For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

खुशियाँ और गम, ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार के संग...

ओपन बुक्स ऑनलाइन के सभी सदस्यों को प्रणाम, बहुत दिनों से मेरे मन मे एक विचार आ रहा था कि एक ऐसा फोरम भी होना चाहिये जिसमे हम लोग अपने सदस्यों की ख़ुशी और गम को नजदीक से महसूस कर सके, इसी बात को ध्यान मे रखकर यह फोरम प्रारंभ किया जा रहा है, जिसमे सदस्य गण एक दूसरे के सुख और दुःख की बातो को यहाँ लिख सकते है और एक दूसरे के सुख दुःख मे शामिल हो सकते है |

धन्यवाद सहित
आप सब का अपना
ADMIN
OBO

Views: 71704

Reply to This

Replies to This Discussion

आद० समर भाई जी ,पढ़कर इतनी ख़ुशी हो रही है की शब्द नहीं हैं मेरे पास आप इन सब क्या इससे भी ज्यादा सम्मान के हक़दार हैं हम सौभाग्यशाली हैं की आप हमारे ओबिओ परिवार की जाँ हैं आपको  दिल से बहुत बहुत मुबारकबाद ..

बहन राजेश कुमारी जी आदाब,ये सौभाग्य तो मेरा है कि मैं ओबीओ परिवार में हूँ ,मैं जानता हूँ आपको बहुत ख़ुशी हुई होगी ,आपकी मुहब्बतों और दुआओं के लिये तहे दिल से शुक्रगुज़ार हूँ ।
आदरणीय गुरूदेव समर कबीर साहब, आज आपके बारे में पढ़ा, बहुत उत्कंठा भी थी आपको जानने की, अच्छा लगा, आप जैसा नेक दिल इंसान से खुदा ने हमे मिलाया, यह हमारी खुशकिस्मती है। आप तमाम परेशानियो के बावजूद जितनी सिद्दत से हम सबको राह दिखाते है, वह आने वाली पीढियो के लिए एक उदहारण है, मेरी परमपिता से एकहि गुजारिश है, कि आप सदा यूँही प्यार बाटते रहे, और स्वस्थ बने रहे। आपके उपलब्धि पर हमारी बधाई निवेदित है।
प्रिय अनुज मैं आपके जज़्बात की क़द्र करता हूँ,सलामत रहो ।

आदरणीय समर कबीर जी, 

       इस उपलब्धि पर हम सबको नाज है साहित्य के प्रति अनुराग और समर्पण का यह इनाम  हम सबके लिए प्रेरणा का  स्रोत है जीवन में आप जैसों का सानिध्य और मार्गदर्शन से लाभान्वित होकर हम अपने आपको भाग्यशाली मानते है  आदरणीय  सादर  बधाई  

जनाब सत्यनारायण सिंह जी आदाब,ये मेरी खुशकिस्मती है कि मुझे ओबीओ जैसा परिवार नसीब हुआ,आपके स्नेह के लिये दिल की गहराइयों से बहुत बहुत धन्यवाद ।

आदरणीय समर कबीर साहब सादर नमस्कार, मशहूर शायर जनाब जहीर कुरैशी साहब ने आपके विषय में बहुत सच्चाई से लिखा है आपकी तारीफ़ के कहीं उनकी कलम तंग नहीं दिखी. फिर सच्चाई यह भी है की जब खुश्बू फैलती है तो कौन उसे रोक पाता है. आपकी ख्याति दिनों दिन और फैले यही मेरी हार्दिक कामना है. जनाब जहीर कुरैशी साहब का बहुत-बहुत शुक्रिया और आपको दिल से बधाई. सादर.

जनाब अशोक कुमार रक्ताले साहिब आदाब,आपकी दुआओं और मुहब्बतों के लिये तहे दिल से शुक्रगुज़ार हूँ ।

आदरणीय समर कबीर साहब, दिल की गहराइयों से मुबारकबाद। आपकी क्षमता कमाल की है और अदब को ले कर आपका जुनून न केवल श्लाघनीय है, बल्कि अनुकरणीय भी है। समावर्तन के अंक मेरे पास आते हैं। उस में भी ज़हीर भाई का आपको लेकर दिया गया परिचयात्मक आलेख ! भाईजी, इसे कहते हैं, सोने जैसी धातु में सुहागा की गंध ! आप यों ही कामयाब रहें और हमारे लिए गर्व के क्षण उपलब्ध कराते रहें।

पुनः हार्दिक बधाइयाँ और अशेष शुभकामनाएँ

जनाब सौरभ पाण्डेय जी आदाब,मैं तो इसे ओबीओ का ही पुरुस्कार मानता हूँ,आपकी दुआओं और मुहब्बतों के लिये तहे दिल से शुक्रगुज़ार हूँ ।

ओ बी ओ मंच एवम सभी मित्रों को लोहड़ी उत्सव की हार्दिक शुभकामनाएं। 

जनाब सुशील सरना जी आदाब,आपकी दुआओं और मुहब्बतों के लिये तहे दिल से शुक्रगुज़ार हूँ ।

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-109 (सियासत)
"यूॅं छू ले आसमाॅं (लघुकथा): "तुम हर रोज़ रिश्तेदार और रिश्ते-नातों का रोना रोते हो? कितनी बार…"
yesterday
Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-109 (सियासत)
"स्वागतम"
Sunday
Vikram Motegi is now a member of Open Books Online
Sunday
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा पंचक. . . . .पुष्प - अलि

दोहा पंचक. . . . पुष्प -अलिगंध चुराने आ गए, कलियों के चितचोर । कली -कली से प्रेम की, अलिकुल बाँधे…See More
Sunday
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम मेठानी जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और हौसला अफ़ज़ाई का तह-ए-दिल से शुक्रिया।"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दयाराम जी, सादर आभार।"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई संजय जी हार्दिक आभार।"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. रिचा जी, हार्दिक धन्यवाद"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दिनेश जी, सादर आभार।"
Saturday
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय रिचा यादव जी, पोस्ट पर कमेंट के लिए हार्दिक आभार।"
Saturday
Shyam Narain Verma commented on Aazi Tamaam's blog post ग़ज़ल: ग़मज़दा आँखों का पानी
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
Saturday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service