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2222  2222  2222  2222

दिन रात भरी तनहाई में इक उम्र गुज़ारी भी तो है ।

पाकर तुमको एहसास हुआ इक चीज हमारी भी तो है ।

हम बैठ तसव्वुर में तेरे बस ख्वाब नहीं देखा करते,

तेरी सूरत इन आँखों से इस दिल में उतारी भी तो है ।

मसरूफ नहीं दिखता यूँ ही सच में मसरूफ ही रहता हूँ ,

कुछ दिलदारी की बातें हैं कुछ दुनियादारी भी तो है ।

दिन रात हमें तड़पाता है माना ये दर्द जुदाई का,

पर इसमें तेरी यादों की हर वक्त खुमारी भी तो है ।

मकबूल भले ही दुनिया में इक नाम हमारा है आशिक ,

पर लूट लिया दिल आशिक का कुछ बात तुम्हारी भी तो है ।

मौलिक व अप्रकाशित

    नीरज मिश्रा

Views: 889

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Comment by Ashok Kumar Raktale on June 22, 2016 at 9:56pm

हम बैठ तसव्वुर में तेरे बस ख्वाब नहीं देखा करते,

तेरी सूरत इन आँखों से इस दिल में उतारी भी तो है ।........वाह ! बहुत खूब.

खुबसूरत गजल हुई है आदरणीय नीरज मिश्रा जी. बहुत-बहुत बधाई.सादर.


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on June 22, 2016 at 1:32pm

// आयेंगे न तो कहां जायेंगे यही  से सीखा  सब कुछ  //

यह ऐसी स्वीकारोक्ति है, जो किसी सदस्य को दायित्वबोध के प्रति भी सचेत कर देती है. आपका होना इस मंच के अन्यान्य सदस्यों के लिए आवश्यकता बने, नीरज भाई ..

Comment by Neeraj Nishchal on June 22, 2016 at 11:02am

बहुत बहुत हार्दिक शुक्रिया आदरणीय राजेश कुमारी जी

Comment by Neeraj Nishchal on June 22, 2016 at 11:01am

बहुत बहुत हार्दिक धन्यवाद आदरणीय भण्डारी सर

Comment by Neeraj Nishchal on June 22, 2016 at 10:58am

बहुत बहुत शुक्रिया आदरणीय नीलेश भाई

Comment by Neeraj Nishchal on June 22, 2016 at 10:55am

बहुत बहुत हार्दिक शुक्रिया आदरणीय सौरभ पाण्डेय सर
आयेंगे न तो कहां जायेंगे यही  से सीखा  सब कुछ
हम जैसे छोटे छोटे जुगनुओं  आप जैसे सूरजों की आभा
में फलने फूलने का अवसर यही  पर सुगमता से  प्राप्त होता  है
आपकी प्रतिक्रिया के लिए कोटि कोटि आभार |

Comment by Neeraj Nishchal on June 22, 2016 at 10:44am

बहुत बहुत हार्दिक आभार श्याम नारायण वर्मा जी


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on June 21, 2016 at 10:28am

बहुत  सुन्दर ग़ज़ल  वाह्ह्ह  दिल से बहुत बहुत दाद स्वीकार करें नीरज जी 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on June 21, 2016 at 10:15am

आदरणीय नीरज भाई , बहुत खूबसूरत गज़ल कही है , हार्दिक बधाइयाँ आपको

Comment by Nilesh Shevgaonkar on June 20, 2016 at 10:09pm

वाह ..बहुत खूब 

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