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2122 -1122-1122-22
याद तेरी को ऐसे दिल में लगा रक्खा है ।
ढूंढ पाये तेरा तो जेब पता रक्खा है ।1
रात सो जाये हमें नींद कहाँ आती अब ,
साथ रातों यही रिश्ता जो बना रक्खा है ।2
क्यूँ बता दी कोई अपनी ये कहानी उसको ,
बन रहे फूल जो क्यूँ शूल बता रक्खा है।3
कल मिरा आज बिगाना वो किसी कल होगा
किस लिए यार यूँ ही खुद को जला रक्खा है ।4
था कभी खोजा जिसे ऊँचे पहाड़ों जा कर ,
नेक बंदे…
ContinuePosted on November 24, 2020 at 4:30pm — 1 Comment
जब मैं कल रात ड्यूटी से घर आई , तो महाभारत घर में पहले से ही हमेशा की तरह चल रही थी। मुझे समझ नहीं आ रहा कि जब घर वालों ने अपनी मर्जी से मेरी शादी की, मेरी राय तक नहीं पूछी गई l क्यूंकि मेरे जैसी जो पहले ही तीस पार कर चुकी होl उन से भला कौन राय लेता l मैं तो बोझ थी, जिसको निपटाना चाहा l जानलेवा बीमारी ने शादी के कुछ महीनों बाद ही उनको मुझसे जब दूर कर दिया। तब मुझे लगा, अब मुझे उस घर में एक अजनबी की तरह नहीं रहना चाहिए, मैं जल्दी से उनका बोझ कम करना चाहा। उनके जाने के बाद, मैं उस घर में अकेले…
ContinuePosted on November 4, 2020 at 9:30pm — 3 Comments
वाहन मुख्य सड़क से उस गांव की सड़क पर आ गया, जिसे सर्वेक्षण के लिए चुना गया था।सारे राज में सरकार द्वारा लोगों को प्रदान की जाने वाली सरकारी सेवाओं के बारे में सर्वेक्षण किया जा रहा था।
सर्वेक्षण फॉर्म में प्रश्न थे, क्या आपके गाँव में इस फॉर्म पर लिखी गई सेवाएँ उपलब्ध हैं? क्या ये सभी सेवाएं लोगों को मिलती हैं या नहीं, यदि नहीं मिलती , तो आपको क्या लगता है कि इन के क्या कारण हो सकते हैं ?
मैं आधिकारिक दौरे पर पहली बार इस गांव में आया था l
गांव की बाहरी सड़क से होते हुए,हमारा…
Posted on October 27, 2020 at 5:00pm — 2 Comments
"आंटी जी, अगर उस दिन आप ने शिंदो के सर पर हाथ न रखा होता तो पता नहीं ये कहाँ होती।" रज्जो ने कहा
कीमत तो इसकी पहले ही लग चुकी थी,बस उस दिन तो पैसे देने थे, मालिक को ।
शिंदो को तो इस बारे कुछ पता ही नही था।“भला हो उस के साथ डांस पार्टी में काम करने वाली का”,रज्जो ने बात बढ़ाते हुए कहा।
"उसने बता दिया,वरना पता नहीं कहाँ कहाँ बिक गई चुकी होती, अब तक ।
जब मालिक ने कहा कि कल वह किसी और डांस पार्टी के साथ काम करेगी " तब उसे खनक गई थी,कि इस के आगे़ क्या होने वाला…
ContinuePosted on October 10, 2020 at 2:00pm — 2 Comments
आदरणीय मोहन बेगोवाल जी आपको शेर पसन्द आये . मै कृतार्थ हुई
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