साथियों,
"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-100 (भाग -1) अत्यधिक डाटा दबाव के कारण पृष्ठ जम्प आदि की शिकायत प्राप्त हो रही है जिसके कारण "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-100 (भाग -2) तैयार किया गया है, अनुरोध है कि कृपया भाग -1 में केवल टिप्पणियों को पोस्ट करें एवं अपनी ग़ज़ल भाग -2 में पोस्ट करें.....
कृपया मुशायरे सम्बंधित अधिक जानकारी एवं मुशायरा भाग 2 में प्रवेश हेतु नीचे दी गयी लिंक क्लिक करें
Tags:
Replies are closed for this discussion.
जनाब उस्मानी जी आदाब,सुख़न नवाज़ी के लिए आपका बहुत बहुत शुक्रिया ।
एक और शानदार पेशकश के लिए मुबारकबाद जनाब समर साहब एक बात जाननी थी ...."आफ़ियत है इसी में मेरी समर" इस मिसरे मे एब ए तनाफुर है क्या??
जनाब नादिर साहिब आदाब,सुख़न नवाज़ी के लिए आपका बहुत शुक्रिया ।
//एक बात जाननी थी ...."आफ़ियत है इसी में मेरी समर" इस मिसरे मे एब ए तनाफुर है क्या??//
इसमें ऐब-ए-तनाफ़ुर नहीं है ।
परम आदरणीय समर साहब जानकारी देने के लिए शुक्रिया .....
आदरणीय समर साहब । दिली दाद क़ुबूल करें इस बेहतरीन ग़ज़ल के लिए
ये भी ऐज़ाज़ कम नहीं यारो
पास दिल के रखा गया है मुझे। 100 मुशायरा इसी का सुबूत है आपको सपर्पित है ।
कोई मेरे सिवा न था उसमें
खोल कर दिल दिखा गया है मुझे वाह वाह क्या कहने
बहुत खूब
गिरह के शेर के लिए कहना चाहेंगे
खुद के मिसरे पे ख़ुद गिरह, वल्लाह
तेरा अंदाज़ भा गया है मुझें।
बहुत बहुत बधाई । आप सलामत रहे । हमारा साथ बना रहे आमीन ।
जनाब रवि शुक्ला जी आदाब,इतनी ख़ूबसूरत टिप्पणी,सुख़न नवाज़ी और आपकी महब्बत को सलाम, बहुत बहुत शुक्रिया आपका ।
दूसरी ग़ज़ल भी लाजवाब हुई है मोहतरम जनाब समर कबीर साहिब, तहेदिल से मुबारकबाद
जनाब शिज्जु भाई आदाब,सुख़न नवाज़ी के लिए आपका बहुत बहुत शुक्रिया ।
याद फिर कोई आ गया है मुझे
ख़ूँ के आँसू रुला गया है मुझे वल्लाह कमाल है , कमाल है ।
ये भी ऐज़ाज़ कम नहीं यारो
पास दिल के रखा गया है मुझे बहुुुत उम्ददा शे'र ।
दूसरी धमाकेदार ग़ज़ल के लिए दिली मुबारकबाद आली जनाब मोहतरम समर कबीर साहब ।
जनाब मोहम्मद आरिफ़ साहिब आदाब,सुख़न नवाज़ी के लिए आपका बहुत बहुत शुक्रिया ।
जनाब समर साहिबआदाब,
मतले से मक्ते तक मुरस्सा ग़ज़ल बहुत बहुत मुबारकबाद आपको,,,
जनाब अफ़रोज़ साहिब आदाब, सुख़न नवाज़ी के लिए आपका बहुत बहुत शुक्रिया ।
आवश्यक सूचना:-
1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे
2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |
3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |
4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)
5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |
© 2021 Created by Admin.
Powered by
महत्वपूर्ण लिंक्स :- ग़ज़ल की कक्षा ग़ज़ल की बातें ग़ज़ल से सम्बंधित शब्द और उनके अर्थ रदीफ़ काफ़िया बहर परिचय और मात्रा गणना बहर के भेद व तकतीअ
ओपन बुक्स ऑनलाइन डाट कॉम साहित्यकारों व पाठकों का एक साझा मंच है, इस मंच पर प्रकाशित सभी लेख, रचनाएँ और विचार उनकी निजी सम्पत्ति हैं जिससे सहमत होना ओबीओ प्रबन्धन के लिये आवश्यक नहीं है | लेखक या प्रबन्धन की अनुमति के बिना ओबीओ पर प्रकाशित सामग्रियों का किसी भी रूप में प्रयोग करना वर्जित है |