For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

मोरे सईंया भये कोतवाल.. अब डर काहे का..


मोरे सईंया भये कोतवाल.. अब डर काहे का..

06 अगस्त 2010 के दिन मैं आगरा में था...
अचानक एक शानदार वाकया सामने आ गया जिसमें कानून के दो रखवाले किसी तीसरे के साथ ट्रिपल सवारी का आनंद ले रहे थे...
जिस मोटर-साईकल पर ये तीनों सवार थे उसका नंबर है - UP80-BJ - 0639

अब मेरा सवाल है कि जिन्हें कानून का प्रहरी बनाकर जनता से कानून पालित करवाने हेतु रखा गया है वे स्वयं जब नियम-कायदे तोड़ते नज़र आ जाएँ तो उसके लिए हमारे कानून में क्या प्रावधान है... और अगर उनके खिलाफ सख्त कार्यवाही हो सकती है तो क्यूँ अधिकतर पुलिस वाले ही कानून तोड़ने में संलिप्त नज़र आते हैं.....?

व्यवस्था के रक्षक ही जब भक्षक बन जाएँ तो आम-जन पार कैसे पाए.....?

_____ जोगेन्द्र सिंह Jogendra Singh ( 28-October-2010 )




Photography by :- Jogendra Singh
Place :- Agra ( near police lines ) ( 06-अगस्त-2010 )



.

Views: 1672

Reply to This

Replies to This Discussion

दोस्तों आप सभी के विचार इस शानदार कुकृत्य पर सादर आमंत्रित हैं ... :)
samrath ke nahi dosh goshai , aur isse jyada kya bolu sir ji,
सत्य वचन हैं भाई आपके........
नवीन भईया ये अकेले नॉर्थ के ज़लवे नहीं हैं ... इनको आप तकरिबन सब जगह का हाल मानो ...
जोगेंद्र भाई आप ने ओपन बुक्स ऑनलाइन के मंच पर बहुत ही सार्थक बहस प्रारंभ कर दिया है, हम अक्सर यह देखते है कि क़ानून के रक्षक सबसे ज्यादा क़ानून को तोड़ते है, मैं पटना मे रहता हूँ और सुबह सुबह यह आम बात है कि ट्रैफिक पुलिस अपने अपने ड्यूटी वाले नाके पर जाने के लिये ऑटो रिक्शा के अगले सीट पर ड्राईवर के बगल मे बैठ कर जाते है और भाड़ा तो देने का प्रश्न ही नहीं उठता, बिना हेलमेट के मोटरसाईकल चलाना और तीन लोगो के साथ मोटरसाईकल पर बैठना तो इनका जन्मसिद्ध अधिकार लगता है |
सड़क किनारे गरीब ठेले वाले, खुमचे वाले इन पुलिस वालों से परेशान रहते है, दो चक्का वाहन चालको को परेशान किया जाता है कभी प्रदुषण प्रमाणपत्र के नाम पर तो कभी चालक चप्पल पहन कर गाड़ी चला रहा है इस कारण |
शरीफों को तंग करते है और इनके आँख के सामने रईशजादा मोटरसाईकल से लहरियाकाट चलते है ये उनको टोकते तक नहीं |
धन्य है ये वर्दी वालें !
बागी जी ,,,
इस बहस के हो जाने मात्र से कितना फर्क पड़ जाना है , जब तक कि चर्चा सही जगह तक नहीं पहुँच पाती है ... उचित होगा कि जिनकी पहुँच उच्चाधिकारियों तक है वे इस जानकारी को भुनाएँ और ऐसे लोगों पर लगाम कसवायें ....
Shree Jogendra Singh ji, "RAKSHK HI BHAKSHK" HO GAYE HAI... JISKE HATO ME KANUN HAI WAHI JYADA GALAT KAAM KARATA HAI...JISKA JITA JAGATA PRAMAN...AAP KI YE TASVIR BATATI HAI...DHANYVAAD...
बिलकुल सही कहा आपने शैलेन्द्र जी ...
पुलिस वालो का आतंक ... पूछिए मत .. जब हम एन सी सी में थे .. और हम लोग ऑटो में घर जाने के लिए जब भी बैठते थे तो ऑटो वाले हमें 'पुलिस में हैं' सोच कर भाडा देने पर भी लेने से इनकार कर देते थे .. इनके आतंक का इस से अच्छा उदाहरण और क्या होगा ...!!
अनीता जी ,,,
एन.सी.सी. में मेरे साथ भी यही वाकया हुआ करता था जो आपके साथ हुआ ...
आतंकी जब घर में हो तो बाहर वालों से कितना डरा जाये ...?
कानून के रक्षकों के क्या कहने । मैं दिल्ली में रहती हूँ । यहाँ रहने वाले वे सभी लोग जो प्राइवेट बसों में यात्रा करते हैं इस बात से बहुत अच्छी तरह वाकिफ हैं कि यहाँ की सड़कों पर ड्यूटी देने वाली ट्रैफिक पुलिस का यहाँ की सड़कों पर चलने वाले हर आटो, प्राइवेट बस, चार्टर्ड बस से यहाँ के हर रेड लाइट क्रासिंग पर 'हफ्ता' देना पड़ता है । कभी अगर पैसे देने में थोड़ा भी हीला हवाला किया गया तो बिना मतलब के चालान करना या गाड़ी को थाने में बन्द करवा देना - ये सब आम बात है । अब अगर बस बन्द हो गई तो बस वालों के रोजगार पर तो असर होगा ही -रोज काम पर जाने वालों को परेशानी अलग से होती है । इस डर से उन्हें पैसे देने ही पड़ते हैं । इन उगाहे गए पैसों में हिस्सेदारी नीचे से ऊपर के तबके के हर पुलिस वाले की होती है । अगर कोई त्योहार वगैरह आने वाला हो तो उगाही बढ़ जाती है । सभी जानते हैं ये गलत है लेकिन कोई कुछ नहीं कर सकता इसे रोकने के लिये ।
नीलम जी ,,,
सबसे बड़ी बात यह है कि हम कुछ करना चाहें तो बस के बदले हमें भी लपेट दिया जाता है ,
इसीलिए आमजन ऍमतौर पर आवाज़ उठाने से डरा करता है ...

