For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

जाति आधारित जनगणना : कुछ दोहे

राष्‍ट्र वाद पर हो रही, जाति वाद की मार ।

ज़हर  घोलने के  लिये, सहमत है  सरकार ।।

 

ज़हर जाति का कर रहा, जनमत पूर्व प्रचार ।

भला  नहीं  आवाम  का,  डालेगी  ये  रार ।।

 

जनगणना के आंकड़े, नहीं राष्‍ट्र अनुकूल ।

भूल गये इतिहास क्‍यूँ , बंग भंग का मूल ।।

 

जांत पांत की धारणा, संख्‍या सोच अजीब ।

निर्धनता से जूझ कर , संभला कहां गरीब ।।

जाति प्रथा का नाश हो, सबकी इक पहचान ।

भारत के सब नागरिक, सारे है इन्‍सान ।।

 

( मौलिक एवं अप्रकाशित )

 

Views: 591

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Ravi Shukla on July 23, 2015 at 3:23pm

आप सभी को दोहे पंसद आये । ह्रदय से आभार

Comment by JAWAHAR LAL SINGH on July 22, 2015 at 9:18pm

सामयिक विषय पर उत्तम दोहे आदरणीय रवि शुक्ल जी!

Comment by maharshi tripathi on July 22, 2015 at 7:25pm

जांत पांत की धारणा, संख्‍या सोच अजीब ।

निर्धनता से जूझ कर , संभला कहां गरीब ।।,,,वाह ! बहुत बढ़िया आ. Ravi Shukla जी |

Comment by Rahul Dangi Panchal on July 22, 2015 at 10:20am
आदरणीय बहुत ही सटिक विषय पर दोहें लिखे। दिल से दाद देता हूँ

सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on July 21, 2015 at 11:12am

आ. रवि शुकला जी , सभी दोहे बहुत अच्छे लगे ! आपको हार्दिक बधाई दोहा वली के लिये ।

Comment by Ravi Shukla on July 21, 2015 at 9:59am

समादरणीय राजेश कुमारी जी एवं मिथिलेश जी

आभार आप विद्वतजन का

प्रयास को परामर्श देते रहें


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on July 20, 2015 at 10:28pm

अच्छी दोहावली हुई है रवि शुक्ला जी,बधाई स्वीकारें . 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by मिथिलेश वामनकर on July 20, 2015 at 5:53pm

आदरणीय रवि जी, बहुत बढ़िया दोहावली हुई है इस प्रस्तुति पर हार्दिक बधाई 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post दोहा अष्टक (प्रकृति)
"आ. भाई सुरेश जी, सादर अभिवादन। उत्तम दोहे रचे हैं हार्दिक बधाई।"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post छः दोहे (प्रकृति)
"आ. भाई सुरेश जी, सादर अभिवादन। उत्तम दोहे रचे हैं हार्दिक बधाई।"
yesterday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post शर्मिन्दगी - लघु कथा
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी प्रस्तुति को मान देने का दिल से आभार आदरणीय जी ।हार्दिक आभार "
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Saurabh Pandey's discussion गजल : निभत बा दरद से // सौरभ in the group भोजपुरी साहित्य
"किसी भोजपुरी रचना पर आपकी उपस्थिति और उत्साहवर्द्धन किया जाना मुझे अभिभूत कर रहा है। हार्दिक बधाई,…"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post दोहे (प्रकृति)
"आ. भाई सुरेश जी, सादर अभिवादन। उत्तम दोहे रचे हैं हार्दिक बधाई।"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Sushil Sarna's blog post शर्मिन्दगी - लघु कथा
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। सुन्दर लघुकथा हुई है। हार्दिक बधाई।"
yesterday
Shyam Narain Verma replied to Saurabh Pandey's discussion गजल : निभत बा दरद से // सौरभ in the group भोजपुरी साहित्य
"नमस्ते जी, बहुत ही सुन्दर भोजपुरी ग़ज़ल की प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
Tuesday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey added a discussion to the group भोजपुरी साहित्य
Thumbnail

गजल : निभत बा दरद से // सौरभ

जवन घाव पाकी उहे दी दवाईनिभत बा दरद से निभे दीं मिताई  बजर लीं भले खून माथा चढ़ावत कइलका कहाई अलाई…See More
Tuesday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post शर्मिन्दगी - लघु कथा
"आदरणीय श्याम नारायण वर्मा जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय"
Sunday
Shyam Narain Verma commented on Sushil Sarna's blog post शर्मिन्दगी - लघु कथा
"नमस्ते जी, बहुत ही सुन्दर और ज्ञान वर्धक लघुकथा, हार्दिक बधाई l सादर"
Saturday
सुरेश कुमार 'कल्याण' posted blog posts
Feb 1
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted blog posts
Feb 1

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service