For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

Kamal purohit
Share on Facebook MySpace

Kamal purohit's Friends

  • Samar kabeer

Kamal purohit's Groups

 

Kamal purohit's Page

Latest Activity

Kamal purohit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-151
"सादर प्रणाम सर जी अच्छा सुझाव दिया मिसरे में बदलाव कर लिया है। लेकिन यहां प्रीवियस कमेंट नहीं दिख रहे बहुत कोशिश कर ली सिर्फ अंतिम 3-4 कमेंट ही नज़र आते है"
Jan 27, 2023
Kamal purohit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-151
"गिरह साथियों को सुनाने हैं किस्से कईं कोई मिलता नहीं दोस्ती के लिए ग़ज़ल सिर्फ चलता न है शाइरी के लिए है क़लम ये मेरा मुख़्लिसी के लिए हो बला की कोई ख़ूबसूरत हसीं दिल मेरा पर है उस साँवरी के लिए जान भी दाँव पर हम लगा देते हैं और क्या हम करें दोस्ती…"
Jan 27, 2023
Kamal purohit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-150
"आदरणीय लक्ष्मण जी अच्छा प्रयास हुआ है"
Dec 29, 2022
Kamal purohit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-150
"आदरणीय दंडपाणि नाहक जी हृदय से धन्यवाद आपका"
Dec 29, 2022
Kamal purohit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-150
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी हृदय से धन्यवाद आपका"
Dec 29, 2022
Kamal purohit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-150
"आदरणीय राखी जैन जी हृदय से धन्यवाद आपका"
Dec 29, 2022
Kamal purohit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-150
"सुंदर ग़ज़ल हुई आदरणीय दिनेश जी"
Dec 29, 2022
Kamal purohit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-150
"वाह अंजुमन जी दूसरा शेर बहुत सुंदर"
Dec 29, 2022
Kamal purohit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-150
"वज़्न - 1222-1222-1222-1222 गिरह ख़ुदा या बदनसीबी क्यों मेरी किस्मत में लिक्खी है अजब माँ हूँ कोई बच्चा मेरा ज़िंदा नही रहता मतला कोई गुलशन हमेशा ज्यों फला फूला नहीं रहता मुहब्बत का समय वैसे ही इक जैसा  नहीं रहता शेर कभी दिन के उजालों में…"
Dec 29, 2022
Samar kabeer left a comment for Kamal purohit
"ख़ुश रहो ।"
Jul 6, 2022
Samar kabeer and Kamal purohit are now friends
Jul 6, 2022
Kamal purohit commented on Samar kabeer's blog post ग़ज़ल :- हज़रत-ए-'मीर' की ज़मीन में
"वाह सर जी कमाल ग़ज़ल बेजोड़ काफ़िये इस मिसरे पर मैं सहमत नहीं (बेअदब हूँ अदब नहीं आता) इसके लिए मैं इतना ही कहना चाहता हूँ अदब भी जहाँ पर अदब सीखता है वो दर आपका है वो घर आपका है"
Jul 6, 2022
Kamal purohit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-130
"जी बहुत खूब लिखा आदरणीय लक्ष्मण धामी जी"
Aug 15, 2021
Kamal purohit updated their profile
Jul 2, 2021
Kamal purohit joined Admin's group
Thumbnail

चित्र से काव्य तक

"ओ बी ओ चित्र से काव्य तक छंदोंत्सव" में भाग लेने हेतु सदस्य इस समूह को ज्वाइन कर ले |See More
Jun 30, 2021
Kamal purohit is now a member of Open Books Online
Jun 29, 2021

Profile Information

Gender
Male
City State
Kolkata
Native Place
Rajasthan
Profession
Stock dealer

ग़ज़ल

भले ही जहाँ ने ये माना नहीं है।
कोई पर मेरे यार जैसा नहीं है।

बता तो दिया है ज़माने को लेकिन,
असर क्यों मुहब्बत का दिखता नहीं है।

यूँ शर्म ओ हया की न बातें करो तुम,
अगर इन निगाहों पे पर्दा नहीं है।

नुमाइश की आदत तुम्हें होगी शायद,
मुझे करना आता दिखावा नहीं है।

कहानी में कुछ तो नयापन भी लाओ
पुराना सा किस्सा सुनाना नहीं है।

अगर खोने पाने की चिंता न हो तो,
किसी बात का फ़र्क पड़ता नहीं है।

ख़ुदा ने हमें ख़ुद की ख़ुशी से नवाज़ा
हुजूर आपने क्यों ये माना  नहीं है।

हमेशा अलग था "कमल" तू जहाँ से,
मगर क्यों समझ तू ये पाया नहीं है।

अप्रकाशित और मौलिक

Comment Wall (2 comments)

