For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

बिटिया थोड़ी छोटी हो जा

बिटिया तू थोड़ी छोटी हो जा

नकचढ़ी थोड़ी सरफिरी हो जा

 

अब किसी बात की फरमाइश नहीं होती

गालों पे चुम्बन की बारिश नहीं होती

नयी नयी ड्रेस की सिफारिश नहीं होती

नयी डिश के लिए मस्कापालिश नहीं होती

मूवी जाने के लिए साजिश नहीं होती

माँ को पटाने की अब कोशिश नहीं होती

 

थोड़ी सी फिर से लहरी हो जा

नकचढ़ी थोड़ी सरफिरी हो जा

बिटिया तू थोड़ी छोटी हो जा

 

मीटिंग के बहाने ऑफिस जल्दी जाना

रात को देर से आना फिर जल्दी सोना  

मन के खालीपन को हंसी में उडाना

बढती हुई उमर को मेकअप में छिपाना

पापा की यादों को तकिये में बहाना

नहीं अच्छा लगता तेरा यूँ बड़ा होना

 

इक बार फिर छोटी परी हो जा

नकचढ़ी थोड़ी सरफिरी हो जा

बिटिया तू थोड़ी छोटी हो जा 

निधि 

मौलिक और अप्रकाशित 

Views: 738

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by JAWAHAR LAL SINGH on April 10, 2015 at 7:57pm

एक जिम्मेदार बिटिया की संवेदना को आपने बखूबी शब्दों में बाँधा है! आदरणीया निधि जी 

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on April 10, 2015 at 7:45pm

सुंदर हृदयस्पर्शी पंक्तियाँ. बधाई आदरणीया निधि जी

Comment by Dr Ashutosh Mishra on April 10, 2015 at 4:11pm

आदरणीया निधि जी  इस सुंदर रचना के लिए हार्दिक बधाई सादर 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by शिज्जु "शकूर" on April 9, 2015 at 7:37pm

बहुत सुंदर रचना है आदरणीया निधि जी बहुत बहुत बधाई

Comment by Nidhi Agrawal on April 9, 2015 at 6:49pm

आदरणीया राजेश कुमारी जी .. आपकी रचना पर उपस्थिती और स्नेहिल प्रतिक्रिया के लिए आभार 

मेरी रचना शायद अपने भावों को सही रूप में नहीं प्रस्तुत कर पायी 

Comment by Nidhi Agrawal on April 9, 2015 at 6:45pm

आदरणीय गिरिराज जी आपका बहुत बहुत आभार .. मेरी कविता शायद भावों को एकदम सही तरीके से पेश नहीं कर पायी .. मैं उस माँ का दर्द जताना चाहती थी जिसकी बेटी पापा की मृत्यु के बाद परिवार की जिम्मेदारियों में सब कुछ भूल गयी ..और मजबूरी कहो या जरुरत ..अविवाहित खोखली ज़िन्दगी में न माँ खुशियाँ भर पायी न उसका दर्द बाँट पायी 

Comment by Nidhi Agrawal on April 9, 2015 at 6:41pm

आदरणीय डॉ. विजय जी आपकी स्नेहिल प्रतिक्रिया के लिए बहुत बहुत धन्यवाद

Comment by Nidhi Agrawal on April 9, 2015 at 6:38pm

आदरणीय @मिथिलेश वामनकर जी बहुत बहुत धन्यवाद आपका 

Comment by maharshi tripathi on April 9, 2015 at 5:21pm

सुन्दर ,,,कविता पर ,,,ढेरो बधाई आपको आ. Nidhi Agrawal  जी |


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on April 9, 2015 at 11:30am

आदरणीया , बच्चों की भोली शरारतों की ख़्वाहिश सच मे कभी उठ जाती है, खास तौर पे तब , जब गंभीरता आ जाती है बच्चों मे  ! बहुत सुन्दर । बधाई आदरणीया ।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

सुरेश कुमार 'कल्याण' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post दोहा सप्तक
"बहुत बहुत धन्यवाद आदरणीय लक्ष्मण धामी जी "
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post दोहा सप्तक
"आ. भाई सुरेश जी, सादर अभिवादन। सुंदर दोहे हुए हैं । हार्दिक बधाई।"
yesterday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"सादर नमस्कार आदरणीय।  रचनाओं पर आपकी टिप्पणियों की भी प्रतीक्षा है।"
Friday
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"आपका हार्दिक आभार आदरणीय उस्मानी जी।नमन।।"
Friday
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"आपका हार्दिक आभार आदरणीय तेजवीर सिंह जी।नमन।।"
Friday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"बहुत ही भावपूर्ण रचना। शृद्धा के मेले में अबोध की लीला और वृद्धजन की पीड़ा। मेले में अवसरवादी…"
Friday
TEJ VEER SINGH replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"कुंभ मेला - लघुकथा - “दादाजी, मैं थक गया। अब मेरे से नहीं चला जा रहा। थोड़ी देर कहीं बैठ लो।…"
Friday
TEJ VEER SINGH replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"आदरणीय मनन कुमार सिंह जी, हार्दिक बधाई । उच्च पद से सेवा निवृत एक वरिष्ठ नागरिक की शेष जिंदगी की…"
Friday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"बढ़िया शीर्षक सहित बढ़िया रचना विषयांतर्गत। हार्दिक बधाई आदरणीय मनन कुमार सिंह जी।…"
Friday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"रचना पटल पर उपस्थिति और विस्तृत समीक्षात्मक मार्गदर्शक टिप्पणी हेतु हार्दिक धन्यवाद आदरणीय तेजवीर…"
Friday
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"जिजीविषा गंगाधर बाबू के रिटायर हुए कोई लंबा अरसा नहीं गुजरा था।यही दो -ढाई साल पहले सचिवालय की…"
Friday
TEJ VEER SINGH replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी साहब जी , इस प्रयोगात्मक लघुकथा से इस गोष्ठी के शुभारंभ हेतु हार्दिक…"
Friday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service