For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

121 22 121 22 121 22 121 22


सवाल लिखना जवाब लिखना तू कल्पना की उडान लिखना
किसी की चाहत किसी की नफरत किसी के गम का उफान लिखना

बचाना खुद को सदा अहम से कभी न झूठे बयान लिखना
अगर न सच को हो लिखना मुमकिन तो सच्चे लोगों की शान लिखना

जो ज़िन्दगी से हुए परेशां भटक रहे हैं खला के घर में
तू उनकी आँखों को पढ़ने जाना उदासियों के निशान लिखना

ज़माने भर औ फलक की खुश्बू सजेगी तेरी हथेलियों में
ज़मी की खातिर मिले ज़मी में तू उनके जीवन का गान लिखना

नज़र का ग़म जो ग़ज़ल में भर दे हुनर ये हासिल किसी किसी को
नहीं है मुमकिन जो शाइरी तो तू दिल में भारत महान लिखना

मौलिक और अप्रकाशित
सुखनवर नामक whats up ग्रुप पर काफ़िया बंदिश कार्यक्रम में आज ही कही गई

Views: 484

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by मनोज अहसास on February 26, 2016 at 4:06pm
आदरणीय मिश्रा जी बहुत बहुत आभार
सादर
Comment by Dr Ashutosh Mishra on February 26, 2016 at 10:26am

आदरणीय मनोज जी ..इस कठिन बहर पर आपके इस शानदार प्रयास पर हार्दिक बधाई ..अच्छा सन्देश निहित है इस ग़ज़ल में ढेर सारी बधाई के साथ सादर 

Comment by मनोज अहसास on February 26, 2016 at 9:56am
सभी आदरणीय सुधी जनो का हार्दिक आभार
सादर
Comment by Madan Mohan saxena on February 25, 2016 at 5:39pm

नज़र का ग़म जो ग़ज़ल में भर दे हुनर ये हासिल किसी किसी को
नहीं है मुमकिन जो शाइरी तो तू दिल में भारत महान लिखना


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on February 24, 2016 at 4:49pm

आदरनीय मनोज भाई , एक बहुत कठिन बह्र मे आपने बढिया गज़ल कही है , दिली मुबारकबाद कुबूल करें ।

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on February 24, 2016 at 11:41am

आ० भाई मनोज जी अच्छी ग़ज़ल हुई .हार्दिक बधाई .

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Sushil Sarna commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post दोहा दसक - सपने
"उत्तम प्रस्तुति सर हार्दिक बधाई"
5 hours ago
Sushil Sarna commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post दोहा दसक -वाणी
"वाह बेहतरीन 👌 प्रस्तुति सर हार्दिक बधाई"
5 hours ago
Sushil Sarna commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post दोहा दसक- झूठ
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी झूठ पर आधारित सुन्दर दोहावली का सृजन हुआ है ।हार्दिक बधाई ।सर क्या दोहे में…"
5 hours ago
Sushil Sarna posted blog posts
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted blog posts
yesterday
सुरेश कुमार 'कल्याण' posted a blog post

दोहा चतुर्दशी (महाकुंभ)

दोहा चतुर्दशी (महाकुंभ)-----------------------------देवलोक भी जोहता,चकवे की ज्यों बाट।संत सनातन संग…See More
yesterday
सुरेश कुमार 'कल्याण' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post दोहा अष्टक (प्रकृति)
"बहुत बहुत धन्यवाद आदरणीय मुसाफ़िर जी "
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post दोहा अष्टक (प्रकृति)
"आ. भाई सुरेश जी, सादर अभिवादन। उत्तम दोहे रचे हैं हार्दिक बधाई।"
Thursday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post छः दोहे (प्रकृति)
"आ. भाई सुरेश जी, सादर अभिवादन। उत्तम दोहे रचे हैं हार्दिक बधाई।"
Thursday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post शर्मिन्दगी - लघु कथा
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी प्रस्तुति को मान देने का दिल से आभार आदरणीय जी ।हार्दिक आभार "
Wednesday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Saurabh Pandey's discussion गजल : निभत बा दरद से // सौरभ in the group भोजपुरी साहित्य
"किसी भोजपुरी रचना पर आपकी उपस्थिति और उत्साहवर्द्धन किया जाना मुझे अभिभूत कर रहा है। हार्दिक बधाई,…"
Wednesday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post दोहे (प्रकृति)
"आ. भाई सुरेश जी, सादर अभिवादन। उत्तम दोहे रचे हैं हार्दिक बधाई।"
Wednesday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service