For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

सबसे बड़े डॉक्टर (लघुकथा): डॉ. गोपाल नारायन श्रीवास्तव

नर्स ने कोविड मरीज को ऑक्सीमीटर से चेक किया I उसका ऑक्सीजन लेवल 85 और पल्स रेट 60 था I पिछले बारह घंटे से वह ऑक्सीजन पर थाI

‘दादा, कोई तकलीफ ?’- नर्स ने पूछा I

‘हाँ, सूखी खाँसी आती है I गला सूखता है I’- मरीज ने दुर्बल स्वर में कहा I

‘खाँसी जाने में अभी महीना भर लगेगा I साँस लेने में तो कोई परेशानी नहीं है?

‘नहीं, ऑक्सीजन लगने से आराम है I’

‘पर दादा, यह मास्क केवल खाना खाने और पानी पीने के समय ही हटाना I मैंने पानी में ओ.आर.एस. मिला दिया है I धीरे-धीरे उसे सिप करना I गले में आराम मिलेगा I’पर दादा आपका इलाज कौन कर रहा है ?’

‘आप फाइल देख लो, शायद कोई बाजपेयी सर हैं I’- मरीज ने कमजोर स्वर में कहा i

‘यह कैसे हो सकता है?

‘क्यों, कोई दिक्कत है या फिर वह डॉक्टर नहीं हैं I‘

‘दादा, सर तो बहुत बड़े डॉक्टर हैं, वे इस हॉस्पिटल के इंचार्ज हैं I उनके पास बहुत से प्रशासनिक काम होते हैं, इसलिए अमूमन वह मरीज को नही देखते I’

‘क्या सचमुच ?’- मरीज के चेहरे पर चमक आ गयी –‘मुझे यही नाम बताया गया था I‘

 नर्स ने अनुभव किया, इस बार मरीज के स्वर में दुर्बलता नही थी I उसके चेहरे पर हठात एक मुस्कान उभरी और बिकर लुप्त हो गयी I

‘दादा, आप सचमुच बड़े भाग्यवान है ?’

‘वह कैसे बेटी ?’

‘इसलिए कि सर आपका इलाज कर रहे हैं I वे डायग्नोसिस करने में बेस्ट हैं I अब तक उनके सारे पेशेंट यहाँ से हँसते हुए अपने घर गए हैं I’

‘क्या यह सच है बेटी ?- मरीज के शरीर में एक अजानी सी स्फूर्ति लौट आयी I

‘मैं गलत क्यों कहूँगी? आप भी जल्द ही ठीक हो जायेंगे I अगर आपके हाथ ने वीवो लगा है तो मैं झटपट आपको एक इंजेक्शन दे दूँ I फिर आप चैन से सो जायेगे I’

‘हाँ, वीवो लगा है I’ – मरीज ने अपना हाथ बढ़ा दिया I नर्स ने इन्जेक्शन लगाकर   दूसरे वार्ड में चली गयी I रास्ते में उसने मोबाइल पर बात की- ‘हेलो डॉ, बाजपेयी I मैं डॉ. सुषमा I’

‘वेलकम मैम ’-दूसरी  तरफ से आवाज आयी I

‘मैंने अपना काम कर दिया है I मेरे प्रयास से मरीज की आँखों में उम्मीद की चमक आयी थी और उसकी बॉडी लैंग्वेज भी बदली थी I पर उसका भ्रम बना रहे कि आप ही इस हॉस्पिटल के इंचार्ज और सबसे बड़े डॉक्टर है I बाकी मैं फिर देख लूँगी I’

.

