For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

महफ़िल तू आज फिर से सजाने की बात करे

ला ला ल ला    ल ला ला     ल ला ला   ला ला ल ला 

महफ़िल तू आज फिर से सजाने की बात कर

हसरत जवा है पीने पिलाने की बात कर 

चिलमन कहाँ से आया तेरे मेरे बीच में 

चिलमन हटा ये नजरें मिलाने की बात कर

चिलमन हटा तो मुखड़े को घूंघट में यूं छुपा 

गुल की कली न ऐसे जलाने की बात कर 

जलवे जो तेरे पहली दफा देखे थे कभी 

इक बार फिर वो जलवे दिखाने की बात कर 

हाथों में हाथ तेरे हों बस इतनी आरजू 

जन्मों की प्यास  मेरी बुझाने की  बात कर

दीवानगी में हो ही गयी गर कोई खता 

मलिका ए हुस्न यूं ना सताने की बात कर

मौलिक व अप्रकाशित

Views: 794

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by vandana on January 9, 2014 at 5:42am

बहुत बढ़िया ग़ज़ल आदरणीय आशुतोष जी 


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on January 9, 2014 at 1:39am

बढिया . बढिया.. वाह !


प्रधान संपादक
Comment by योगराज प्रभाकर on January 7, 2014 at 4:09pm

सुन्दर रुमानी गज़ल कही है डॉ आशुतोष मिश्रा जी, बधाई स्वीकारें।

Comment by Dr Ashutosh Mishra on January 7, 2014 at 11:09am

आदरणीय ब्रिजेश जी ..हौसला अफजाई के लिए शुक्रिया ..सादर धन्यवाद के साथ 

Comment by Dr Ashutosh Mishra on January 7, 2014 at 11:08am

आदरणीया अनुपमा जी ..आप सबके मार्गदर्शन और प्रोत्साहन से ही संभव होता है ..बस यूं ही मार्गदर्शन करती रहे ..सादर धन्यवाद के साथ 

Comment by Dr Ashutosh Mishra on January 7, 2014 at 11:06am

आदरणीय निकोर सर ..सादर प्रणाम ..बस आपका आशीर्वाद मिलता रहे यही कामना है ..सादर 

Comment by Dr Ashutosh Mishra on January 7, 2014 at 11:05am

आदरणीय गिरिराज भाईसाब ..बस यूं ही प्रोत्साहित करते रहे और गलतियों पर मार्गदर्शन करते रहे ..सादर 

Comment by Dr Ashutosh Mishra on January 7, 2014 at 11:04am

आदरणीय बैद्नाथ जी ..मेरी रचना आपको पसंद आयी शुक्रगुजार हूँ आपका ..सादर 

Comment by Dr Ashutosh Mishra on January 7, 2014 at 11:03am

आदरणीय शिज्जू  जी ..आपके उत्साह वर्धक शब्द ही मेरी रचना धर्मिता की निरंतरता है बस यूं ही स्नेह बनाए रखें .सादर 

Comment by Dr Ashutosh Mishra on January 7, 2014 at 11:02am

आदरणीय आमोद जी ..आपके उत्साह वर्धक शब्दों के लिए तहे दिल धन्यवाद ..सादर 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Sushil Sarna posted blog posts
7 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post दोहा दसक- गाँठ
"आ. भाई चेतन जी, सादर अभिवादन। दोहों पर आपकी उपस्थिति से प्रसन्नता हुई। हार्दिक आभार। विस्तार से दोष…"
Friday
Chetan Prakash commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post दोहा दसक- गाँठ
"भाई, सुन्दर दोहे रचे आपने ! हाँ, किन्तु कहीं- कहीं व्याकरण की अशुद्धियाँ भी हैं, जैसे: ( 1 ) पहला…"
Thursday
सुरेश कुमार 'कल्याण' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post दोहा सप्तक
"बहुत बहुत धन्यवाद आदरणीय लक्ष्मण धामी जी "
Mar 2
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post दोहा सप्तक
"आ. भाई सुरेश जी, सादर अभिवादन। सुंदर दोहे हुए हैं । हार्दिक बधाई।"
Mar 2
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"सादर नमस्कार आदरणीय।  रचनाओं पर आपकी टिप्पणियों की भी प्रतीक्षा है।"
Mar 1
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"आपका हार्दिक आभार आदरणीय उस्मानी जी।नमन।।"
Feb 28
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"आपका हार्दिक आभार आदरणीय तेजवीर सिंह जी।नमन।।"
Feb 28
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"बहुत ही भावपूर्ण रचना। शृद्धा के मेले में अबोध की लीला और वृद्धजन की पीड़ा। मेले में अवसरवादी…"
Feb 28
TEJ VEER SINGH replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"कुंभ मेला - लघुकथा - “दादाजी, मैं थक गया। अब मेरे से नहीं चला जा रहा। थोड़ी देर कहीं बैठ लो।…"
Feb 28
TEJ VEER SINGH replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"आदरणीय मनन कुमार सिंह जी, हार्दिक बधाई । उच्च पद से सेवा निवृत एक वरिष्ठ नागरिक की शेष जिंदगी की…"
Feb 28
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"बढ़िया शीर्षक सहित बढ़िया रचना विषयांतर्गत। हार्दिक बधाई आदरणीय मनन कुमार सिंह जी।…"
Feb 28

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service