For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-100 (भाग-1)

साथियों,
"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-100 (भाग -1) अत्यधिक डाटा दबाव के कारण पृष्ठ जम्प आदि की शिकायत प्राप्त हो रही है जिसके कारण "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-100 (भाग -2) तैयार किया गया है, अनुरोध है कि कृपया भाग -1 में केवल टिप्पणियों को पोस्ट करें एवं अपनी ग़ज़ल भाग -2 में पोस्ट करें.....

कृपया मुशायरे सम्बंधित अधिक जानकारी एवं मुशायरा भाग 2 में प्रवेश हेतु नीचे दी गयी लिंक क्लिक करें 

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-100 (भाग -2)

Views: 25820

Replies are closed for this discussion.

Replies to This Discussion

एक और शानदार पेशकश के लिए मुबारकबाद जनाब समर साहब एक बात जाननी थी ...."आफ़ियत है इसी में मेरी समर" इस  मिसरे मे एब ए तनाफुर है क्या??

जनाब नादिर साहिब आदाब,सुख़न नवाज़ी के लिए आपका बहुत शुक्रिया ।

//एक बात जाननी थी ...."आफ़ियत है इसी में मेरी समर" इस  मिसरे मे एब ए तनाफुर है क्या??//

इसमें ऐब-ए-तनाफ़ुर नहीं है ।

परम आदरणीय समर साहब जानकारी देने के लिए शुक्रिया .....

आदरणीय समर साहब । दिली दाद क़ुबूल करें इस बेहतरीन ग़ज़ल के लिए 

ये भी ऐज़ाज़ कम नहीं यारो 
पास दिल के रखा गया है मुझे। 100 मुशायरा इसी का सुबूत है आपको सपर्पित है ।

कोई मेरे सिवा न था उसमें
खोल कर दिल दिखा गया है मुझे वाह वाह क्या कहने 

बहुत खूब 

गिरह के शेर के लिए कहना चाहेंगे

खुद के मिसरे पे ख़ुद गिरह, वल्लाह

तेरा अंदाज़ भा गया है मुझें।

बहुत बहुत बधाई । आप सलामत रहे । हमारा साथ बना रहे आमीन ।

जनाब रवि शुक्ला जी आदाब,इतनी ख़ूबसूरत टिप्पणी,सुख़न नवाज़ी और आपकी महब्बत को सलाम, बहुत बहुत शुक्रिया आपका ।

दूसरी ग़ज़ल भी लाजवाब हुई है मोहतरम जनाब समर कबीर साहिब, तहेदिल से मुबारकबाद 

जनाब शिज्जु भाई आदाब,सुख़न नवाज़ी के लिए आपका बहुत बहुत शुक्रिया ।

याद फिर कोई आ गया है मुझे
ख़ूँ के आँसू रुला गया है मुझे वल्लाह  कमाल है , कमाल है ।

ये भी ऐज़ाज़ कम नहीं यारो 
पास दिल के रखा गया है मुझे बहुुुत उम्ददा शे'र ।

               दूसरी धमाकेदार ग़ज़ल के लिए दिली मुबारकबाद आली जनाब मोहतरम समर कबीर साहब ।

जनाब मोहम्मद आरिफ़ साहिब आदाब,सुख़न नवाज़ी के लिए आपका बहुत बहुत शुक्रिया ।

जनाब समर साहिबआदाब,

मतले से मक्ते तक मुरस्सा ग़ज़ल बहुत बहुत मुबारकबाद आपको,,,

जनाब अफ़रोज़ साहिब आदाब, सुख़न नवाज़ी के लिए आपका बहुत बहुत शुक्रिया ।

जनाब समर साहिब आदाब,

बेहतरीन अश्आर मुरस्सा तख़्लीक

मुबारकबाद आपको,,

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post दोहे -रिश्ता
"आदरनीय लक्ष्मण भाई  , रिश्तों पर सार्थक दोहों की रचना के लिए बधाई "
1 hour ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . . विरह शृंगार
"आ. सुशील  भाई  , विरह पर रचे आपके दोहे अच्छे  लगे ,  रचना  के लिए आपको…"
1 hour ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post कहीं खो गयी है उड़ानों की जिद में-गजल
"आ. भाई चेतन जी सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति के लिए हार्दिक धन्यवाद।  मतले के उला के बारे में…"
1 hour ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post कहीं खो गयी है उड़ानों की जिद में-गजल
"आ. भाई गिरिराज जी, सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति के लिए आभार।"
1 hour ago
Chetan Prakash commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . . विरह शृंगार
"आ. सुशील  सरना साहब,  दोहा छंद में अच्छा विरह वर्णन किया, आपने, किन्तु  कुछ …"
4 hours ago
Chetan Prakash commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post कहीं खो गयी है उड़ानों की जिद में-गजल
"आ.आ आ. भाई लक्ष्मण धामी मुसाफिर.आपकी ग़ज़ल के मतला का ऊला, बेबह्र है, देखिएगा !"
5 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post कहीं खो गयी है उड़ानों की जिद में-गजल
"आदरणीय लक्ष्मण भाई , ग़ज़ल के लिए आपको हार्दिक बधाई "
Monday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी and Mayank Kumar Dwivedi are now friends
Monday
Mayank Kumar Dwivedi left a comment for Mayank Kumar Dwivedi
"Ok"
Sunday
Sushil Sarna commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post दोहे -रिश्ता
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी रिश्तों पर आधारित आपकी दोहावली बहुत सुंदर और सार्थक बन पड़ी है ।हार्दिक बधाई…"
Apr 1
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-120
"तू ही वो वज़ह है (लघुकथा): "हैलो, अस्सलामुअलैकुम। ई़द मुबारक़। कैसी रही ई़द?" बड़े ने…"
Mar 31
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-120
"गोष्ठी का आग़ाज़ बेहतरीन मार्मिक लघुकथा से करने हेतु हार्दिक बधाई आदरणीय मनन कुमार सिंह…"
Mar 31

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service