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ग़ज़ल - आँख जब भी कभी लड़ी होगी

बहरे ख़फ़ीफ़ मुसद्दस् मख़बून
फाइलातुन मुफाइलुन् फेलुन

2122 1212 22

उन अदाओं में तिश्नगी होगी ।
कोई खुशबू नई नई होगी ।।

यूं ही नाराजगी नही होती ।
बात उसने भी कुछ कही होगी ।।

होश आया कहाँ उसे अब तक ।
कुछ तबीयत मचल गई होगी ।।

बेकरारी का बस यही आलम ।
बे खबर नींद में चली होगी ।।

कर गया इश्क में तिज़ारत वह ।
शक है नीयत नहीं भली होगी ।।

वो बगावत की बात करता है ।
खबर शायद सही पढ़ी होगी ।।

फ़ितरत ए आइना मुकम्मल है ।
हर हक़ीक़त बुरी लगी होगी ।।

चाहतें जुर्म हैं ज़माने में ।
बे दखल आरजू पड़ी होगी ।।

दाग चूनर का धुल नही सकता ।
हो के मायूस चुप खड़ी होगी ।।

याद हर बार वो किया होगा ।
आँख जब भी कभी लड़ी होगी ।।

- नवीन मणि त्रिपाठी
अप्रकाशित एवम् मौलिक

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Comment by Naveen Mani Tripathi on September 27, 2016 at 10:44am
जनाब शेख शहजाद उस्मानी साहब बहुत शुक्रिया ।
Comment by Naveen Mani Tripathi on September 27, 2016 at 10:42am
आ0 सुरेश कुमार कल्याण साहब आभार ।
Comment by सुरेश कुमार 'कल्याण' on September 27, 2016 at 8:52am
आदरणीय नवीन जी सुन्दर रचना के लिए हार्दिक बधाई प्रेषित है । सादर ।
Comment by Sheikh Shahzad Usmani on September 26, 2016 at 4:22pm
आपकी अनुपम प्रस्तुति का आनंद भी लिया और वरिष्ठ जन की टिप्पणियों से सबक़ भी। सादर हार्दिक बधाई आपको आदरणीय नवीन मणि त्रिपाठी जी।
Comment by Naveen Mani Tripathi on September 26, 2016 at 11:26am
आ0 आशीष सिंह जी हौसला आफजाई के लिए तहे दिल से शुक्रिया ।
Comment by Naveen Mani Tripathi on September 26, 2016 at 11:25am
आ0 शकूर साहब मैंने मूल प्रति में आपकी सलाह कबूल कर ली है । तहे दिल से शुक्रिया ।
Comment by Naveen Mani Tripathi on September 26, 2016 at 11:23am
आ0 कबीर सर सादर नमन । आपकी बात से सहमत हूँ ।
Comment by Naveen Mani Tripathi on September 26, 2016 at 11:22am
आ0डॉ गोपाल नारायण साहब तहे दिल से शुक्रिया
Comment by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on September 25, 2016 at 7:36pm

आँख जब भी कभी लड़ी होगी

 नवीन भाई  बहुत अच्छा लिख रहे हैं आप . बधाई .

Comment by Samar kabeer on September 25, 2016 at 3:43pm
जनाब नवीन मणि त्रिपाठी जी आदाब,उम्दा ग़ज़ल हुई है,दाद के साथ मुबारकबाद क़ुबूल फरमाएं ।
दूसरे शैर में तक़ाबुल-ए-रदीफ़ का दोष आ गया है देखियेगा ।

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