For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

आदरणीय साहित्य प्रेमियो,

जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर नव-हस्ताक्षरों, के लिए अपनी कलम की धार को और भी तीक्ष्ण करने का अवसर प्रदान करता है. इसी क्रम में प्रस्तुत है :

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-125

विषय - "मन की बातें"

आयोजन अवधि- 13 मार्च 2021, दिन शनिवार से 14 मार्च 2021, दिन रविवार की समाप्ति तक अर्थात कुल दो दिन.

ध्यान रहे : बात बेशक छोटी हो लेकिन ’घाव करे गंभीर’ करने वाली हो तो पद्य- समारोह का आनन्द बहुगुणा हो जाए. आयोजन के लिए दिये विषय को केन्द्रित करते हुए आप सभी अपनी मौलिक एवं अप्रकाशित रचना पद्य-साहित्य की किसी भी विधा में स्वयं द्वारा लाइव पोस्ट कर सकते हैं. साथ ही अन्य साथियों की रचना पर लाइव टिप्पणी भी कर सकते हैं.

उदाहरण स्वरुप पद्य-साहित्य की कुछ विधाओं का नाम सूचीबद्ध किये जा रहे हैं --

तुकांत कविता, अतुकांत आधुनिक कविता, हास्य कविता, गीत-नवगीत, ग़ज़ल, नज़्म, हाइकू, सॉनेट, व्यंग्य काव्य, मुक्तक, शास्त्रीय-छंद जैसे दोहा, चौपाई, कुंडलिया, कवित्त, सवैया, हरिगीतिका आदि.

अति आवश्यक सूचना :-

रचनाओं की संख्या पर कोई बन्धन नहीं है. किन्तु, एक से अधिक रचनाएँ प्रस्तुत करनी हों तो पद्य-साहित्य की अलग अलग विधाओं अथवा अलग अलग छंदों में रचनाएँ प्रस्तुत हों.
रचना केवल स्वयं के प्रोफाइल से ही पोस्ट करें, अन्य सदस्य की रचना किसी और सदस्य द्वारा पोस्ट नहीं की जाएगी.
रचनाकारों से निवेदन है कि अपनी रचना अच्छी तरह से देवनागरी के फॉण्ट में टाइप कर लेफ्ट एलाइन, काले रंग एवं नॉन बोल्ड टेक्स्ट में ही पोस्ट करें.
रचना पोस्ट करते समय कोई भूमिका न लिखें, सीधे अपनी रचना पोस्ट करें, अंत में अपना नाम, पता, फोन नंबर, दिनांक अथवा किसी भी प्रकार के सिम्बल आदि भी न लगाएं.
प्रविष्टि के अंत में मंच के नियमानुसार केवल "मौलिक व अप्रकाशित" लिखें.
नियमों के विरुद्ध, विषय से भटकी हुई तथा अस्तरीय प्रस्तुति को बिना कोई कारण बताये तथा बिना कोई पूर्व सूचना दिए हटाया जा सकता है. यह अधिकार प्रबंधन-समिति के सदस्यों के पास सुरक्षित रहेगा, जिस पर कोई बहस नहीं की जाएगी.
सदस्यगण बार-बार संशोधन हेतु अनुरोध न करें, बल्कि उनकी रचनाओं पर प्राप्त सुझावों को भली-भाँति अध्ययन कर संकलन आने के बाद संशोधन हेतु अनुरोध करें. सदस्यगण ध्यान रखें कि रचनाओं में किन्हीं दोषों या गलतियों पर सुझावों के अनुसार संशोधन कराने को किसी सुविधा की तरह लें, न कि किसी अधिकार की तरह.

आयोजनों के वातावरण को टिप्पणियों के माध्यम से समरस बनाये रखना उचित है. लेकिन बातचीत में असंयमित तथ्य न आ पायें इसके प्रति टिप्पणीकारों से सकारात्मकता तथा संवेदनशीलता अपेक्षित है.

इस तथ्य पर ध्यान रहे कि स्माइली आदि का असंयमित अथवा अव्यावहारिक प्रयोग तथा बिना अर्थ के पोस्ट आयोजन के स्तर को हल्का करते हैं.

