For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

anjali gupta
  • Female
Share on Facebook MySpace

Anjali gupta's Friends

  • MANINDER SINGH
  • सूबे सिंह सुजान
 

anjali gupta's Page

Latest Activity

anjali gupta replied to Admin's discussion "ओबीओ चित्र से काव्य तक छंदोत्सव" अंक- 120 in the group चित्र से काव्य तक
"चित्र पर कहना मुश्किल लगा लेकिन इस छंद में एक प्रयास वक़्त मुश्किल आ पड़ा है बीत जाएगा मगर है अभी ख़ुद को बचाना और तय करना सफ़र आँख में दे ज़िंदगी चाहे हमें कितनी नमी हौसले में पर कभी आने न देंगे हम कमी मौलिक,अप्रकाशित अंजलि 'सिफ़र'"
Apr 17, 2021
anjali gupta joined Admin's group
Thumbnail

चित्र से काव्य तक

"ओ बी ओ चित्र से काव्य तक छंदोंत्सव" में भाग लेने हेतु सदस्य इस समूह को ज्वाइन कर ले |See More
Apr 17, 2021
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on anjali gupta's blog post ग़ज़ल
"आ. अंजलि जी, गजल का प्रयास अच्छा हुआ है । हार्दिक बधाई ।"
Nov 21, 2020
बृजेश कुमार 'ब्रज' commented on anjali gupta's blog post ग़ज़ल
"वाह क्या ही शानदार ग़ज़ल कही है आदरणीया...हरेक शे'र लाजबाब।"
Nov 17, 2020
Rachna Bhatia commented on anjali gupta's blog post ग़ज़ल
"आदरणीया अंजलि गुप्ता जी बेहतरीन ग़ज़ल हुई।सर् द्वारा दी गई इस्लाह से भी सीखने को मिला।रदीफ़ बहुत अच्छी ली आपने, बधाई।"
Nov 9, 2020
narendrasinh chauhan commented on anjali gupta's blog post ग़ज़ल
"khub sundar rachna "
Nov 9, 2020
anjali gupta commented on anjali gupta's blog post ग़ज़ल
"आदरणीय सालिक गणवीर जी, आपका दिली शुक्रिया"
Nov 9, 2020
anjali gupta commented on anjali gupta's blog post ग़ज़ल
"आदरणीय समर sir,  sir वो शब्द की ज़रूरत महसूस हो रही।है ज़ोर डालने के लिए। जन्नत है ज़मीं पर तो यहीं पर है यहीं पर क्या यूँ कहने से बेहतरी हो रही है sir क्योंकि कश्मीर के लिए ही ये कहा जाता था कभी /थे इक से बड़े एक गुरु फिर भी न समझे/ क्या ये बेहतर…"
Nov 9, 2020
Samar kabeer commented on anjali gupta's blog post ग़ज़ल
"मुहतरमा अंजलि गुप्ता जी आदाब, ग़ज़ल का प्रयास अच्छा है,बधाई स्वीकार करें । 'वो पर्स में तेरे मेरी तस्वीर का मतलब' इस मिसरे में 'वो' शब्द भर्ती का है, ग़ौर करें । 'जन्नत है कहीं गर तो यहीं पर है यहीं परक्या था कभी क्या आज है…"
Nov 8, 2020
सालिक गणवीर commented on anjali gupta's blog post ग़ज़ल
"मुहतरमा अंजलि गुप्ता जीसादर अभिवादनउम्दा क्या ग़ज़ल कही आपने,वाह। एक एक लफ्ज़ और हर एक अशआर के लिए तह -ए -दिल से दाद और मुबारक़बाद क़ुबूल करें।"
Nov 6, 2020
anjali gupta posted a blog post

ग़ज़ल

221 1221 1221 122.आँखों मे छुपी अश्कों की जागीर का मतलब समझेगी न ये दुनिया मेरी पीर का मतलबचल मुझसे नहीं तुझको महब्बत ज़रा समझा वो पर्स में तेरे मेरी तस्वीर का मतलबजन्नत है कहीं गर तो यहीं पर है यहीं पर क्या था कभी क्या आज है कश्मीर का मतलबथे एक से बढ़ एक गुरु फिर भी न समझे वो बीच सभा खिंचते हुए चीर का मतलबइस जिस्म के हर हिस्से में बाँधे हूँ मैं ज़ेवर कैसे मुझे मालूम हो जंजीर का मतलबआशिक़ ये नयी पौध के क्या जानें है क्या इश्क़ राँझा है भला कौन है क्या हीर का मतलबतू देख ले तो अच्छी न देखे तो बुरी है…See More
Nov 4, 2020
anjali gupta and Rupam kumar -'मीत' are now friends
Nov 3, 2020
anjali gupta commented on सालिक गणवीर's blog post जो किसी का नहीं अब वही है मेरा ....( ग़ज़ल :- सालिक गणवीर)
"आदरणीय सालिक गणवीर जी सातवाँ शेर ख़ास पसन्द आया। मतले का सानी अस्पष्ट लगा। अच्छी ग़ज़ल हुई। सादर "
Nov 3, 2020
anjali gupta replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-124
"आदरणीय सालिक गणवीर जी, बहुत ख़ूब । अच्छी ग़ज़ल हेतु बधाई स्वीकार करें"
Oct 24, 2020
anjali gupta replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-124
"आदरणीय munish tanhaa जी ,उम्दा ग़ज़ल हेतु बधाई स्वीकार करें। ख़्याल वाला मिसरा देखियेगा। ख़्याल 21 पर आएगा या नहीं शंका है। सादर"
Oct 24, 2020
anjali gupta replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-124
"आदरणीय मनन कुमार जी , ये केवल बहुवचन है ऐसा मेरे संज्ञान में तो नहीं। ये क़िताब/ये किताबें । अगर आप इस पर और प्रकाश डालें तो मेरी जानकारी में भी इज़ाफ़ा होगा। सादर"
Oct 24, 2020

