For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

तितली के इतने रूपों को

कभी न देखा 

कभी न जाना परखा मैंने ..

देखा तो बस मैंने इतना

रंगबिरंगी उडती तितली

पलक झपकते पर सिकोड़ती और फैलाती 

जल्दी-जल्दी ...फूल फूल पर उड़कर जाती

जैसे कोई समाज सेविका बड़े प्यार से

दुखियारों के दर पर जाती ...

उनके सारे दुःख समेट कर 

अपनेपन  का भाव जगाती

थोडा सा मन को हर्षाती 

फूल सभी खिल से उठते हैं

जब तितली बगिया  में आती ...

सोच नहीं पाता क्यों कोई

क्यों तितली बगिया में आती ?

हम सारे भी तितली जैसे 

रहें न क्यों इस जग उपवन में 

चूस दुखों को हर्षित कर दें

आशागार्भित मानव मन को 

आचार्यप्रवर आदरणीय सलिल जी की कविता 'तितलियाँ'पर मेरे उदगार  आचार्य जी को समर्पित

Views: 424

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Neelam Upadhyaya on April 11, 2011 at 10:10am

Prakriti ki khoobsoorti ko ukerti bahut hi badhiya rachna.  Badhayee swikar kare.


मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on April 10, 2011 at 12:03pm
बहुत सुंदर शब्द चित्रण, प्राकृतिक खूबसूरती का एहसास कराती खुबसूरत रचना , बधाई डाक्टर साहिब |
Comment by Sanjay Rajendraprasad Yadav on April 9, 2011 at 1:41pm

" कुदरत की रंग-विरंगी तितलियों को देखे बहुत दिन बीत गए जो प्रकृत की सान सोभा बठाती है ,

 पर आज मानव सामाज में कुछ और ही लोग तितलियों की तरह उड़ फुर्र -फुर्र  इठलाती है"

जो स मा ज में घ त क हो जाती है,

 

आप को बहुत बहुत धन्यवाद  जी

Comment by Aakarshan Kumar Giri on April 9, 2011 at 9:48am
bhaut barhiyaa....
Comment by sanjiv verma 'salil' on April 8, 2011 at 11:07pm
apki gungrahakata ko naman.

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-109 (सियासत)
"यूॅं छू ले आसमाॅं (लघुकथा): "तुम हर रोज़ रिश्तेदार और रिश्ते-नातों का रोना रोते हो? कितनी बार…"
Tuesday
Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-109 (सियासत)
"स्वागतम"
Apr 29
Vikram Motegi is now a member of Open Books Online
Apr 28
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा पंचक. . . . .पुष्प - अलि

दोहा पंचक. . . . पुष्प -अलिगंध चुराने आ गए, कलियों के चितचोर । कली -कली से प्रेम की, अलिकुल बाँधे…See More
Apr 28
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम मेठानी जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और हौसला अफ़ज़ाई का तह-ए-दिल से शुक्रिया।"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दयाराम जी, सादर आभार।"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई संजय जी हार्दिक आभार।"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. रिचा जी, हार्दिक धन्यवाद"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दिनेश जी, सादर आभार।"
Apr 27
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय रिचा यादव जी, पोस्ट पर कमेंट के लिए हार्दिक आभार।"
Apr 27
Shyam Narain Verma commented on Aazi Tamaam's blog post ग़ज़ल: ग़मज़दा आँखों का पानी
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
Apr 27

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service