. पिंकी के बारे में उसको यह पता चला था कि वह बहुत बीमार रही और काफ़ी समय तक अस्पताल में रही। उसको कुछ समझ नहीं आ रहा था परंतु जब पिंकी को स्कूल में देखा तो वह चहक उठी। वह पिंकी से लिपट गयी और कुछ पूछने को थी कि पिंकी ने जमकर उसका हाथ पकड़ लिया। पूरे दिन दोनों में से कोई न बोला। स्कूल खत्म होने पर दोनों एक साथ हाथ पकड़ कर बाहर निकले तब पिंकी के पापा-मम्मी को उनकी कार में खड़े पाया। चुप्पी तोड़ते हुए पिंकी ने धीरे से कहा, "घर चलोगी?" तान्या ने पिंकी की मम्मी से उनका मोबाइल माँगा और कॉल लगाया। इस बीच पिंकी ने अब भी उसका हाथ पकड़ रखा था। "अब तो चलोगी न?" तान्या उनके साथ उनके घर चली गयी। वहाँ पिंकी की मम्मी ने कहा, "तुम दोनों पिंकी वाले कमरे में बैठो। मैं तुम दोनों का नाश्ता लेकर आती हूँ।" तान्या कुछ पूछती उसके पहले पिंकी ने कहना शुरू किया, "तू मेरी दादी को तो जानती हो? मेरे कोई भाई नहीं हुआ करके वह कितनी परेशान रहती हैं और हर समय मम्मी को कोसती रहती हैं।" कहते हुए उसकी आँखों से अश्रु बहने लगे। उसने एक लंबी साँस ली और पुनः अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा, "वह इस बीच किसी साधुबाबा से मिलने लगी थी। साधुबाबा ने उनको यह विश्वास दिला दिया था कि मेरा कोई ग्रह मम्मी के आगे आ रहा है जिस कारण...।" "ग्रह, कैसा ग्रह,? यह सब...," "साधुबाबा ने दादी से कहा कि वह मम्मी के साथ मुझको उनके आश्रम में भेजें। और वह ऐसा उपाय करेंगे कि....।" "....कि क्या पिंकी?" "पापा-मम्मी के लाख समझाने पर भी उन्होंने किसी की नहीं सुनी और हम दोनों को वहाँ उनके आश्रम भेज दिया।" "..." "वहाँ हम जैसे ही पहुँचे हमने देखा कि उनका बहुत विशाल और शानदार आश्रम था। बहुत सारे लोग उनसे मिलने आये थे। और सब एक बड़े से कमरे में बैठकर उनका इंतजार कर रहे थे।" "फिर..." इतने में पिंकी की मम्मी उन दोनो के लिए नाश्ता लेकर आयी, उन्होंने टेबल पर रखा और कमरे से बाहर चली गयी। पिंकी ने बात आगे बढ़ाते हुए कहा, "अचानक वहाँ कुछ महिलाओं का शोर सुनाई दिया, आश्रम में भगदड़ मच गई। तब पता चला कि वह बाबा और उनके कुछ साथी औरतों को प्रसाद में कुछ मिलाकर ...और उनके बेहोश हो जाने पर उनपर...। उस दिन किसी ने पुलिस को भी बुला लिया था।" "है भगवान! तुमको और आँटी को कुछ हुआ तो नहीं?" "नहीं, पर वो सब देखकर मैं वहीं बेहोश हो गयी थी। उसके बाद जब होश आया तो खुद को अस्पताल में पाया।" "ओह! डॉक्टर ने क्या कहा ?" "उस हादसे के बाद डॉक्टर ने मुझको कुछ दिन अस्पताल में ही रहने की सलाह दी । मेरा हीमोग्लोबिन भी काफी कम हो गया था और मानसिक तौर पर भी...।" "दादी कहाँ हैं?" "दादी गाँव चली गयीं।" "जो हो गया उसको एक बुरा सपना समझकर भूल जाओ। और अब हम दोनों अपनी पढ़ाई पर ध्यान देंगे।" मौलिक, अप्रकाशित एवं अप्रसारित
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आ. कल्पना बहन, सादर अभिवादन। अच्छी कथा हुई है। हार्दिक बधाई।
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