For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

गुहार  -   लघुकथा –

गुहार  -   लघुकथा –

 मंत्री जी की गाड़ी जैसे ही बँगले से बाहर निकली, एक जवान औरत  हाथ में खून से  सनी दरांती और गोद में  छोटी बच्ची लिये गाड़ी के आगे आकर खड़ी होगयी। ड्राइवर ने बताया कि वह सुबह से आपसे मिलने की ज़िद कर रही थी। दरबान ने नहीं आने दिया।

"क्या हुआ बेटी। यह क्या हालत बना रखी है"?

"साहब मैं एक फ़ौज़ी की विधवा हूं। मेरा ससुर और देवर मेरी ज़मीन और मेरे शरीर के लिये मुझे परेशान करते हैं”|

"तुम थाने क्यों नहीं गयी। वहाँ जाकर रिपोर्ट लिखाओ"?

"गयी थी साहब। थानेदार जी ने कहा कि रिपोर्ट के लिये पाँच हज़ार लगेंगे। मैंने कहा, पैसे नहीं हैं। अभी पति की पैंशन चालू नहीं हुई है। तो बोला एक रात मेरे साथ सोना पड़ेगा"|

"फ़िर तुम्हें अपने क्षेत्र के विधायक के पास जाना था"?

"साहब, अभी मैं उसी की कोठी से आ रही हूँ। इस दरांती पर उसी का खून लगा है। नेता हो या सरकारी अफ़सर,   औरत देखते ही लार टपकती है। इस देश में  बच्ची हो या बूढ़ी, औरत का जीना दुष्वार हो गया है। आप ही कुछ करो साहब"?

"ड्राइवर, इस बच्ची को गाड़ी में बिठालो और  सरकारी डाक बंगले ले चलो। आज इसकी सारी समस्यायें ज़ड़ से खत्म कर देते हैं"|

मौलिक एवम अप्रकाशित

Views: 544

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by TEJ VEER SINGH on April 24, 2018 at 2:04pm

हार्दिक आभार आदरणीय नीता कसार जी।

Comment by Nita Kasar on April 24, 2018 at 12:39pm

आज की व्यवस्था में गुहार ही गले की हड्डी बन गई है ।राजनीति के दलदल में सुनवाई की गुंजायश कम हो जाती है बधाई आपको आद० तेजवीरसिंह जी ।

Comment by TEJ VEER SINGH on April 23, 2018 at 1:53pm

हार्दिक आभार आदरणीय डॉ आशुतोष मिश्रा जी।

Comment by TEJ VEER SINGH on April 23, 2018 at 1:52pm

हार्दिक आभार आदरणीय नीलम जी।

Comment by Dr Ashutosh Mishra on April 23, 2018 at 11:23am

आदरणीय तेजवीर जी सीधे सरल तरीके से अपनी लघु कथा के माध्यम से दिल से संबाद कररही है आपकी यह रचना ..यह रचना मुझे बेहद पसंद आई रचना पर ढेरों शुभकामनाएं स्वीकार करें सादर 

Comment by Neelam Upadhyaya on April 23, 2018 at 10:48am

आदरणीय तेजवीर सिंह जी ।  व्यवस्था पर कटाक्ष करती बढ़िया लघु कथा।  प्रस्तुति के लिए हार्दिक बधाई। 

Comment by TEJ VEER SINGH on April 22, 2018 at 8:03pm

हार्दिक आभार आदरणीय समर क़बीर साहब जी। आदाब।

Comment by TEJ VEER SINGH on April 22, 2018 at 8:02pm

हार्दिक आभार आदरणीय शेख उस्मानी साहब जी।

Comment by Samar kabeer on April 22, 2018 at 3:14pm

जनाब तेजवीर सिंह जी आदाब, बहुत उम्दा लघुकथा,इस प्रस्तुति पर बधाई स्वीकार करें ।

Comment by Sheikh Shahzad Usmani on April 22, 2018 at 8:53am

आख़री पंक्ति ने विवशता बताते हुए वास्तविक अन्यायपूर्ण समापन पर बेहतरीन कटाक्ष इंगित कर विचारोत्तेजक रचना के लिए तहे दिल से बहुत-बहुत मुबारकबाद मुहतरम जनाब तेजवीर सिंह साहिब।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . विविध
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय"
9 hours ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post रोला छंद. . . .
"आदरणीय जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय जी"
9 hours ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post कुंडलिया ....
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय जी ।"
9 hours ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . कागज
"आदरणीय जी सृजन पर आपके मार्गदर्शन का दिल से आभार । सर आपसे अनुरोध है कि जिन भरती शब्दों का आपने…"
9 hours ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . .यथार्थ
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी सृजन के भावों को मान देने एवं समीक्षा का दिल से आभार । मार्गदर्शन का दिल से…"
9 hours ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . .यथार्थ
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय"
9 hours ago
Admin posted discussions
yesterday
Chetan Prakash commented on Sushil Sarna's blog post कुंडलिया ....
"बंधुवर सुशील सरना, नमस्कार! 'श्याम' के दोहराव से बचा सकता था, शेष कहूँ तो भाव-प्रकाशन की…"
yesterday
Chetan Prakash commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . कागज
"बंधुवर, नमस्कार ! क्षमा करें, आप ओ बी ओ पर वरिष्ठ रचनाकार हैं, किंतु मेरी व्यक्तिगत रूप से आपसे…"
yesterday
Chetan Prakash commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post लघुकविता
"बंधु, लघु कविता सूक्ष्म काव्य विवरण नहीं, सूत्र काव्य होता है, उदाहरण दूँ तो कह सकता हूँ, रचनाकार…"
yesterday
Chetan Prakash commented on Dharmendra Kumar Yadav's blog post ममता का मर्म
"बंधु, नमस्कार, रचना का स्वरूप जान कर ही काव्य का मूल्यांकन , भाव-शिल्प की दृष्टिकोण से सम्भव है,…"
yesterday
Chetan Prakash commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . .यथार्थ
"अच्छे दोहे हुए हैं, आदरणीय सरना साहब, बधाई ! किन्तु दोहा-छंद मात्र कलों ( त्रिकल द्विकल आदि का…"
yesterday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service