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धार्मिक साहित्य Discussions (167)

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मकर-संक्रान्ति पर विशेष

  भारत वस्तुतः गाँवों का देश है. यहाँ के गाँव प्रकृति और प्राकृतिक परिवर्त्तनों से अधिक प्रभावित होते हैं, बनिस्पत अन्य भौतिक कारणों से. च…

Started by Saurabh PandeyLatest Reply

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जय श्री राम

जय श्री रामदोहे____________________ पौष शुक्ल की द्वादशी,सजा अवधपुर धाम।प्राण प्रतिष्ठा हो गए,बाल रूप श्री राम।१। रामलला के साथ में, सजे…

Started by सुरेश कुमार 'कल्याण'

0 Jun 15, 2024

महर्षि वाल्मीकि

महर्षि वाल्मीकि महर्षि वाल्मीकि का जन्म महर्षि वाल्मीकि के जन्म के बारे में बहुत भ्रांतियाँ मिलती है कोई कहता है कि उनका जन्म महर्षि कश्यप…

Started by PHOOL SINGH

0 Apr 1, 2024

#सरसी_छन्द, उपहार

स्वार्थहीन अनुराग सदा ही,देते हो भगवान।निज सुख-सुविधा के सब साधन,दिया सदा ही मान। अपनी सूझ-बूझ से समझी,प्रतिपल मेरी चाह,इस कठोर जीवन की तु…

Started by शुचिता अग्रवाल "शुचिसंदीप"

3 Jan 25, 2024
Reply by Shyam Narain Verma

रास छंद "कृष्णावतार"

(रास छंद) हाथों में थी, मात पिता के, सांकलियाँ। घोर घटा में, कड़क रहीं थी, दामिनियाँ। हाथ हाथ को, भी नहिं सूझे, तम गहरा। दरवाजों पर, लटके त…

Started by बासुदेव अग्रवाल 'नमन'

3 Jan 25, 2024
Reply by Shyam Narain Verma

#लावणी_छन्द, निधिवन

लता,फूल,रज के हर कण में,नभ से झाँक रहे घन में,राधे-कृष्णा की छवि दिखती,वृन्दावन के निधिवन में। प्रेम अलौकिक व्याप्त पवन में,प्रणय गीत से ब…

Started by शुचिता अग्रवाल "शुचिसंदीप"

3 Jan 25, 2024
Reply by Shyam Narain Verma

सदियों का वनवास अंत कर

गीत पुलकित तन से पुलकित मन से, नाच रहे है जन जन सारे।सदियों  का  वनवास  अंत  कर, सकल  राष्ट्र में राम पधारे।**राजनीति ने करवट  ली  तो, हर …

Started by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'

1 Jan 25, 2024
Reply by Shyam Narain Verma

पुरुषोत्तम श्री राम

श्री राम के जैसा चरित्र न मिलता चाहे ढूँढ लो इस जहान में मर्यादा की जो साक्षात मूर्ति, न उनसे बड़ा कोई ज्ञान में।।   शिव का क्रोध और दुर्ग…

Started by PHOOL SINGH

0 Jan 24, 2024

राम मंदिर

  राम मंदिर   राम व्यापक राम विश्वात्मा हर जीव में है राम बसा जन्मभूमि श्री राम कहलाती, भव्य मंदिर एक वहाँ बना।।   देश की आत्मा देश की आस्थ…

Started by PHOOL SINGH

0 Jan 23, 2024

वैंकुंठधाम आगमन

काल का नियम कठोर है होता सभी को इसको वरना हो श्री राम अछूते रह सके न, क्या मानव जीवन का वर्णन हो||   आते साधू रूप में काल देवता श्री राम स…

Started by PHOOL SINGH

0 Jan 18, 2024

क्या युद्ध निश्चित था?

क्यूँ रोकते द्रौपदी को जब कर्ण लक्ष्य भेद में माहिर था अपमान कराते द्रौपदी से उसका, जानते थे वो ज्येष्ठ पुत्र है कुंती का||   युद्ध से पहल…

Started by PHOOL SINGH

0 Jan 15, 2024

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"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185

परम आत्मीय स्वजन, ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 185 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का…See More
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Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
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'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 173

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
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Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी, प्रस्तुति पर आपसे मिली शुभकामनाओं के लिए हार्दिक धन्यवाद ..  सादर"
Wednesday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

आदमी क्या आदमी को जानता है -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

२१२२/२१२२/२१२२ कर तरक्की जो सभा में बोलता है बाँध पाँवो को वही छिप रोकता है।। * देवता जिस को…See More
Tuesday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-180

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
Monday
Sushil Sarna posted blog posts
Nov 6
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Saurabh Pandey's blog post कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ
"आ. भाई सौरभ जी, सादर अभिवादन। बेहतरीन गजल हुई है। हार्दिक बधाई।"
Nov 5
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

देवता क्यों दोस्त होंगे फिर भला- लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

२१२२/२१२२/२१२ **** तीर्थ जाना  हो  गया है सैर जब भक्ति का यूँ भाव जाता तैर जब।१। * देवता…See More
Nov 5

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey posted a blog post

कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ

२१२२ २१२२ २१२२ जब जिये हम दर्द.. थपकी-तान देते कौन क्या कहता नहीं अब कान देते   आपके निर्देश हैं…See More
Nov 2
Profile IconDr. VASUDEV VENKATRAMAN, Sarita baghela and Abhilash Pandey joined Open Books Online
Nov 1
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"आदाब। रचना पटल पर नियमित उपस्थिति और समीक्षात्मक टिप्पणी सहित अमूल्य मार्गदर्शन प्रदान करने हेतु…"
Oct 31
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"सादर नमस्कार। रचना पटल पर अपना अमूल्य समय देकर अमूल्य सहभागिता और रचना पर समीक्षात्मक टिप्पणी हेतु…"
Oct 31

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