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदाब, मुसाफ़िर साहब, अच्छी ग़ज़ल हुई खूँ सने हाथ सोच त्यों बर्बर सभ्य मानव में फिर नया क्या है।३।…"
23 minutes ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय 'अमित' जी आदाब, उम्दा ग़ज़ल के साथ मुशायरा का आग़ाज़ करने के लिए दाद के साथ…"
27 minutes ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"जी, ध्यान दिलाने का बहुत शुक्रिया। ग़ज़ल दोबारा पोस्ट कर दी है। "
37 minutes ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"नमन, रिया जी , खूबसूरत ग़ज़ल कही, आपने बधाई ! मतला भी खूसूरत हुआ । "मूसलाधार आज बारिश है…"
38 minutes ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आसमाँ को तू देखता क्या हैअपने हाथों में देख क्या क्या है /1 देख कर पत्थरों को हाथों मेंझूठ बोले वो…"
38 minutes ago
Prem Chand Gupta replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"इश्क में दर्द के सिवा क्या है।रास्ता और दूसरा क्या है। मौन है बीच में हम दोनों के।इससे बढ़ कर कोई…"
47 minutes ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय Sanjay Shukla जी आदाब  ओ.बी.ओ के नियम अनुसार तरही मिसरे को मिलाकर  कम से कम 5 और…"
55 minutes ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"नमस्कार, आ. आदरणीय भाई अमित जी, मुशायरे का आगाज़, आपने बहुत खूबसूरत ग़ज़ल से किया, तहे दिल से इसके…"
1 hour ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"2122 1212 22 बेवफ़ाई ये मसअला क्या है रोज़ होता यही नया क्या है हादसे होते ज़िन्दगी गुज़री आदमी…"
1 hour ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"धरा पर का फ़ासला? वाक्य स्पष्ट नहीं हुआ "
1 hour ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय Richa Yadav जी आदाब। ग़ज़ल के अच्छे प्रयास के लिए बधाई स्वीकार करें। हर तरफ शोर है मुक़दमे…"
2 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"एक शेर छूट गया इसे भी देखिएगा- मिट गयी जब ये दूरियाँ दिल कीतब धरा पर का फासला क्या है।९।"
2 hours ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service