For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

Abha saxena Doonwi's Blog (24)

बेला महका

नव गीत.....

बेला महका.......



बेला महका चम्पा महकी

महकी है कचनार

झूम रहीं सब काकी बहनें

नृृत्य करें हर बार।

गाँव में शादी है होली

फूलों से सजती है डोली

संबन्धी ने भेजा न्योता

गाँव मेरे अब क्यों ना आता

बातों की भर मार।

रात रात भर बेला जागा

खिल न सका वह कहीं अभागा

कहीं गुंथ गया गजरे अन्दर

समझ रहा वह तुझे सिकन्दर

नहीं पा सकी पार।

बचपन बीता यौवन आया

शैतानी ने कदम बढ़ाया

तंत्र मंत्र…

Continue

Added by Abha saxena Doonwi on July 21, 2016 at 7:21pm — 8 Comments

ग़ज़ल: पास रह कर भी न हम तेरे हुए.

2122-2122-212

फ़ाइलातुन फ़ाइलातुन फ़ाइलुन

 

झूठ की बुनियाद पर रिश्ते हुए,

ख़त्म सारे वास्ते उस से हुये.

 

बेवजह तुमने  मिटाईं दूरियां,

पास रह कर भी न हम तेरे हुए.

 

गाल पर गिर कर भी जो लहरा रहे,

हर नज़र में कान के झुमके हुए.

 

जिंदगी से आज भी उम्मीद है,

हम नहीं रहते हैं अब सहमे हुए.

 

आपसे अक्सर  सुना मैंने  सनम

चार दिन की चांदनी कहते हुए

 

है मुखौटा आदमी का आज…

Continue

Added by Abha saxena Doonwi on July 19, 2016 at 8:30am — 10 Comments

ग़ज़ल .........कैसे कहूं कि तू मुझे चिट्ठी ही भेज दे ...

कैसे कहूँ कि तू मुझे चिट्ठी ही भेज दे,

तू है जहाँ वहां की तू मिट्टी ही भेज दे.

 

याद आ रही है मुझको तेरी आज इस तरह,

तू प्यार से लिख चिट्ठियां कोरी ही भेज दे.

 

करता तलाश नौकरी कैसे बता मिले,

चिठ्ठी नहीं तो तू मेरी अर्जी ही भेज दे.

 

बेज़ार हो चुकी बहुत  तनहाइयों से मैं,

बेशक तू कोई याद पुरानी ही भेज दे.

 

इस  जिंदगी की राह में कांटे बिछाये क्यूँ,

तू ज़िंदगी के नाम की रुबाई ही भेज…

Continue

Added by Abha saxena Doonwi on July 6, 2016 at 5:41pm — 8 Comments

गज़ल - जिन्दगी का सफ़र खूब है

जिन्दगी का सफर खूब है,

मैं हूँ तनहा , मगर खूब है.

 

जिन्दगी कट रही शान से ,

ये सुहाना सफ़र खूब है .

 

क्या कहूँ मैं शबे-वस्ल को,

वो जगा रात भर खूब है.

 

प्यार की इंतिहा हो गई,

बेकरारी उधर खूब है .

 

हर दिशा में चमकता रहा ,

ये गणित का सिफर खूब है.

 

खार के साथ हैं फूल भी, ,

 कंटकों की डगर खूब है

 

मानता हूँ मैं "आभा"तुझे,

वाह! तेरी नज़र खूब…

Continue

Added by Abha saxena Doonwi on May 18, 2016 at 8:30am — 11 Comments

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-175
"आदरणीया रक्षिता जी,  आपकी इस कविता में प्रदता शीर्षक की भावना निस्संदेह उभर कर आयी…"
13 minutes ago
Chetan Prakash commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - सुनाने जैसी कोई दास्ताँ नहीं हूँ मैं
"आदरणीय 'नूर'साहब,  मेरे अल्प ज्ञान के अनुसार ग़ज़ल का प्रत्येक शेर की विषय - वस्तु…"
2 hours ago
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-175
"धन्यवाद भाई लक्ष्मण धामी जी "
7 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-175
"आ. भाई अजय जी, सादर अभिवादन। प्रदत्त विषय पर सुंदर रचना हुई है। हार्दिक बधाई।"
11 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - सुनाने जैसी कोई दास्ताँ नहीं हूँ मैं
"आ. भाई नीलेश जी, सादर अभिवादन। सुंदर गजल हुई है। हार्दिक बधाई।"
22 hours ago
अजय गुप्ता 'अजेय commented on बृजेश कुमार 'ब्रज''s blog post गीत-आह बुरा हो कृष्ण तुम्हारा
"अच्छी रचना हुई है ब्रजेश भाई। बधाई। अन्य सभी की तरह मुझे भी “आह बुरा हो कृष्ण तुम्हारा”…"
23 hours ago
अजय गुप्ता 'अजेय commented on Ravi Shukla's blog post तरही ग़ज़ल
"बेहतरीन अशआर हुए हैं आदरणीय रवि जी। सभी एक से बढ़कर एक।"
23 hours ago
अजय गुप्ता 'अजेय commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - सुनाने जैसी कोई दास्ताँ नहीं हूँ मैं
"अच्छी ग़ज़ल हुई है नीलेश नूर भाई। बहुत बधाई "
23 hours ago
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-175
"आभार रक्षितासिंह जी    "
yesterday
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-175
"अच्छे दोहे हुए हैं भाई लक्ष्मण धामी जी। एक ही भाव को आपने इतने रूप में प्रकट किया है जो दोहे में…"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-175
"आ. रक्षिता जी, दोहों पर उपस्थिति, और उत्साहवर्धन के लिए धन्यवाद।"
yesterday
रक्षिता सिंह replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-175
"सधन्यवाद आदरणीय !"
yesterday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service