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मैंने सोचा न था ......

मैंने सोचा न था ......

मुझे गीत का नाम देकर
तुम बार बार
मुझे गुनगुनाओगे
सच ! ऐसा तो कभी
मैंने सोचा न था//

मेरे रक्ताभ अधरों पर
अपनी अनुभूति का
अनमोल स्पर्श छोड़ जाओगे
सच ! ऐसा तो कभी
मैंने सोचा न था//

मेरे अंतरंग पलों में
प्रेम घनों की
नन्ही बूंदों सा बरसता
तुम कोई राग छोड़ जाओगे
सच ! ऐसे तो कभी
मैंने सोचा न था//

कभी मेरी मूक व्यथा
शून्यता से मिल
उसके अंक में विलीन हो जाएगी
सच ! ऐसा भी कभी
मैंने सोचा न था//

मेरी संसृति में
साँसे लेता जीवन राग का
अद्भुत अंकन
एक दिन विरह निशा में
खो जाएगा
सच ! ऐसा भी तो
मैंने  सोचा न था//

मेरे रुधिर में आज भी
तुम्हारी स्मृति का मृदु चुंबन
मेरी कंपन का
अभिनन्दन करता है
लौट आओ प्रिय कि
तुम बिन तुम्हारा ये गीत
हर पल क्रंदन करता है
अपने ही सृजन से
मुंह मोड़ जाओगे
प्रेम का विरह से
शृंगार कर जाओगे
सच ! ऐसा तो कभी
मैंने सोचा न था//


सुशील सरना
मौलिक एवं अप्रकाशित

Views: 614

Comment

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Comment by Sushil Sarna on March 14, 2016 at 5:01pm

आ.  vijay nikore   जी प्रस्तुति को आत्मीय मान देने का हार्दिक आभार। 

Comment by vijay nikore on March 14, 2016 at 1:09pm

 बहुत ही सुन्दर, अति भाव-प्रधान रचना के लिए बधाई।

Comment by Sushil Sarna on March 11, 2016 at 1:03pm

आ.  रामबली गुप्ता  जी प्रस्तुति की गहनता पर आपकी स्वीकृति देती प्रतिक्रिया का दिल से आभार। 

Comment by Sushil Sarna on March 11, 2016 at 1:02pm

आ.  सर्वेश कुमार मिश्र   जी प्रस्तुति को आत्मीय मान देने का हार्दिक आभार। 

Comment by रामबली गुप्ता on March 10, 2016 at 11:19pm
वाह वाह आ.सुशील सरना जी क्या बात आप की अभिव्यक्तियों का तो मैं अनुरागी हो गया। इस भाव पूर्ण कविता के लिए हृदय तल से बधाई स्वीकार करें।सादर
Comment by सर्वेश कुमार मिश्र on March 10, 2016 at 10:38pm

Waah

Comment by Sushil Sarna on March 9, 2016 at 9:12pm

आ. Kewal Prasad  जी प्रस्तुति की गहनता पर आपकी स्वीकृति देती प्रतिक्रिया का दिल से आभार। 

Comment by Sushil Sarna on March 9, 2016 at 9:11pm

आ.  ram shiromani pathak   जी प्रस्तुति को आत्मीय मान देने का हार्दिक आभार। 

Comment by केवल प्रसाद 'सत्यम' on March 9, 2016 at 9:00pm

आ० सरना भाई जी, सुंदर एवं भावपूर्ण कविता के लिये हार्दिक बधाई . सादर

Comment by ram shiromani pathak on March 9, 2016 at 5:55pm
अहा शब्दों का सटीक प्रयोग।।बधाई आदरणीय

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