी भाई मुसाफ़िर जी आदाब ग़ज़ल का अच्छा प्रयास हुआ है बधाई स्वीकार करें, आदरणीय…"
5 hours ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service