 (मौलिक/ अप्रकाशित )

Views: 676

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by C.M.Upadhyay "Shoonya Akankshi" on May 7, 2021 at 5:03pm

आदरणीय डॉ गोपाल नारायण श्रीवास्तव जी,

आपकी सार्थक लघुकथा पढ़कर बहुत ख़ुशी हुई | वर्तमान में इस प्रकार के लेखन की जरूरत है ताकि लोगों का गिरा हुआ मनोबल उठाया जा सके | 

- शून्य आकांक्षी 

Comment by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on May 2, 2021 at 11:25am

आभार धामी जी 

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on May 1, 2021 at 9:04pm

आ. भाई गोपाल नारायण जी, सादर अभिवादन । अच्छी कथा हुई है । हार्दिक बधाई। 

Comment by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on May 1, 2021 at 7:39pm

आभार आदरणीय I 

Comment by Sheikh Shahzad Usmani on April 29, 2021 at 8:36pm

सादर नमस्कार। मनोवैज्ञानिक पहलुओं पर.बेहतरीन लघुकथा। हार्दिक बधाई आदरणीय गोपाल नारायण श्रीवास्तव सर जी।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - वो कहे कर के इशारा, सब ग़लत ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय रवि भाई ग़ज़ल पर उपस्थित हो  कर  उत्साह वर्धन करने के लिए आपका हार्दिक आभार "
1 hour ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - वो कहे कर के इशारा, सब ग़लत ( गिरिराज भंडारी )
"आ. नीलेश भाई , ग़ज़ल पर उपस्थिति  और  सराहना के लिए  आपका आभार  ये समंदर ठीक है,…"
1 hour ago
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - गुनाह कर के भी उतरा नहीं ख़ुमार मेरा
"शुक्रिया आ. रवि सर "
3 hours ago
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - आँखों की बीनाई जैसा
"धन्यवाद आ. रवि शुक्ला जी. //हालांकि चेहरा पुरवाई जैसा मे ंअहसास को मूर्त रूप से…"
3 hours ago
Ravi Shukla commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - गुनाह कर के भी उतरा नहीं ख़ुमार मेरा
"वाह वाह आदरणीय नीलेश जी पहली ही गेंद सीमारेखा के पार करने पर बल्लेबाज को शाबाशी मिलती है मतले से…"
3 hours ago
Ravi Shukla commented on शिज्जु "शकूर"'s blog post ग़ज़ल: मुराद ये नहीं हमको किसी से डरना है
"आदरणीय शिज्जु भाई ग़ज़ल की उम्दा पेशकश के लिये आपको मुबारक बाद  पेश करता हूँ । ग़ज़ल पर आाई…"
3 hours ago
Ravi Shukla commented on अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी's blog post ग़ज़ल (जो उठते धुएँ को ही पहचान लेते)
"आदरणीय अमीरूद्दीन जी उम्दा ग़ज़ल आपने पेश की है शेर दर शेर मुबारक बाद कुबूल करे । हालांकि आस्तीन…"
3 hours ago
Ravi Shukla commented on बृजेश कुमार 'ब्रज''s blog post ग़ज़ल....उदास हैं कितने - बृजेश कुमार 'ब्रज'
"आदरणीय बृजेश जी ग़ज़ल के अच्छे प्रयास के लिये बधाई स्वीकार करें ! मुझे रदीफ का रब्त इस ग़ज़ल मे…"
4 hours ago
Ravi Shukla commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - आँखों की बीनाई जैसा
"वाह वाह आदरणीय  नीलेश जी उम्दा अशआर कहें मुबारक बाद कुबूल करें । हालांकि चेहरा पुरवाई जैसा…"
4 hours ago
Ravi Shukla commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - वो कहे कर के इशारा, सब ग़लत ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय  गिरिराज भाई जी आपकी ग़ज़ल का ये शेर मुझे खास पसंद आया बधाई  तुम रहे कुछ ठीक, कुछ…"
4 hours ago
Nilesh Shevgaonkar commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - वो कहे कर के इशारा, सब ग़लत ( गिरिराज भंडारी )
"आ. गिरिराज जी मैं आपकी ग़ज़ल के कई शेर समझ नहीं पा रहा हूँ.. ये समंदर ठीक है, खारा सही ताल नदिया…"
4 hours ago
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - आँखों की बीनाई जैसा
"धन्यवाद आ. अजय जी "
6 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service