ल ला ल ला ला ल ला ला ल ल ला ला ला ला
शबाब फूलों का शबनम में मिला देते हैं
शराब यूं ही हसी रोज बना देते हैं
दुआएं करते हैं हम जब भी अमन की खातिर
कबूतरों को भी हाथों से उड़ा देते हैं
कभी जो आया हमें याद सुहाना बचपन
हँसी घरोंदा ही बालू पे बना देते हैं
हुए न जब भी चरागा हैं मयस्सर हमको
चरागे दिल को यूं ही रोज जला देते हैं
समझ रहे हैं फकीरों को भिखारी या रब
फ़कीर खुद ही…
ContinueAdded by Dr Ashutosh Mishra on January 28, 2014 at 1:00pm — 24 Comments
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Added by Dr Ashutosh Mishra on January 12, 2014 at 4:00pm — 15 Comments
ला ला ल ला ल ला ला ल ला ला ला ला ल ला
महफ़िल तू आज फिर से सजाने की बात कर
हसरत जवा है पीने पिलाने की बात कर
चिलमन कहाँ से आया तेरे मेरे बीच में
चिलमन हटा ये नजरें मिलाने की बात कर
चिलमन हटा तो मुखड़े को घूंघट में यूं छुपा
गुल की कली न ऐसे जलाने की बात कर
जलवे जो तेरे पहली दफा देखे थे कभी
इक बार फिर वो जलवे दिखाने की बात कर
हाथों में हाथ तेरे हों बस इतनी आरजू
जन्मों की…
ContinueAdded by Dr Ashutosh Mishra on January 4, 2014 at 10:00am — 25 Comments
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