For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

Er. Ambarish Srivastava's Blog – August 2012 Archive (6)

कुछ कह मुकरियाँ

जब जब हैं आतंकी आये

बिल में चूहे सा घुस जाये  

खो जाए उसकी आवाज़

क्या सखि नेता? नहिं सखि राज! 

______________________

नाम जपे नित भाईचारा.

भाई को ही समझे चारा 

ऐसे झपटे जैसे बाज़

क्या सखि नेता? नहिं सखि राज! 

______________________

प्लेटफार्म पर सदा घसीटे

मारे दौड़ा दौड़ा पीटे

इम्तहान क्या दोगे आज

क्या सखि पोलिस ? नहिं सखि राज !

_______________________

चलती जिसकी अज़ब गुंडई 

कहे, निकल…

Continue

Added by Er. Ambarish Srivastava on August 23, 2012 at 9:30am — 48 Comments

'आरोग्य कुंडली'

नींबू अदरक लहसुना, सिरका-सेब जुटाय,

सारे रस लें भाग सम, मिश्रित कर खौलाय. 

मिश्रित कर खौलाय, बचे तीनों चौथाई.

तब मधु लें समभाग, मिला कर बने दवाई.

'अम्बरीष' नस खोल, हृदय दे, महके खुशबू.

नित्य निहारे पेय, तीन चम्मच भल…

Continue

Added by Er. Ambarish Srivastava on August 22, 2012 at 7:30pm — 16 Comments

एक घनाक्षरी :

घनाक्षरी :

शीश हिमगिरि बना, पांव धोए सिंधु घना,

माँ ने सदा वीर जना, देश को प्रणाम है |

ब्रम्हचर्य जहाँ कसे, आर्यावर्त कहें इसे,

चार धाम जहाँ बसे, देश को प्रणाम है |

वाणी में है रस भरा, शस्य श्यामला जो धरा,…

Continue

Added by Er. Ambarish Srivastava on August 13, 2012 at 2:00am — 15 Comments

तीन 'घनाक्षरी'

(१) बच्चों के प्रति

दिल से प्रणाम करो, पढ़-लिख नाम करो, 

हाथ आया काम करो, यही देश प्रेम है,

अपना भले को मानो, दुष्ट ही पराया जानो,

सबका भला ही ठानो, यही देश प्रेम है |

सदा सद-बुद्धि धरो, बुद्धि से ही युद्ध…

Continue

Added by Er. Ambarish Srivastava on August 12, 2012 at 1:30am — 11 Comments

कह मुकरी: मोहपाश में नित्य फँसाये!

कह-मुकरी

(1)

पल में सारा गणित लगाये 

इन्टरनेट पर फिल्म दिखाये 

मेरे बच्चों का वह ट्यूटर.

ऐ सखि साजन? नहिं कम्प्यूटर..

(2)

बड़ों-बड़ों के होश उड़ाये

अंग लगे अति शोभा पाये

डरती जिससे दुनिया सारी

क्या वो नारी? नहीं कटारी!! 

(3)

रहे मौन पर साथ निभाये

मैडम का हर हुक्म बजाये 

नहीं आत्मा रहता बेमन 

ऐ सखि रोबट? नहिं मन मोहन!!

(4)

मोहपाश में नित्य फँसाये

सास-बहू हैं घात…

Continue

Added by Er. Ambarish Srivastava on August 7, 2012 at 12:30am — 25 Comments

समस्त ओबीओ परिवार की ओर से आप सभी को श्रावणी पर्व (रक्षा बंधन) की हार्दिक बधाई !

 

कह-मुकरी

मन-मोहक मृदु रूप में आये.

सजे कलाई अति मन भाये.

नेह-प्रीति की वह है साखी.

क्या सखि कंगन? नहिं सखि राखी!!

 

रूपमाला/मदन छंद

आज वसुधा है खिली ऋतु, पावसी शृंगार. 

थाल बहना बन सजाये, श्रावणी त्यौहार.

बादलों से…

Continue

Added by Er. Ambarish Srivastava on August 2, 2012 at 2:30pm — 32 Comments

Monthly Archives

2013

2012

2011

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

pratibha pande replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-124 (प्रतिशोध)
"आदरणीय  उस्मानी जी डायरी शैली में परिंदों से जुड़े कुछ रोचक अनुभव आपने शाब्दिक किये…"
7 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-124 (प्रतिशोध)
"सीख (लघुकथा): 25 जुलाई, 2025 आज फ़िर कबूतरों के जोड़ों ने मेरा दिल दुखाया। मेरा ही नहीं, उन…"
yesterday
Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-124 (प्रतिशोध)
"स्वागतम"
Tuesday
सुरेश कुमार 'कल्याण' posted a blog post

अस्थिपिंजर (लघुकविता)

लूटकर लोथड़े माँस के पीकर बूॅंद - बूॅंद रक्त डकारकर कतरा - कतरा मज्जाजब जानवर मना रहे होंगे…See More
Tuesday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post तरही ग़ज़ल - गिरिराज भंडारी
"आदरणीय सौरभ भाई , ग़ज़ल की सराहना के लिए आपका हार्दिक आभार , आपके पुनः आगमन की प्रतीक्षा में हूँ "
Tuesday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post तरही ग़ज़ल - गिरिराज भंडारी
"आदरणीय लक्ष्मण भाई ग़ज़ल की सराहना  के लिए आपका हार्दिक आभार "
Tuesday
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"धन्यवाद आदरणीय "
Sunday
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"धन्यवाद आदरणीय "
Sunday
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"आदरणीय कपूर साहब नमस्कार आपका शुक्रगुज़ार हूँ आपने वक़्त दिया यथा शीघ्र आवश्यक सुधार करता हूँ…"
Sunday
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"आदरणीय आज़ी तमाम जी, बहुत सुन्दर ग़ज़ल है आपकी। इतनी सुंदर ग़ज़ल के लिए हार्दिक बधाई स्वीकार करें।"
Sunday
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी, ​ग़ज़ल का प्रयास बहुत अच्छा है। कुछ शेर अच्छे लगे। बधई स्वीकार करें।"
Sunday
Aazi Tamaam replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"सहृदय शुक्रिया ज़र्रा नवाज़ी का आदरणीय धामी सर"
Sunday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service