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साधारण सी दिखने वाली घटना अपने साथ कितने सन्देश ले आई है , हार्दिक बधाई प्रेषित है आपको आदरणीय सतविंदर जी
इस कथा की विशेषता इसका साधारण सा कथानक है। अक्सर कथानक हमारे आस पास बिखरे पड़े रहते है जिन्हें हम देख/पहचान नहीं पाते। लेखक ऐसे ही क्षणों अथवा घटनाओं का पकड़ता है। इस हेतु आप बधाई के पात्र हो। जरूरी नहीं है कि हर लघुकथा करंट ही मारती हो या उसमें आसमानी बिजली जैसी कौंध ही हो। साधारणता में से विलक्ष्णता ढूंढना ही असल में लघुकथा है। शीर्षक के इतर यह लघुकथा बहुत ही बढ़ीया है। सादर शुभकामनाएं
न जाने कितने ऐसे बेपरवाही के उदाहरण भरे पड़े हैं फिर अपनी किस्मत का रोना रोते हैं ऐसे लोग ..बहुत अच्छे अलग विषय पर लिखा है आपने आद० सतविन्द्र भैय्या लोगों में इस बात को लेकर जागरूकता आनी चाहिए| अच्छी लघुकथा बहुत बहुत बधाई
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