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क्या उन्हें रंगना रंगे रहते जो देखो वर्ष भर ,
रंग पर रंग रंग दिया तो रंग खफा हो जायेगा |
भाई अभिनव जी, क्या बढ़िया शेर कहते हें.बधाई.
तुम गुलाबी ,लाल सड़ी मत पहनना होली में,
सांडों का ये शह्र वरना बावरा हो जायेगा।
वाह वाह दानी जी ये शे’र पढ़कर तो वाकई मजा आ गया, सुंदर हजल के लिए बधाई स्वीकार करें।
डॉक्टर साहब भी रंग गये हैं होली के रंग में सावधान ,,,,,, बहुत बढ़िया व्यंग्य कहे है आप बधाई \
होली में भी फ़ाग गायेंगे नहीं गर चौक पर
तो गली का कुत्ता भी हमसे ख़फ़ा हो जायेगा।.........बहुत खूब संजय भईया, कुत्तों का भी ख्याल रखते है आप ,
घंटा बीबी का बजाते ख़ुद रहोगे यारो तो
बाइयों का हु्स्न घर से कल जुदा हो जायेगा।........जय हो , समाज सेवा की बातें , ha ha ha ha ha ha , भाई लोग जरा ध्यान दो, संजय बाबा की बातों पर भी |
तुम गुलाबी ,लाल सड़ी मत पहनना होली में,
सांडों का ये शह्र वरना बावरा हो जायेगा।..................हाय हाय , कलेजा निकाल लेंगे का ? बड़ी नजाकत और सराफत से कहा गया शे'र है |
सब मिलाकर होली के माहौल में बेहतरीन ग़ज़ल, बधाई स्वीकार करे |
तुम गुलाबी ,लाल सड़ी मत पहनना होली में,
सांडों का ये शह्र वरना बावरा हो जायेगा।
वाह संजय साहब वाह....क्या खूब लिखा आपने...बहुत ही बढ़िया.....मजा आ गया पढ़ कर.....आपको और आपके परिवार को होली की अग्रिम शुभकामनायें....
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