For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

"ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-10 (विषय: रंग)

आदरणीय लघुकथा प्रेमियो,
सादर वन्दे।
 
वर्ष २०१६ के पहले "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" के इस 10 वें अंक में आपका स्वागत है I "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" के पहले नौ आयोजन बेहद सफल रहे। नए पुराने सभी लघुकथाकारों ने बहुत ही उत्साहपूर्वक इनमें सम्मिलित होकर इन्हें सफल बनाया। कई नए रचनाकारों की आमद ने आयोजन को चार चाँद लगाये I इस आयोजनों में न केवल उच्च स्तरीय लघुकथाओं से ही हमारा साक्षात्कार हुआ बल्कि एक एक लघुकथा पर भरपूर चर्चा भी हुई। गुणीजनों ने न केवल रचनाकारों का भरपूर उत्साहवर्धन ही किया अपितु रचनाओं के गुण दोषों पर भी खुलकर अपने विचार प्रकट किए, जिससे कि यह गोष्ठियाँ एक वर्कशॉप का रूप धारण कर गईं। इन आयोजनों के विषय आसान नहीं थे, किन्तु हमारे रचनाकारों ने बड़ी संख्या में स्तरीय लघुकथाएं प्रस्तुत कर यह सिद्ध कर दिया कि ओबीओ लघुकथा स्कूल दिन प्रतिदिन तरक्की की नई मंजिलें छू रहा  है I यह कहना कोई अतिश्योक्ति न होगी कि यह सभी आयोजन लघुकथा विधा के क्षेत्र में मील के पत्थर साबित हुए हैं । तो साथियो, इसी कड़ी को आगे बढ़ाते हुए प्रस्तुत है....
 
"ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-10 
विषय : "रंग"
अवधि : 30-01-2016 से 31-01-2016
(आयोजन की अवधि दो दिन अर्थात 30 जनवरी दिन शनिवार से 31 जनवरी 2016 दिन रविवार की समाप्ति तक)
(फिलहाल Reply Box बंद रहेगा जो  30 जनवरी  2016 दिन शनिवार  लगते ही खोल दिया जायेगा)
.
अति आवश्यक सूचना :-
१. सदस्यगण आयोजन अवधि के दौरान अपनी केवल एक लघुकथा पोस्ट कर सकते हैं।
२. सदस्यगण एक-दो शब्द की चलताऊ टिप्पणी देने से गुरेज़ करें। ऐसी हल्की टिप्पणी मंच और रचनाकार का अपमान मानी जाती है।
३. टिप्पणियाँ केवल "रनिंग टेक्स्ट" में ही लिखें, १०-१५ शब्द की टिप्पणी को ३-४ पंक्तियों में विभक्त न करें। ऐसा करने से आयोजन के पन्नों की संख्या अनावश्यक रूप में बढ़ जाती है तथा "पेज जम्पिंग" की समस्या आ जाती है। 
४. रचनाकारों से निवेदन है कि अपनी रचना केवल देवनागरी फॉण्ट में टाइप कर, लेफ्ट एलाइन, काले रंग एवं नॉन बोल्ड टेक्स्ट में ही पोस्ट करें।
५. रचना पोस्ट करते समय कोई भूमिका न लिखें, अंत में अपना नाम, पता, फोन नंबर, दिनांक अथवा किसी भी प्रकार के सिम्बल आदि भी लगाने की आवश्यकता नहीं है।
६. प्रविष्टि के अंत में मंच के नियमानुसार "मौलिक व अप्रकाशित" अवश्य लिखें।
७.  नियमों के विरुद्ध, विषय से भटकी हुई तथा अस्तरीय प्रस्तुति को बिना कोई कारण बताये तथा बिना कोई पूर्व सूचना दिए हटाया जा सकता है। यह अधिकार प्रबंधन-समिति के सदस्यों के पास सुरक्षित रहेगा, जिस पर कोई बहस नहीं की जाएगी.
८. आयोजनों के वातावरण को टिप्पणियों के माध्यम से समरस बनाये रखना उचित है, किन्तु बातचीत में असंयमित तथ्य न आ पायें इसके प्रति टिप्पणीकारों से सकारात्मकता तथा संवेदनशीलता आपेक्षित है।
९. इस तथ्य पर ध्यान रहे कि स्माइली आदि का असंयमित अथवा अव्यावहारिक प्रयोग तथा बिना अर्थ के पोस्ट आयोजन के स्तर को हल्का करते हैं। रचनाओं पर टिप्पणियाँ यथासंभव देवनागरी फाण्ट में ही करें।
१०. आयोजन से दौरान रचना में संशोधन हेतु कोई अनुरोध स्वीकार्य न होगा। रचनाओं का संकलन आने के बाद ही संशोधन हेतु अनुरोध करें।
११. रचना/टिप्पणी सही थ्रेड में (रचना मेन थ्रेड में और टिप्पणी रचना के नीचे) ही पोस्ट करें, गलत थ्रेड में पोस्ट हुई रचना/टिप्पणी बिना किसी सूचना के हटा दी जाएगी I
.
यदि आप किसी कारणवश अभी तक ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार से नहीं जुड़ सके है तो www.openbooksonline.com पर जाकर प्रथम बार sign up कर लें.
.
.
मंच संचालक
योगराज प्रभाकर
(प्रधान संपादक)
ओपनबुक्स ऑनलाइन डॉट कॉम

