For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

Sheela Sharma
Share on Facebook MySpace

Sheela Sharma's Friends

  • Usha Awasthi
 

Sheela Sharma's Page

Latest Activity

Dimple Sharma commented on Sheela Sharma's blog post रोक लेते तुम अगर..
"आदरणीया शीला शर्मा जी नमस्ते, खुबसूरत रचना पर बधाई स्वीकार करें आदरणीय।"
Sep 2, 2020
आशीष यादव commented on Sheela Sharma's blog post सभी को स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं
"स्वतंत्रता दिवस पर एक अच्छी रचना हुई है। बधाई स्वीकार कीजिए।"
Aug 25, 2020
आशीष यादव commented on Sheela Sharma's blog post रोक लेते तुम अगर..
"बहुत अच्छी रचना हुई है। कहीं कहीं गेयता भंग हो रही है किंतु भाव बिल्कुल सच्चे हैं। बधाई स्वीकार कीजिए।"
Aug 25, 2020
Samar kabeer commented on Sheela Sharma's blog post रोक लेते तुम अगर..
"मुहतरमा शीला शर्मा जी आदाब, अच्छी रचना हुई है, बधाई स्वीकार करें । कुछ शब्दों में टंकण त्रुटियाँ देख लें ।"
Aug 25, 2020
Samar kabeer commented on Sheela Sharma's blog post सभी को स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं
"मुहतरमा शीला शर्मा जी आदाब, अच्छी रचना हुई है, बधाई स्वीकार करें ।"
Aug 25, 2020
Sheela Sharma posted blog posts
Aug 25, 2020
Usha Awasthi and Sheela Sharma are now friends
Aug 24, 2020
Sheela Sharma commented on बसंत कुमार शर्मा's blog post माँ की मिली जो गोद तो जन्नत में आ गए.- गजल
"बहुत सुंदर रचना..।हार्दिक बधाई।"
Aug 24, 2020
Sheela Sharma commented on Usha Awasthi's blog post सारा हिन्दुस्तान
"आदरणीया दीदी, रचन के लिये बधाई।"
Aug 24, 2020
Sheela Sharma is now a member of Open Books Online
May 28, 2020

Profile Information

Gender
Female
City State
Lucknow
Native Place
Lucknow
Profession
Home maker
About me
I am like to read and write.

Sheela Sharma's Blog

रोक लेते तुम अगर..

अपनी माटी गांव छोड़,हम

माया नगरी आए थे..

अम्मा बाबू और बच्चों के

सपने संग में लाए थे।



हाँफ रहे बेजान शहर मे

जीवन हमने डाला था..

अपने श्रम सीकर से इसको

हरा भरा कर डाला था।

टैम्पो रिक्शा खींचा हमने

उद्योगों के पहिये घुमाए थे

रहे सदा झोपड़ी मे हम

पर कितने महल बनाए थे।

समय का पहिया ऐसे घूमा

सारे पहिए जाम हुए...

तुम अपने थे,फिर यों कैसे

निष्ठुर बन अनजान हुए।

एक बार तो कहते हमसे

रूको यहाँ मत जाओ…

Continue

Posted on August 24, 2020 at 10:00am — 3 Comments

सभी को स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं

पन्द्रह अगस्त फिर आया है

हमको यह याद दिलाने को,

स्वतंत्रता की खुशी मनाएं

पर ना भूलें बलिदानों को।

ये धरती, येअम्बर अब भी

साक्षी है उन दीवानों की,

सर्वस्व लुटाकर अमर हुए

आजादी के परवानों की।

ना सहन कर सके जो थे

भारत माता का बन्धन,

निज शीश चढ़ा आहुति में

करते थे राष्ट्र यज्ञ, वन्दन।

हम भूलें नहीं कभी भी

आजादी का वह नारा,

हम मिटें भले, लेकिन यह

लहराए तिरंगा प्यारा।

हम बंटे नहीं टुकड़ों में

यह शपथ हमें लेना है,

उन वीरों की यह…

Continue

Posted on August 24, 2020 at 9:30am — 2 Comments

Comment Wall

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

  • No comments yet!
 
 
 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

सुरेश कुमार 'कल्याण' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post दोहा सप्तक
"बहुत बहुत धन्यवाद आदरणीय लक्ष्मण धामी जी "
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post दोहा सप्तक
"आ. भाई सुरेश जी, सादर अभिवादन। सुंदर दोहे हुए हैं । हार्दिक बधाई।"
Sunday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"सादर नमस्कार आदरणीय।  रचनाओं पर आपकी टिप्पणियों की भी प्रतीक्षा है।"
Friday
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"आपका हार्दिक आभार आदरणीय उस्मानी जी।नमन।।"
Friday
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"आपका हार्दिक आभार आदरणीय तेजवीर सिंह जी।नमन।।"
Friday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"बहुत ही भावपूर्ण रचना। शृद्धा के मेले में अबोध की लीला और वृद्धजन की पीड़ा। मेले में अवसरवादी…"
Friday
TEJ VEER SINGH replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"कुंभ मेला - लघुकथा - “दादाजी, मैं थक गया। अब मेरे से नहीं चला जा रहा। थोड़ी देर कहीं बैठ लो।…"
Friday
TEJ VEER SINGH replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"आदरणीय मनन कुमार सिंह जी, हार्दिक बधाई । उच्च पद से सेवा निवृत एक वरिष्ठ नागरिक की शेष जिंदगी की…"
Friday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"बढ़िया शीर्षक सहित बढ़िया रचना विषयांतर्गत। हार्दिक बधाई आदरणीय मनन कुमार सिंह जी।…"
Friday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"रचना पटल पर उपस्थिति और विस्तृत समीक्षात्मक मार्गदर्शक टिप्पणी हेतु हार्दिक धन्यवाद आदरणीय तेजवीर…"
Friday
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"जिजीविषा गंगाधर बाबू के रिटायर हुए कोई लंबा अरसा नहीं गुजरा था।यही दो -ढाई साल पहले सचिवालय की…"
Friday
TEJ VEER SINGH replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी साहब जी , इस प्रयोगात्मक लघुकथा से इस गोष्ठी के शुभारंभ हेतु हार्दिक…"
Friday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service