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

At 10:39am on April 9, 2024, Erica said…

I need to have a word privately, please get back to me on ( mrs.ericaw1@gmail.com) Thanks.

At 12:25pm on July 6, 2022, Samar kabeer said…

ख़ुश रहो ।

 
 
 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Aazi Tamaam commented on Aazi Tamaam's blog post तरही ग़ज़ल: इस 'अदालत में ये क़ातिल सच ही फ़रमावेंगे क्या
"बहुत बहुत शुक्रिया आदरणीय निलेश सर ग़ज़ल पर नज़र ए करम का देखिये आदरणीय तीसरे शे'र में सुधार…"
1 hour ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . . . विविध
"  आदरणीय सुशील सरनाजी, कई तरह के भावों को शाब्दिक करती हुई दोहावली प्रस्तुत हुई…"
1 hour ago
Sushil Sarna posted a blog post

कुंडलिया. . . . .

कुंडलिया. . .चमकी चाँदी  केश  में, कहे उमर  का खेल ।स्याह केश  लौटें  नहीं, खूब   लगाओ  तेल ।खूब …See More
2 hours ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . . . विविध
"आदरणीय गिरिराज भंडारी जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय "
2 hours ago
Aazi Tamaam commented on Aazi Tamaam's blog post ग़ज़ल: चार पहर कट जाएँ अगर जो मुश्किल के
"बहुत बहुत शुक्रिया आदरणीय निलेश सर ग़ज़ल पर इस्लाह करने के लिए सहृदय धन्यवाद और बेहतर हो गये अशआर…"
3 hours ago
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - सुनाने जैसी कोई दास्ताँ नहीं हूँ मैं
"धन्यवाद आ. आज़ी तमाम भाई "
3 hours ago
Nilesh Shevgaonkar commented on Aazi Tamaam's blog post ग़ज़ल: चार पहर कट जाएँ अगर जो मुश्किल के
"आ. आज़ी भाई मतले के सानी को लयभंग नहीं कहूँगा लेकिन थोडा अटकाव है . चार पहर कट जाएँ अगर जो…"
3 hours ago
Aazi Tamaam commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - सुनाने जैसी कोई दास्ताँ नहीं हूँ मैं
"बेहद ख़ूबसुरत ग़ज़ल हुई है आदरणीय निलेश सर मतला बेहद पसंद आया बधाई स्वीकारें"
3 hours ago
Nilesh Shevgaonkar commented on Aazi Tamaam's blog post तरही ग़ज़ल: इस 'अदालत में ये क़ातिल सच ही फ़रमावेंगे क्या
"आ. आज़ी तमाम भाई,अच्छी ग़ज़ल हुई है .. कुछ शेर और बेहतर हो सकते हैं.जैसे  इल्म का अब हाल ये है…"
3 hours ago
Nilesh Shevgaonkar commented on surender insan's blog post जो समझता रहा कि है रब वो।
"आ. सुरेन्द्र भाई अच्छी ग़ज़ल हुई है बोझ भारी में वाक्य रचना बेढ़ब है ..ऐसे प्रयोग से…"
3 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on surender insan's blog post जो समझता रहा कि है रब वो।
"आदरणीय सुरेंदर भाई , अच्छी ग़ज़ल हुई है , हार्दिक बधाई आपको , गुनी जन की बातों का ख्याल कीजियेगा "
4 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on Aazi Tamaam's blog post ग़ज़ल: चार पहर कट जाएँ अगर जो मुश्किल के
"आदरणीय आजी भाई , ख़ूबसूरत ग़ज़ल हुई है , दिली बधाई स्वीकार करें "
4 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service