Views: 20763

Replies are closed for this discussion.

Replies to This Discussion

आदरणीया कान्ता राय जी की टिप्पणी पढ़कर रचना पुनः दो बार पढ़ने के बाद बेहतरीन प्रस्तुति समझ में आ पायी। आम पाठक के लिए इसका थोड़ा सरल रूप अपेक्षित है। प्रतीकों के माध्यम से भारत माँ, शहादत व देश भक्ति से संबंधित संदेश वाहक प्रस्तुति के लिए हृदयतल से बहुत बहुत बधाई आपको आदरणीया ममता शर्मा जी।

अच्छी लघु कथा ममता जी बहुत बहुत बधाई 

"ओ बी ओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-10
विषय-रंग
लघुकथा- *सतरंगी स्वप्न*
घर की छत पर चार महिलाएं अपने-अपने घर के काम-काज निपटा कर, गुनगुनी धूप का आनंद लेते हुये बतियां रही थी। उनकी बातों से बेखबर रोशनी एक ओर बैठी हुई न्यूज़पेपर में डूबी हुई थी।
सहसा उसकी आँखों के कोनों की दृष्टि ने पाया की कमला मौसी उसकी ओर देखते हुये कह रही थी, "उस बेरंग बगियाँ का क्या फ़ायदा? जिसमें फूलों के रंग न सजे हो, जिसमें रंग बिरंगी तितलियों का इतराना न हो, भौरों का गुंजन न हो।"
तभी राधा चाची का स्वर गूंज उठा, " जीवन रंगीन से रंगीन, सतरंगीं हो उठता है, जब जीवन और घर परिवार में एक मासूम की किलकारियाँ गूँज उठती है।"
'हां, कह तो तुम सही रही हो, चाची और मौसी। लेकिन क्या करें? जब किसी की ज़मीन ही बंज़र हो, तो बगियाँ में न तो फूल खिलेंगे, न तितली-भौरें मंडरायेंगे।" आँखे तरेरते और कुटिल मुस्कान बिखेरते हुये रोशनी की जिठानी बोल उठी।
रोशनी को महसूस हुआ जैसे उसके कानों में पिघला शीशा उड़ेल दिया हो। पिछले पांच वर्षो में उसने और पति रमेश ने क्या क्या जतन नहीं किये। लेकिन बगियाँ के माली की हालात ही माली थी, तो माली बगियाँ में क्या रंग भरता?
उसने अपने मन के आक्रोश को न्यूज़ पेपर के कोमल पृष्ठों पर निकलते हुये पलटा, तो अपनी आखों में चमक लिये वह पढ़ती चली गई... महिलायें जो माँ नहीं बन पाई... पुरुष जो पिता नही बन पाये... टेस्ट ट्यूब बेबी... आई वी एफ... फर्टिलिटी सेण्टर... उर्वरक केंद्र... रोशनी को अब जीवन में इंद्रधनुषी रंग नज़र आने लगे थे।
"ओह, मेरी बगियाँ भी अब रंगों से सराबोर हो महकने लगेगी..." उसने बुदबुदाते हुये अब दृढ़ निश्चय कर लिया था।
आज जब नन्हे पुष्प ने मुस्कुराते और घुटने के बल चलते हुये उसका न्यूज़पेपर समेट डाला तो साकार सतरंगी स्वप्न रुपी अपने शिशु की मधुर मुस्कान पर माँ फ़िदा हो गई।...गुनगुनी धुप में रोशनी ने सब के सामने अपने पुष्प को कलेजे से लगा लिया।
मौलिक एवम् अप्रकाशित।