रचनाओं पर टिप्पणियाँ यथासंभव देवनागरी फाण्ट में ही करें. अनावश्यक रूप से स्माइली अथवा रोमन फाण्ट का उपयोग न करें. रोमन फाण्ट में टिप्पणियाँ करना, एक ऐसा रास्ता है जो अन्य कोई उपाय न रहने पर ही अपनाया जाय.

फिलहाल Reply Box बंद रहेगा जो - 13 मार्च 2021, दिन शनिवार लगते ही खोल दिया जायेगा।

यदि आप किसी कारणवश अभी तक ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार से नहीं जुड़ सके है तो www.openbooksonline.com पर जाकर प्रथम बार sign up कर लें.

महा-उत्सव के सम्बन्ध मे किसी तरह की जानकारी हेतु नीचे दिये लिंक पर पूछताछ की जा सकती है ...
"OBO लाइव महा उत्सव" के सम्बन्ध मे पूछताछ

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" के पिछ्ले अंकों को पढ़ने हेतु यहाँ क्लिक करें

मंच संचालक
ई. गणेश जी बाग़ी 
(संस्थापक सह मुख्य प्रबंधक)
ओपन बुक्स ऑनलाइन डॉट कॉम परिवार

Views: 1607

Replies are closed for this discussion.

Replies to This Discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-125 में आप सभी का स्वागत है.

गीत

आलोड़न प्रकृति है, फूल कली पत्ती
कि अंगड़ाई लेता बसन्त अमराई
लहरायं नद-नाले-झील -तलैया,
आया बसंत हँसे क्यारी- क्यारी।

रजनी गंधा दिन चम्पा इठलाई है।।

गौ-मुख से निकली है गंगा तेज गति
पिघल रही है, बर्फ भी पाते सद्गति
कि दुख मिटा विरहन, वेला-मिलन आई,
झुरमुटों मिलें प्रुेमी- युगल ऋत छाई ।

प्रिय कह दे मन की बात जो दिल भाई है ।।

करवट बदल रहा है, मौसम हरजाई
मंद- सुगन्धित वायु बहती हरषाई
ललचायी नजरों से देख रही प्रिया,
प्रिय को कि मुग्धा बरबस मुस्काई ।

सोचे कह दूँ, मन की बात ऋतु आई है । ।

वर्जनाएँ टूटेंगी ,वन - उपवन अब
आलिंगनबद्ध होंगे बिछुड़े प्रिय जब
हरे भरे जंगलों नदी है उफनाई,
अनुरागी हूँ मैं, आँखे छलक आई हैं ।

प्राण से हो मन की बात जुदाई है । ।

मौलिक एवं अप्रकाशित

आ. भाई चेतन जी, अच्छी रचना हुई है । हार्दिक बधाई।

सादर नमन, सुन्दर गीत सृजन

नज़्म ...

मन की बातें 

गहरी बातें....!

कौन बताए दिल में क्या है ?

सब गठरी बाँधे बैठे हैं,

अपनी ताक़त माने बैठे हैं.....!

लुका छिपी के इस खेल में यारो,

कवच केवल एक रह गया

मुखौटा जो हमने पहना है.....

जब हमने कोई राज छुपाया !

सीधे - साधे सरल बने जब

जो कुछ था वो सब गँवाया...!

एक आदमी कई चेहरे हैं,

आफिस में वो सांवरिया है,

घर में परशुराम....

युवा बच्चों को जीने नहीं देता

पत्नि में सावित्री चाहता है |

क्या है चाहत किसकी घर में

और समय की माँग क्या है ?

खुद उसके मन में क्या है ?

शायद कोई नहीं जानता ...!

भूले हैं सब खुदी क्या है !

और खुदाई होती क्या है ?

सब कुछ परदों में है....

आँख मिचौनी ही जज़्बा है..

मरे अगर सच्चा मरता है !

चालाकी ने जिन्दा रक्खा है,

कभी- कभी अवतारों को भी....!

एक झूठ ने युधिष्ठिर के 

महाभारत जितवाया है.....

