For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

2122 1212 112/22

वक्त का अब हिसाब कौन रखे
अपनी आँखों में आब कौन रखे

वक्त आखिर गुज़र ही जायेगा
सो तबीअत ख़राब कौन रखे

जब मुअय्यन नहीं कि कल क्या हो
तो भला इज़्तिराब कौन रखे

जब हर इक नक़्श तेरा किस्सा है
साथ अपने क़िताब कौन रखे

मुस्कुराने के हैं सबब लाखों
रुख पे अपने नक़ाब कौन रखे

सच से क्यों हो गुरेज़-पा कोई
थाली में आफ़ताब कौन रखे

फूट ही जाना है रवाँ होकर
सत्ह-ए-दिल पर हुबाब कौन रखे

मु्अय्यन-तय; इज़्तिराब-बेचैनी; नक़्श-तस्वीर; गुरेज़पा-बचके चलने वाला; आफ़ताब-सूरज;
हुबाब- बुलबुला

मौलिक,अप्रकाशित

Views: 475

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by kanta roy on March 28, 2016 at 11:11am

वक्त आखिर गुज़र ही जायेगा
सो तबीअत ख़राब कौन रखे...वाह !  वाह ! बहुत  ही  उम्दा शेर  है  . बधाई  आपको इस  बेहतरीन  ग़ज़ल  के  लिए  आदरणीय शिज्जु शकूर जी .

Comment by Rahul Dangi Panchal on March 16, 2016 at 10:20am
आदरणीय बहुत सुन्दर ग़ज़ल हुई है
Comment by रामबली गुप्ता on March 15, 2016 at 7:05pm
इस शानदार ग़ज़ल के लिए तहे दिल से मुबारकबाद कुबूल फरमाएं आ.
Comment by Ravi Shukla on March 15, 2016 at 12:53pm

आदरणीय शिज्‍जू जी बहुत ही बढिया शेर कहे है आपने शेर दर शेर दिली दाद कुबूल करें ।

वक्त आखिर गुज़र ही जायेगा
सो तबीअत ख़राब कौन रखे  बहुत ही बढि़या सकारात्‍मक विचार वाला शेर है पुन: बधाई

Comment by Samar kabeer on March 14, 2016 at 11:27pm
जनाब शिज्जु शकूर जी,आदाब,इस मुश्किल ज़मीन में बहुत अच्छे अशआर निकाले आपने,इस शानदार ग़ज़ल के लिये शैर दर शैर दाद के साथ मुबारकबाद क़ुबूल फ़रमाऐं।
Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on March 14, 2016 at 11:31am

आ० भाई शिज्जु जी , सुन्दर ग़ज़ल हुई है , हार्दिक बधाई .

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Vikas is now a member of Open Books Online
23 hours ago
Sushil Sarna posted blog posts
yesterday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा दशम्. . . . . गुरु
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय । विलम्ब के लिए क्षमा "
Monday
सतविन्द्र कुमार राणा commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: मिथिलेश वामनकर
"जय हो, बेहतरीन ग़ज़ल कहने के लिए सादर बधाई आदरणीय मिथिलेश जी। "
Monday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"ओबीओ के मंच से सम्बद्ध सभी सदस्यों को दीपोत्सव की हार्दिक बधाइयाँ  छंदोत्सव के अंक 172 में…"
Sunday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय सौरभ जी सादर प्रणाम, जी ! समय के साथ त्यौहारों के मनाने का तरीका बदलता गया है. प्रस्तुत सरसी…"
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"वाह वाह ..  प्रत्येक बंद सोद्देश्य .. आदरणीय लक्ष्मण भाईजी, आपकी रचना के बंद सामाजिकता के…"
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अशोक भाई साहब, आपकी दूसरी प्रस्तुति पहली से अधिक जमीनी, अधिक व्यावहारिक है. पर्वो-त्यौहारों…"
Sunday
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय सौरभ भाईजी  हार्दिक धन्यवाद आभार आपका। आपकी सार्थक टिप्पणी से हमारा उत्साहवर्धन …"
Sunday
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी छंद पर उपस्तिथि उत्साहवर्धन और मार्गदर्शन के लिए हार्दिक आभार। दीपोत्सव की…"
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय  अखिलेश कॄष्ण भाई, आयोजन में आपकी भागीदारी का धन्यवाद  हर बरस हर नगर में होता,…"
Sunday
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय भाई लक्ष्मण धामी जी छन्द पर उपस्तिथि और सराहना के लिए हार्दिक आभार आपका। दीपोत्सव की हार्दिक…"
Sunday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service