Profile Information

Gender
Female
City State
ambala city
Native Place
Ambala
Profession
Teacher
About me
गणित विषय की अध्यापिका लेकिन जीवन गणित की अनवरत विद्यार्थी

Comment Wall (2 comments)

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

At 7:21pm on May 17, 2025, Erica said…

I need to have a word privately,Could you please get back to me on ( mrs.ericaw1@gmail.com)Thanks.

At 6:53am on July 2, 2018, राज़ नवादवी said…

आदरणीया अंजलि गुप्ता जी, तरही मुशायरे में मेरी ग़ज़ल में शिरकत का दिल से शुक्रिया. समयाभाव था, कमेंट बॉक्स बंद हो चुका है. इसलिए यहाँ से आभार प्रकट कर रहूँ हूँ.सादर

Anjali gupta's Blog

ग़ज़ल

221 1221 1221 122

.

आँखों मे छुपी अश्कों की जागीर का मतलब

समझेगी न ये दुनिया मेरी पीर का मतलब

चल मुझसे नहीं तुझको महब्बत ज़रा समझा

वो पर्स में तेरे मेरी तस्वीर का मतलब

जन्नत है कहीं गर तो यहीं पर है यहीं पर

क्या था कभी क्या आज है कश्मीर का मतलब

थे एक से बढ़ एक गुरु फिर भी न समझे

वो बीच सभा खिंचते हुए चीर का मतलब

इस जिस्म के हर हिस्से में बाँधे हूँ मैं ज़ेवर

कैसे मुझे मालूम हो जंजीर का…

Continue

Posted on November 3, 2020 at 11:30pm — 8 Comments

ग़ज़ल

221 1221 1221 122

शतरंज में रिश्तों की मैं हारा नहीं होता 

अपनों को बचाने में जो उलझा नहीं होता

यादें तेरी ख़ुश्बू से न दिन रात महकतीं

लम्हा जो तेरे लम्स का ठहरा नहीं होता

भीतर न उसे आने कभी देता मेरा दिल

ख़ंजर पे तेरा नाम जो लिक्खा नहीं होता 

शाख़ों से कहीं उसकी तुम्हें झाँकता बचपन

आँगन का शजर तुमने जो काटा नहीं होता

नफ़रत के समर आयेंगे नफ़रत के शजर पर 

ऐ काश बशर बीज ये बोया नहीं होता

गर…

Continue

Posted on August 4, 2020 at 12:30am — 5 Comments

 
 
 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184

परम आत्मीय स्वजन,ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 184 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का…See More
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post "मुसाफ़िर" हूँ मैं तो ठहर जाऊँ कैसे - लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। विस्तृत टिप्पणी से उत्साहवर्धन के लिए हार्दिक आभार।"
Monday
Chetan Prakash and Dayaram Methani are now friends
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
""ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179 को सफल बनाने के लिए सभी सहभागियों का हार्दिक धन्यवाद।…"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
""ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179 को सफल बनाने के लिए सभी सहभागियों का हार्दिक धन्यवाद।…"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"आदरणीय जयहिंद रायपुरी जी, प्रदत्त विषय पर आपने बहुत बढ़िया प्रस्तुति का प्रयास किया है। इस…"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"आ. भाई जयहिंद जी, सादर अभिवादन। अच्छी रचना हुई है। हार्दिक बधाई।"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"बुझा दीप आँधी हमें मत डरा तू नहीं एक भी अब तमस की सुनेंगे"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। गजल पर विस्तृत और मार्गदर्शक टिप्पणी के लिए आभार // कहो आँधियों…"
Sunday
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"कुंडलिया  उजाला गया फैल है,देश में चहुँ ओर अंधे सभी मिलजुल के,खूब मचाएं शोर खूब मचाएं शोर,…"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार। बहुत बहुत धन्यवाद। सादर।"
Saturday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी आपने प्रदत्त विषय पर बहुत बढ़िया गजल कही है। गजल के प्रत्येक शेर पर हार्दिक…"
Saturday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service