एक बूझ पहेली है, जीवन !

मन की बातें, 

करो ईश से 

अपने अपने भगवानों से...

एक यही संवाद सुरक्षित,

भीतर से बाहर जीना होगा

और अनवरत चलना होगा....

" चरैवेति चरैवेति चरैवेति....!

मौलिक एवम् अप्रकाशित 

बहुत खूब आदरणीय,

आ. भाई चेतन जी, यह प्रस्तुति भी अच्छी हुई है । हार्दिक बधाई।

दोहे

वो नित करते तो रहे, अच्छे मन की बात
कर्मों से लेकिन गयी, कभी न काली रात।१।
*
मन  कहता  आता  रहे,  सब  के  गेह  वसन्त
फिर भी मन को क्यों मिली, साथी पीर अनन्त।२।
*
खोलो मन की गाँठ को, कहकर मन की बात
होंगे  इस  से  ठीक  सच, रिश्तों  के  हालात।३।
*
मन में रखते जो सदा, बेढब मन की बात
कर दें कैसे क्या  पता, जीवन  में उत्पात।४।
*
ईश्वर से जिस ने कही, अपने मन की बात
उसके जीवन में रही, कभी न तम की रात।५।

मौलिक/ अप्रकाशित

जनाब लक्ष्मण धामी भाई मुसाफ़िर जी आदाब, उत्तम दोहे हुए हैं, बधाई स्वीकार करें।  सादर। 

आ. भाई अमीरूद्दीन जी, सादर अभिवादन । दोहों पर उपस्थिति व सराहना के लिए धन्यवाद ।

दोहों ने अच्छी कही, पूरी मन की बात,

खूब बधाई लीजिए, हे धामी जी तात।

आ. भाई सतविंदर जी, हार्दिक धन्यवाद ।

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-121
"काफ़िराना (लघुकथा) : प्रकृति की गोद में एक गुट के प्रवेश के साथ ही भयावह सन्नाटा पसर गया। हिंदू और…"
8 minutes ago
Chetan Prakash replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"मनचाही सभी सदस्यों नमन, आदरणीय तिलक कपूर साहब से लेकर भाई अजय गुप्त 'अजेय' सभी के…"
1 hour ago

सदस्य कार्यकारिणी
शिज्जु "शकूर" replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी, आपका कहना सही है, पुराने सदस्यों को भी अब सक्रिय हो जाना चाहिए।"
2 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
शिज्जु "शकूर" replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"<span;>आदरणीय अजय जी <span;>आपकी अभिव्यक्ति का स्वागत है। यह मंच हमेशा से पारस्परिक…"
2 hours ago
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"सभी साथियों को प्रणाम, आदरणीय सौरभ जी ने एक गंभीर मुद्दे को उठाया है और इस पर चर्चा आवश्यक है।…"
4 hours ago
KALPANA BHATT ('रौनक़') replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-121
"विषय बहुत ही चुनकर देते हैं आप आदरणीय योगराज सर। पुराने दिन याद आते हैं इस आयोजन के..."
5 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
शिज्जु "शकूर" commented on Ashok Kumar Raktale's blog post मनहरण घनाक्षरी
"आदरणीय अशोक रक्ताले सर, प्रस्तुत रचना के लिए बधाई स्वीकार करें।तीसरी और चौथी पंक्तियों को पढ़ते समय…"
5 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
शिज्जु "शकूर" commented on Sushil Sarna's blog post कुंडलिया. . .
"आदरणीय सुशील सरना जी, अच्छी रचना है सादर बधाई आपको"
5 hours ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post कुंडलिया. . .
"आदरणीय रवि शुक्ला जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय जी "
6 hours ago
Nilesh Shevgaonkar updated their profile
6 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"भाई मयंक जी, व्यवहार में निरमलता व विनम्रता ही ज्ञान का परिचय देती । सभी वरिष्ठों का आशीष बना रहे…"
7 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"मंच के सभी सदस्यों को सादर अभिवादन। कई बार मन में आया कि मंच से वरिष्ठ व अनभवी और मार्गदर्शक…"
7 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service