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1.

आया फागुन
भँवरों की गुंँजार
छाई बहार ।

.
2.

मन मयूर
पलाश हुआ मस्त
भँवरें व्यस्त ।

.
3.

रंगों की छटा
मस्ती भरी उमंग
थिरके अंग ।


4.

आम बौराए
उड़ा गुलाबी रंग
है हुड़दंग ।


5.

दिशा बेहाल
फूलों उड़ी सुगंध
बने संबंध ।

.
मौलिक एवं अप्रकाशित

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Comment

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Comment by Mohammed Arif on March 5, 2017 at 1:32pm
बहुत-बहुत हार्दिक आभार आदरणीय महेन्द्र कुमार जी ।
Comment by Mohammed Arif on March 5, 2017 at 1:30pm
हार्दिक आभार आदरणीय मनोज कुमार 'निराला'जी । लेखन सार्थक हुआ ।
Comment by Manoj Kumar Nirala on March 5, 2017 at 1:17pm
बहुत खूब
Comment by Mahendra Kumar on March 5, 2017 at 1:11pm
होली के रंगों से सराबोर इन बढ़िया हाइकु के लिए हार्दिक बधाई स्वीकार कीजिए आदरणीय मोहम्मद आरिफ़ जी। सादर।
Comment by Mohammed Arif on March 5, 2017 at 9:42am
आभारी हूँ आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी ।
Comment by Mohammed Arif on March 5, 2017 at 9:41am
बहुत-बहुत आभार आदरणीय आशुतोष मिश्रा जी ।
Comment by Dr Ashutosh Mishra on March 4, 2017 at 11:43pm
आदरणीय आरिफ जी होली के रंग बिरंगे फुहारों की तरह आपके हायकू पसंद आये ढेर सारी बधाई सादर
Comment by Sheikh Shahzad Usmani on March 4, 2017 at 10:28pm
बेहतरीन हाइकू सृजन हेतु बहुत बहुत मुबारक़बाद मोहतरम जनाब मोहम्मद आरिफ साहब।
Comment by Mohammed Arif on March 4, 2017 at 9:14am
बहुत-बहुत आभार आदरणीय विजय शंकर जी । लेखन सार्थक हुआ ।
Comment by Mohammed Arif on March 4, 2017 at 9:13am
बहुत-बहुत आभार आदरणीय सुरेन्द्र नाथ जी ।

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