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हाइकू (आरिफ मोहम्मद)

1.

सौंधी महक
मिट्टी पड़ी गिरवी
विदेशी चाल ।

2.

बाज़ार भाव
रोज़ की घट-बढ़
है सोची चाल ।
3.

होली दस्तक
अब रंगों में हिंसा
फैला तनाव ।

4.

नंगा बदन
फैशन का कमाल
धन की लूट ।

5.

कहाँ को जाएँ
लूटी हुई है शांति
दिशा बेहाल ।

.
मौलिक एवं अप्रकाशित

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Comment

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Comment by Mohammed Arif on February 6, 2017 at 5:34pm
आदरणीय मिथिलेश वामनकर जी, तहेदिल से आपका आभार व्यक्त करता हूँ ।

सदस्य कार्यकारिणी
Comment by मिथिलेश वामनकर on February 6, 2017 at 1:05pm

आदरणीय मोहम्मद आरिफ़ जी, बहुत बढ़िया हाइकू लिखे आपने, इस प्रस्तुति हेतु दिल से बधाई स्वीकार करें. सादर 

Comment by Mohammed Arif on February 6, 2017 at 8:43am
आदरणीय तस्दीक़ अहमद साहब आपका बहुत-बहुत आभार ।
Comment by Mohammed Arif on February 6, 2017 at 8:41am
बहुत-बहुत आभार आदरणीय सौरभ पांडे जी । आपकी प्रतिक्रिया से संबल मिला ।

सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on February 5, 2017 at 10:38pm

हाइकू पर आप द्वारा हुआ प्रयास आश्वस्त कर रहा है आदरणीय. हार्दिक शुभकामनाएँ व बधाइयाँ 

Comment by Tasdiq Ahmed Khan on February 5, 2017 at 9:48pm

मुहतरम जनाब आरिफ़      साहिब  ,बहुत ही सुंदर हाइकू हुए  है , मुबारकबाद क़ुबूल फरमाएँ -

Comment by Mohammed Arif on February 5, 2017 at 7:33am
बहुत-बहुत आभार आली जनाब समर कबीर साहब ।
Comment by Samar kabeer on February 4, 2017 at 7:34pm
जनाब मोहम्मद आरिफ़ साहिब आदाब,बहुत उम्दा हाइकू लिखे आपने,इस प्रस्तुति पर दिल से बधाई स्वीकार करें ।
Comment by Mohammed Arif on February 3, 2017 at 4:40pm
बहुत-बहुत शुक्रिया जनाब शेख शहज़ाद उस्मानी साहब ।
Comment by Sheikh Shahzad Usmani on February 3, 2017 at 4:30pm
बेहतरीन गंभीर व्यापक भावपूर्ण सृजन हेतु हार्दिक मुबारक़बाद मोहतरम जनाब मोहम्मद आरिफ साहब।

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