For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

विकास - लघुकथा -

विकास - लघुकथा -

"शक़ूर भाई, चलो भी अब, चार बज गये। नेताजी के आने का समय हो गया।"

"मुन्ना जी, हमारे देश के नेता कभी समय से आते हैं क्या? अगर ये लोग इतने ही समय के पाबंद होते तो आज देश की ये हालत नहीं होती।"

"वह सब तो ठीक है पर अपने को इन सब बातों से क्या लेना देना।अपने को तो अपनी दिहाड़ी से मतलब|"

"अरे यार मुझे तो इसका भाषण भी सुनने को मन नहीं करता। अपने ऑटोवालों की यूनियन लीडर से भी घटिया भाषा प्रयोग करता है।"

"भाई जी, हम उसके संस्कार तो बदल नहीं सकते। वैसे भी इस उम्र में वह अब क्या सुधरेगा?"

"कुछ भी हो भाई, इस आदमी ने इस पार्टी को तो आसमान में पहुंचा दिया।"

"हाँ भाई, इसमें तो कोई दो राय नहीं है।"

"पर भाई,  लोग इसको इतनी गालियाँ क्यों देते हैं। क्या सच में यह बेईमान है?"

"हो भी सकता है?"

"तुम यह कैसे कह सकते हो?"

"यार तुम खुद सोचो, पिछले चुनाव में, इसी नेता के भाषण सुनने के लिये इसकी पार्टी ने फ़ंड जुटाने के लिये पांच  पांच रुपये की टिकट लगायी थी।और अब इसके भाषण सुनने के लिये लोगों को पांच पांच सौ रुपये देकर बुलाया जा रहा है।"

मौलिक एवम अप्रकाशित

Views: 723

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by TEJ VEER SINGH on May 17, 2019 at 10:52am

हार्दिक आभार आदरणीय हरिओम श्रीवास्तव जी।

Comment by Hariom Shrivastava on May 15, 2019 at 8:40pm

बहुत सुंदर लघुकथा

Comment by Hariom Shrivastava on May 15, 2019 at 8:39pm

जं

Comment by TEJ VEER SINGH on May 10, 2019 at 5:39pm

हार्दिक आभार आदरणीय नीता कसार जी।

Comment by Nita Kasar on May 10, 2019 at 4:20pm

वर्तमान राजनैतिक  परिस्थति से रूबरू कराती कथा के लिये बधाई आद० तेजवीर सिंह जी ।

Comment by TEJ VEER SINGH on May 8, 2019 at 10:41am

हार्दिक आभार आदरणीय शेख उस्मानी साहब जी।

Comment by TEJ VEER SINGH on May 8, 2019 at 10:40am

हार्दिक आभार आदरणीय सुरेन्द्र नाथ सिंह 'कुशक्षत्रप' जी।

Comment by TEJ VEER SINGH on May 8, 2019 at 10:39am

हार्दिक आभार आदरणीय श्याम नारायण वर्मा जी।

Comment by नाथ सोनांचली on May 8, 2019 at 9:44am

सादर तेजवीर सिंह जी सादर अभिवादन। पिछली बार भूल वश आपकी रचना को शेख शहज़ाद उस्मानी साहब की रचना समझ ली थी। जिसकी वजह से प्रतिक्रिया देते समय नाम गलत लिख दिया। सादर क्षमा प्रार्थी हूँ। पुनः आपको एक अच्छी लघुकथा पर बधाई निवेदित करता हूँ। सादर

Comment by Sheikh Shahzad Usmani on May 8, 2019 at 7:33am

आदाब आदरणीय   सुरेन्द्र नाथ सिंह 'कुशक्षत्रप'   साहिब। यह बेहतरीन लघुकथा जनाब तेजवीर सिंह साहिब की सधी लेखनी से है।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय ज़ैफ़ जी आदाब, उम्दा ग़ज़ल हुई है मुबारकबाद पेश करता हूँ।"
42 minutes ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय ज़ैफ़ जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और ज़र्रा नवाज़ी का तह-ए-दिल से शुक्रिया।"
48 minutes ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"जनाब आज़ी तमाम साहिब आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और ज़र्रा नवाज़ी का तह-ए-दिल से शुक्रिया। भाई-चारा का…"
49 minutes ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय संजय शुक्ला जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और ज़र्रा नवाज़ी का तह-ए-दिल से शुक्रिया।"
55 minutes ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"जी, ऐसा करना मुनासिब होगा। "
1 hour ago
Aazi Tamaam replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"अच्छी ग़ज़ल हुई आ बधाई स्वीकार करें"
1 hour ago
Aazi Tamaam replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"अच्छी ग़ज़ल हुई आ इस्लाह भी ख़ूब हुई आ अमित जी की"
1 hour ago
Aazi Tamaam replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"जी आ रिचा अच्छी ग़ज़ल हुई है इस्लाह के साथ अच्छा सुधार किया आपने"
1 hour ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय संजय जी सादर नमस्कार। ग़ज़ल के अच्छे प्रयास हेतु हार्दिक बधाई आपको ।"
1 hour ago
Zaif replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आ Sanjay Shukla जी, बहुत आभार आपका। ज़र्रा-नवाज़ी का शुक्रिया।"
1 hour ago
Zaif replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आ Euphonic Amit जी, बहुत आभार आपका। ज़र्रा-नवाज़ी का शुक्रिया।"
1 hour ago
Zaif replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आ Dinesh Kumar जी, अच्छी ग़ज़ल कही आपने, बधाई है। "
1 hour ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service