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"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-100 (भाग-1)

साथियों,
"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-100 (भाग -1) अत्यधिक डाटा दबाव के कारण पृष्ठ जम्प आदि की शिकायत प्राप्त हो रही है जिसके कारण "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-100 (भाग -2) तैयार किया गया है, अनुरोध है कि कृपया भाग -1 में केवल टिप्पणियों को पोस्ट करें एवं अपनी ग़ज़ल भाग -2 में पोस्ट करें.....

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"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-100 (भाग -2)

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आदरणीय अफरोज सहर साहब, आपका ह्रदय से आभार 

वाह बहुत अच्छी ग़ज़ल कही आदरणीय राज़ नवादवी जी 

आदरणीय गुरप्रीत जी, ग़ज़ल में शिरकत और सुखन नवाज़ी का तहे दिल से शुक्रिया. 

आ. राज़ साहब,
शानदार ग़ज़ल हुई है ..सभी अशआर उम्दा हैं.. बहुत बहुत बधाई ..
तक़ाबुल-ए- रदीफ़ पर समर सर ने इशारा कर ही दिया   है, संज्ञान लीजिये..
सादर 

आदरणीय नीलेश नूर जी, ग़ज़ल में शिरकत और सुखन नवाज़ी का तहे दिल से शुक्रिया. बीमार चल रहा हूँ इसलिए मुशायरे में मेरी शिरकत इस दफ़ा कमज़ोर है, क्षमा चाहूँगा, प्रतिक्रया भी समय पर नहीं दे पा रहा हूँ. सादर 


फूल सी मीठी नींद देने वालो
वक़्त काँटा चुभा गया है मुझे // बहुत ख़ूब! बहुत ख़ूब !!  लाजवाब शे'र ।

                    शे'र दर शे'र दाद के साथ दिली मुबारकबाद आदरणीय राज़ नवादवी जी ।

आदरणीय मोहम्मद आरिफ़ साहब, ग़ज़ल में शिरकत और सुखन नवाज़ी का तहे दिल से शुक्रिया. 

आ. राज नवादवी जी, दाद ओ मुबारकबाद कुबूल फरमाएँ, 

माना अशआर के नये निकले
जब भी दिल से सुना गया है मुझे 

एक झोंके से शोले भड़के थे
एक झोंका बुझा गया है मुझे//// विशेषकर ये अशआर पसंद आए

आदरणीय शिज्जू शकूर साहब, ग़ज़ल में शिरकत और सुखन नवाज़ी का तहे दिल से शुक्रिया.  

आ. भाई राज नवादवी जी, सुंदर गजल हुयी है । हार्दिक बधाई ।

आदरणीय लक्ष्मण धामी साहब, ग़ज़ल में शिरकत और सुखन नवाज़ी का तहे दिल से शुक्रिया. 

बढिया ग़ज़ल है !!!

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"आदरणीय  दिनेश जी,  बहुत बढ़िया ग़ज़ल हुई है। शेर दर शेर दाद ओ मुबारकबाद कुबूल कीजिए। सादर।"
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"आदरणीय अमीर बागपतवी जी,  उम्दा ग़ज़ल हुई है। शेर दर शेर दाद ओ मुबारकबाद कुबूल कीजिए। सादर।"
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"आदरणीय संजय जी,  बेहतरीन ग़ज़ल हुई है। शेर दर शेर दाद ओ मुबारकबाद कुबूल कीजिए। मैं हूं बोतल…"
3 hours ago

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मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय  जी, बढ़िया ग़ज़ल हुई है। शेर दर शेर दाद ओ मुबारकबाद कुबूल कीजिए। गुणिजनों की इस्लाह तो…"
3 hours ago

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मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय चेतन प्रकाश  जी, अच्छी ग़ज़ल हुई है। शेर दर शेर दाद ओ मुबारकबाद कुबूल कीजिए। सादर।"
3 hours ago

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मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीया रिचा जी,  अच्छी ग़ज़ल हुई है। शेर दर शेर दाद ओ मुबारकबाद कुबूल कीजिए। सादर।"
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मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी,  बहुत ही बढ़िया ग़ज़ल हुई है। शेर दर शेर दाद ओ मुबारकबाद कुबूल कीजिए।…"
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"आदरणीय अमित जी, बहुत शानदार ग़ज़ल हुई है। शेर दर शेर दाद ओ मुबारकबाद कुबूल कीजिए। सादर।"
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Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
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Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
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Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
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