अजब सी है जलन दिल में ये कैसी है मुझे तड़पन
उसे अहसास तो होगा बढ़ेगी दिल की जब धड़कन'
दिखा है जबसे उसकी आँखों में वीरान इक सहरा
मुझे क्या हो गया जाने कहीं लगता नहीं है मन
गले को घेर बाँहों से बदन करती कमाँ जब वो'
मुझे भी दर्द सा रहता मेरा भी टूटता है तन
वो रो लेती पिघल जाता हिमालय जैसा उसका गम
मगर सूरज के जैसे जलता रहता है मेरा तन मन
'नज़र मिलते ही मुझसे वो झुका लेते हैं यूँ गर्दन
ये मंज़र देख उठती है लहर…
ContinueAdded by Dr Ashutosh Mishra on September 26, 2017 at 4:30pm — 14 Comments
१२२२ १२२२ १२२२ १२२२
घरोंदों को जलाया है किसी ने दोस्ती करके
चिरागों को बुझाया है किसी ने दोस्ती करके
सुकूं था जिसके जीवन में जिसे आती थी मीठी नींद
उसे शब् भर जगाया है किसी ने दोस्ती करके
जो दुश्मन था जमाने से जो प्यासा था लहू का ही
उसी को अब बचाया है किसी ने दोस्ती करके
अँधेरे में मेरा साया हुआ कुछ इस तरह से गुम
ज्यूँ रिश्ता हर भुलाया है किसी ने दोस्ती करके
फकीरों की तरह जीता, था खुश तन्हाई…
ContinueAdded by Dr Ashutosh Mishra on September 8, 2017 at 5:27pm — 5 Comments
Added by Dr Ashutosh Mishra on September 5, 2017 at 11:47am — 2 Comments
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