For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

arunendra mishra
  • Male
  • MH
  • India
Share on Facebook MySpace

Arunendra mishra's Friends

  • वेदिका
  • Neelkamal Vaishnaw
  • Albela Khatri
  • Sarita Sinha
  • SURENDRA KUMAR SHUKLA BHRAMAR
  • राकेश त्रिपाठी 'बस्तीवी'
  • CA (Dr.)SHAILENDRA SINGH 'MRIDU'
  • डॉ. नमन दत्त
  • Rohit Dubey "योद्धा "
  • वीनस केसरी
  • Abhinav Arun
  • Deepak Sharma Kuluvi
  • Saurabh Pandey
  • आशीष यादव
  • योगराज प्रभाकर
 

arunendra mishra's Page

Profile Information

Gender
Male
City State
MH
Native Place
Raipur
Profession
Automobile Engineer

arunendra mishra's Photos

  • Add Photos
  • View All

Arunendra mishra's Blog

लौट आओ साजन सावन के पहले - (अरुणेन्द्र मिश्र)

वो लम्हे विरह गीत न बन जाये

लौट आओ साजन सावन के पहले

पपिहा पीऊ पीऊ आवाज लगाये

पेडो पर पड गये झुले

कजरी लागे मोहे सौतन

बदरा की बुन्दे जलये तन मन

लगी है प्रित मेरी अब अशुअन से

लौट आओ साजन सावन के पहले

 

जोगन न बन जाये कही ये बिरहन

लौट आओ साजन सावन के पहले

 

 

मुख मलिन , जैसे काली बदरिया

पनघट पे ना रिझाये कोइ सवरिया

सुनी सुनी पडी है पुरी डगरिया

आंगन सुना, सुना भयॊ मेरे मन का…

Continue

Posted on May 14, 2016 at 7:30pm — 3 Comments

तब मन मे बैराग्य हुआ

जब मेरे ही पूजित पाषाण ने

मेरा उपहास किया,

तब मन मे बैराग्य हुआ

 

जब पुल्लवित बसंत मे,

फ़ूलो ने भवरो का हास किया

तब मन मे बैराग्य हुआ

 …

Continue

Posted on May 4, 2016 at 11:05pm — 6 Comments

जीवन तुझसे एक वर माँगू

जीवन तुझसे एक वर माँगू

पाप पुण्य से दूर 

जीवन की समझ माँगू 

एकाकी अगर सत्य हो तो 

तथागत बनने का वर माँगू

आवेश ही एक मात्र  मार्ग हो तो 

दुर्योधन का आवेश पाऊँ

क्षमा ही ध्येय हो तो 

युधिष्ठिर का मन पाऊँ 

समर्पण ही अगर सत्य हो तो 

समर्पण की धुरी पर जो कर्ण पिसा 

मैं भी समर्पित हूँ 

उपेक्षा अगर सत्य हो तो 

एकलव्य सा ध्यान…

Continue

Posted on May 30, 2012 at 9:30pm — 18 Comments

प्रियतम जब से मैंने प्रेम का आवाहन किया

प्रियतम जब से मैंने प्रेम का आवाहन किया 

करुण वेदना , विरह अश्रु , और मौन ने मेरा श्रृंगार किया 

कितनी संवेदना ,कितनी आह

कितने अश्रु , कितनी चाह

कितने आलाप , कितने गान

मिल कर भी

संतॄप्त न कर पाती

उर अरमनों में छिपे स्पंदन को,

प्रियतम जब से मैंने प्रेम का आवाहन किया 

सावन रिक्त , शशि सुप्त

सूरज न उग्र , रौद्र नयन हैं रुष्ट

प्रियतम जब से मैंने प्रेम का आवाहन किया 

करुण वेदना , विरह अश्रु , और मौन ने मेरा…

Continue

Posted on May 25, 2012 at 11:56pm — 9 Comments

Comment Wall (1 comment)

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

At 8:43pm on April 14, 2012, Admin said…

 
 
 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-162
"तकनीकी कारणों से साइट खुलने में व्यवधान को देखते हुए आयोजन अवधि आज दिनांक 15.04.24 को रात्रि 12 बजे…"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-162
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी, बहुत बढ़िया प्रस्तुति। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई। सादर।"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-162
"आदरणीय समर कबीर जी हार्दिक धन्यवाद आपका। बहुत बहुत आभार।"
yesterday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-162
"जय- पराजय ः गीतिका छंद जय पराजय कुछ नहीं बस, आँकड़ो का मेल है । आड़ ..लेकर ..दूसरों.. की़, जीतने…"
yesterday
Samar kabeer replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-162
"जनाब मिथिलेश वामनकर जी आदाब, उम्द: रचना हुई है, बधाई स्वीकार करें ।"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर posted a blog post

ग़ज़ल: उम्र भर हम सीखते चौकोर करना

याद कर इतना न दिल कमजोर करनाआऊंगा तब खूब जी भर बोर करना।मुख्तसर सी बात है लेकिन जरूरीकह दूं मैं, बस…See More
Saturday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-162
"मन की तख्ती पर सदा, खींचो सत्य सुरेख। जय की होगी शृंखला  एक पराजय देख। - आयेंगे कुछ मौन…"
Saturday
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-162
"स्वागतम"
Saturday
PHOOL SINGH added a discussion to the group धार्मिक साहित्य
Thumbnail

महर्षि वाल्मीकि

महर्षि वाल्मीकिमहर्षि वाल्मीकि का जन्ममहर्षि वाल्मीकि के जन्म के बारे में बहुत भ्रांतियाँ मिलती है…See More
Wednesday
Aazi Tamaam posted a blog post

ग़ज़ल: ग़मज़दा आँखों का पानी

२१२२ २१२२ग़मज़दा आँखों का पानीबोलता है बे-ज़बानीमार ही डालेगी हमकोआज उनकी सरगिरानीआपकी हर बात…See More
Wednesday
Chetan Prakash commented on Samar kabeer's blog post "ओबीओ की 14वीं सालगिरह का तुहफ़ा"
"आदाब,  समर कबीर साहब ! ओ.बी.ओ की सालगिरह पर , आपकी ग़ज़ल-प्रस्तुति, आदरणीय ,  मंच के…"
Apr 10
Ashok Kumar Raktale commented on Ashok Kumar Raktale's blog post कैसे खैर मनाएँ
"आदरणीय सुशील सरना साहब सादर, प्रस्तूत रचना पर उत्साहवर्धन के लिये आपका बहुत-बहुत आभार। सादर "
Apr 9

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service