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Aakarshan Kumar Giri
  • Male
  • Patna
  • India
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Profile Information

Gender
Male
City State
Bihar
Native Place
Patna
Profession
Journalist

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Aakarshan Kumar Giri's Blog

अपने जज्बात तजुर्बात संभाले रखना

बेरुखी का कोई चिराग जलाये रखना

कम से कम एक सितारे को सताये रखना

शमा जल जायेगी बुझ जायेगी रुसवा होगी

दिल में जज्बात की इक लौ को जलाये रखना

तू वहीं है जहां से मेरी सदा लौटी है

अगर सुना न हो तो कान लगाये रखना

न जाने कौन सी महफिल है जहां मैं भी नहीं

मेरी जज्बात की रंगत को बनाये रखना

साथ वो आये न आये है ये उसकी मर्जी

अपने जज्बात तजुर्बात संभाले रखना

जिन्दगी दूर से कु्छ ऐसी सदा देती है

कोई मुश्किल नहीं अपनों को अपनाये रखना

ख्वाब आंखों में न… Continue

Posted on July 14, 2011 at 2:42pm

घर की खुशबू कुरान जैसी है

ख्वाब उनमें नहीं अब पलते हैं
उसकी आंखें चिराग़ जैसी हैं

उसकी आंखों में है जहां का ग़म
उसकी किस्मत खुदा के जैसी है

कहने को तो दुनिया भी एक महफिल है
इसकी सूरत बाजार जैसी है

हरेक घर को इबादत की नजर से देखो
घर की खुशबू कुरान जैसी है

जबसे आया हूं होम करता रहा हूं
जिन्दगी हवन कुंड के जैसी है



- आकर्षण कुमार गिरि

Posted on April 30, 2011 at 1:00pm — 2 Comments

दिलों का वास्ता कैसा सवालों के जहां साए ?

तेरे दीदार की हसरत, हमारे दिल में पलती है



हुई मुद्दत मेरी नज़रें, तुम्हारी राह तकती हैं



यही ख्वाहिश थी बस दिल में, मैं तेरे दर पे आ बैठा



और उसपे पूछना तेरा, बताओ क्यों यहां आए ?





अनूठे यार हो तुम भी, गज़ब के प्यार हैं हम भी



भले मझधार हो तुम भी, सुनो पतवार हैं हम भी



सवालों से तेरे घबरा गया तो ख़ाक याराना



दिलों का वास्ता कैसा सवालों के जहां साए ?





यही इल्ज़ाम है तुम पर, कि दिल बर्वाद करते… Continue

Posted on March 25, 2011 at 12:07pm — 4 Comments

चुभती साँसें मत देखा कर

ख्वाब पुराने मत देखा कर,
धुंधली यादें मत देखा कर,

और भी दर्द उभर आयेंगे,
दिल के छाले मत देखा कर,

जीवन में पैबंद बहुत हैं,
मूँद ले आँखें मत देखा कर,

अपने घर कि बात अलग है,
घर औरों के मत देखा कर,

कहने वाले बस कहते हैं,
दिन में सपने मत देखा कर,

जीवन का जब जोग लिया है,
चुभती साँसें मत देखा कर,

- आकर्षण

Posted on February 13, 2011 at 10:00am — 3 Comments

Comment Wall (5 comments)

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At 3:12pm on December 17, 2010,
मुख्य प्रबंधक
Er. Ganesh Jee "Bagi"
said…
At 10:02am on December 13, 2010, Admin said…

At 3:43pm on December 8, 2010, Rash Bihari Ravi said…
namaskar bhai
At 7:38pm on December 4, 2010, PREETAM TIWARY(PREET) said…

At 4:11pm on December 4, 2010, Abhinav Arun said…
स्वागत गिरि जी !! ओ.बी. ओ. परिवार में आप से और साहित्यिक आकर्षण आएगा !!ये मंच और समृद्ध होगा |
 
 
 

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