For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

गज़ल : मधु-मिलन -रामबली गुप्ता

वह्र-122 122 122 122

निशा मध्य धीरे से घूँघट उठेगा।
खिला रूप विधु का ये मन मोह लेगा।।

प्रतीक्षा हृदय जिसकी करता रहा है।
उसी रात्रि का इंदु हिय में खिलेगा।।

मुदित होंगे मन सुख के सपने सजेंगे।
अमित स्रोत सुख का उमड़ के बहेगा।।

रहा आज तक है जो अव्यक्त हिय में।
वही प्रेम-सागर तरंगें भरेगा।।

नयन बंद होंगे अधर चुप रहेंगे।
मुखर मौन ही हाल हिय का कहेगा।।

खिला पुष्प-यौवन बिखेरेगा सौरभ।
भ्रमर पी अमिय मत्त आहें भरेगा।।

मिलन की प्रथम रैन होगी सुधामय।
अधर की छुवन से सकल तन खिलेगा।।

रचना-रामबली गुप्ता
मौलिक एवं अप्रकाशित

Views: 809

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on July 27, 2016 at 12:25pm

प्रेमभाव से आप्लावित सुन्दर ग़ज़ल कही  है आद० रामबली जी हार्दिक बधाई |


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on July 26, 2016 at 5:30pm

आदरणीय रामबली भाई , बहुत सुन्दर गज़ल कही आपने , दिल से बधाइयाँ आपको ।

Comment by रामबली गुप्ता on July 26, 2016 at 12:11pm
हृदय से आभार आद0 श्याम नारायण जी
Comment by Shyam Narain Verma on July 26, 2016 at 12:08pm
क्या बात है .... बहुत उम्दा | बधाई आप को 
Comment by रामबली गुप्ता on July 26, 2016 at 9:27am
बहुत बहुत आभार आद0सुनील जी
Comment by रामबली गुप्ता on July 26, 2016 at 9:25am
सादर आभार आद0 सुशील सरना जी
Comment by shree suneel on July 26, 2016 at 2:50am
क्या बात है! बहुत सुन्दर. अपकी इस मनभावन प्रस्तुति पर आपको हार्दिक हार्दिक बधाई आदरणीय रामबली गुप्ता जी. सादर.
Comment by Sushil Sarna on July 25, 2016 at 6:48pm

नयन बंद होंगे अधर चुप रहेंगे।
मुखर मौन ही हाल हिय का कहेगा।।

वह आदरणीय रामबली गुप्ता जी वाह प्रेमभावों की अव्यक्त अनुभूति को आपने अपनी हिंदी ग़ज़ल में बहुत ही सुंदर ढंग से उकेरा है। हार्दिक बधाई स्वीकार करें मित्र।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

नाथ सोनांचली commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post नूतन वर्ष
"आद0 सुरेश कल्याण जी सादर अभिवादन। बढ़िया भावभियक्ति हुई है। वाकई में समय बदल रहा है, लेकिन बदलना तो…"
3 hours ago
नाथ सोनांचली commented on आशीष यादव's blog post जाने तुमको क्या क्या कहता
"आद0 आशीष यादव जी सादर अभिवादन। बढ़िया श्रृंगार की रचना हुई है"
3 hours ago
नाथ सोनांचली commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post मकर संक्रांति
"बढ़िया है"
3 hours ago
सुरेश कुमार 'कल्याण' posted a blog post

मकर संक्रांति

मकर संक्रांति -----------------प्रकृति में परिवर्तन की शुरुआतसूरज का दक्षिण से उत्तरायण गमनहोता…See More
5 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

नए साल में - गजल -लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'

पूछ सुख का पता फिर नए साल में एक निर्धन  चला  फिर नए साल में।१। * फिर वही रोग  संकट  वही दुश्मनी…See More
5 hours ago
सुरेश कुमार 'कल्याण' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post नूतन वर्ष
"बहुत बहुत आभार आदरणीय लक्ष्मण धामी जी "
22 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . .
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। अच्छे दोहे हुए हैं। हार्दिक बधाई।"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-170
"आ. भाई अखिलेश जी, सादर अभिवादन। दोहों पर मनोहारी प्रतिक्रिया के लिए हार्दिक आभार।"
Sunday
Sushil Sarna replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-170
"सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय जी "
Sunday
Sushil Sarna replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-170
"सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय लक्ष्मण धामी जी , सहमत - मौन मधुर झंकार  "
Sunday
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-170
"इस प्रस्तुति पर  हार्दिक बधाई, आदरणीय सुशील  भाईजी|"
Sunday
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-170
"विषय पर सार्थक दोहावली, हार्दिक बधाई, आदरणीय लक्ष्मण भाईजी|"
Sunday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service