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Er. Ganesh Jee "Bagi"'s Blog – September 2019 Archive (1)

ग़ज़ल

घोघा रानी, कितना पानी ।

बदला मौसम, बरसा पानी ।।

डूब गई गली और सड़कें ।

नगर निगम का उतरा पानी ।।

सब कुछ अच्छा करते दावा ।

नही बचा आँखों का पानी ।।

गंगा कोशी पुनपुन गंडक ।

सब नदियों में उफना पानी ।।

मैं तो हूँ गंगा का बेटा ।

पितरों को भी देता पानी ।।

नगर हुआ मेरा स्मार्ट सिटी ।

उठा गरीब का दाना पानी ।।

जल दूषित से उनको क्या है ?

वो पीते बोतल का पानी…

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Added by Er. Ganesh Jee "Bagi" on September 23, 2019 at 12:30pm — 7 Comments

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