आदरणीय रतन जी, इस प्रस्तुति पर हार्दिक बधाई निवेदित है. सादर 

ममत्व का रंग को परिभाषित करते हुए  बहुत सार्थक प्रयास हुआ है यहां लघुकथा पर आदरणीय रतन जी । गोष्ठी व् मंच पर प्रथम प्रवृष्टि और इस लघुकथा के लिए  बधाई स्वीकार करें। 

विषय में नयापन है, और सन्देश भी सार्थक हैI हार्दिक बधाई स्वीकार करेंI   

हार्दिक बधाई स्वीकार करें आदरणीय रतन कुमार सिंह जी , एक नए विषय पर आपकी रचना पढ़कर अच्छा लगा , सादर नमन ।
बहुत बढ़िया प्रस्तुति के लिए बहुत बहुत बधाई आपको आदरणीय रतन कुमार जी

ममता के रंग से रंगी अच्छी लघु कथा हेतु हार्दिक बधाई आ० रतन जी 

मंच के सभी सहभगीयो से सविनय क्षमा चाहती हूँ।पारिवारीक समारोह मे उलझी होने से ना रचनाएँ पढ़ पा रही हूं ना कोई प्रतिक्रिया दे पा रही। क्षमा प्रार्थी हूं
वाह आध्यात्म का रंग

आदरणीय सुनील वर्मा जी के घर  शादी का माहौल , लेकिन obo मंच पर लघुकथा का मोह ने विवश  किया ,यहां कथा पोस्ट करने के लिए।  आदरणीया नयना जी के घर पर भी कार्यक्रम चल रहा था ,मैं वहाँ स्वयं उपस्थित रही हूँ।  देखी मैंने उनकी व्यस्तता , लेकिन आयोजन का मोह ऐसा कि  वे छटपटा   रही थी इस आयोजन में पर्याप्त हिस्सेदारी न कर पाने के लिए।  ये है इस लघुकथा आयोजन का जलवा हम सभी के लिए।  हम सब किसी भी हाल में यहां उपस्थित रहना चाहते है।  अति सुखद !

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

Re'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
11 hours ago
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"स्वागतम"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ
"आदरणीय रवि भाईजी, आपके सचेत करने से एक बात् आवश्य हुई, मैं ’किंकर्तव्यविमूढ़’ शब्द के…"
yesterday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
Wednesday
anwar suhail updated their profile
Dec 6
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

न पावन हुए जब मनों के लिए -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

१२२/१२२/१२२/१२****सदा बँट के जग में जमातों में हम रहे खून  लिखते  किताबों में हम।१। * हमें मौत …See More
Dec 5
ajay sharma shared a profile on Facebook
Dec 4
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"शुक्रिया आदरणीय।"
Dec 1
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, पोस्ट पर आने एवं अपने विचारों से मार्ग दर्शन के लिए हार्दिक आभार।"
Nov 30
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"सादर नमस्कार। पति-पत्नी संबंधों में यकायक तनाव आने और कोर्ट-कचहरी तक जाकर‌ वापस सकारात्मक…"
Nov 30
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदाब। सोशल मीडियाई मित्रता के चलन के एक पहलू को उजागर करती सांकेतिक तंजदार रचना हेतु हार्दिक बधाई…"
Nov 30
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"सादर नमस्कार।‌ रचना पटल पर अपना अमूल्य समय देकर रचना के संदेश पर समीक्षात्मक टिप्पणी और…"
Nov 30

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service